सोमवार, 11 मार्च 2024

सब... कुछ... सम्भव ( every thing is possible)

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Rajasthan ( इंडिया)  

सब... कुछ... .. सम्भव ! 

क्या मैं भी कर सकता हूँ..... असंभव को संभव.....?

 ( Every things is possible) 

दोस्तो, इस धरती पर मनुष्य के लिए कुछ भी असंभव नहीं है, हर  कार्य उसके वश का हैं, पर इंसान को कई बार अपनी ताकतो का एहसास नहीं हो पाता। आप-- दिन रात, चलते- फिरते, घूमते, सोते, जागते सेकडों मानव और प्रकृति जनित वस्तुये देखते और महसूस करते हैं।  क्या इनमे कुछ ऐसी है जो इंसान के लिए असंभव हो। दुनिया में असंभव कुछ नहीं होता। सब कुछ सम्भव है। every things is possible। बसरते, जिसे आप पाना चाहते है,  कोई पद, वस्तु, लक्ष्य, व्यक्ति आदि, उसके प्रति आपकी चाहत कितनी है, ये बात मायने रखती है।  एक बहुत पुरानी और सुनी सुनाई कहावत है, पर हम उसे नजरंदाज कर देते है। कहावत है "" जहाँ चाह, वहाँ राह"।  अर्थात् एक व्यक्ति मन और मस्तिस्क से  कुछ भी ठान ले । कुछ भी चाहत कर ले। तो रास्ते खुद--ब---खुद तैयार हो जाते है। 


यदि हम अपनी मन की गहराई मे जाकर अपनी शक्तियों का आकलन कर उनका सही उपयोग कर ले तो फिर कुछ भी मुश्किल नहीं। अपनी सक्तियो को आत्मसात करने वाले अनेक व्यक्ति युगपुरुष और महापुरुष कहलाये। गाँधी जी दिखने मे हाड़ मास के पुतले भर थे, बस। पर सायद  किसी को यकीन  था कि हाड़ मास का ये पुतला, लँगोटी बांधने वाला फकीर, भारत से बाहरी ताकतो को बेदखल कर, विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की नीव रखेगा। किसी को यकीन नहीं था की विवेकानंद इतनी सी उम्र में विदेशी धरती से पूरी दुनिया को  मंत्र मुग्ध कर कर देंगे। उस जमाने मे ऐसा करना एकदम इंपासीबल लगता था । पर ऐसा हुआ । क्योंकि सब कुछ मनुष्य के लिए संभव है। एक युवा और एक छात्र में असीम शक्तियां होती है। उसमें असीमित ऊर्जा और आत्म बल होता है। यदि अपनी इन शक्तियों का सदुपयोग हो जाए तो मनुष्य कुछ भी कर सकता है। दुनिया में अनेक उदाहरण है, जो साबित करते हैं कि साबित करते हैं कि ऊर्जावान और आत्मविश्वास से भरपूर व्यक्तियों ने पहाड़ों को खोद कर मैदानो में बदल दिया। पढ़ाई में कमजोर, कद में छोटे, और दिखने में स्वभाव से शर्मीले सचिन तेंदुलकर ने आपने समय में क्रिकेट में ऐसे ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाएं जो समस्त क्रिकेट खिलाड़ियों और पूरी दुनिया के लिए असंभव प्रतीत होते थे। दोस्तों इंसान के पास एक बहुत बड़ी चीज है जिस से कम ही लोग वाकिफ है और वह है अपने "मन कि शक्ति"… मन की शक्ति वह ताकत है जो कठिन से कठिन कार्य को भी सरलता में बदल देती है। हर मुश्किल राह को आसान कर देती है। एक छात्र अगर ठान  ले और अपनी आत्मशक्ति,  इच्छा शक्ति, और मन की शक्ति का सदुपयोग कर ले तो दुनिया में कोई भी कार्य दुष्कर नहीं हो सकता। कदापि नहीं हो सकता। दोस्तों शताब्दी के महान कलाकार अमिताभ बच्चन साहब जब फिल्मों में काम मांगने के लिए, फिल्म निर्माताओ के दफ्तर में जाते थे, तो उनका मजाक बनाकर उन्हें भगा दिया जाता था कि वह शक्ल सूरत और किसी भी तरीके से अभिनेता बनने लायक नहीं है। इसके बाद फिर क्या हुआ दोस्तों, कैसे वही इंसान आगे चलकर भारतीय फ़िल्म जगत का पितामह बन गया। वही बच्चन साहब  भारतीय फ़िल्म जगत और  शताब्दी के महान कलाकार बने। नाना पाटेकर और नसरुद्दीन शाह दोनों ना सकल-सूरत से अभिनेता बनने लायक थे ना अन्य पर्सनालिटी से। लेकिन उन्होंने अपने अंदर छुपी हुई दूसरी प्रतिभाओं का इस्तेमाल किया और फिल्मों में ही ना केवल सफल बल्कि लोकप्रिय भी हुए। सफल होने और लोकप्रिय होने में भी फर्क है। 


 किसी भी कठिन कार्य को करने में एक सबसे बड़ी चीज होती है विश्वास..। आपको अपने आप पर भरोसा होना चाहिए विश्वास होना चाहिए। हमेशा यह विश्वास रखें कि सही दिशा में ज्ञान का प्रयोग करने से सब कुछ अच्छा होता है। सफलता हाथ लगने से मनुष्य निराश हो जाता है जबकि विश्वास से भरी हुई चींटी भी पर्वत पर चढ़ जाती है। ऊंची दीवारों पर चढ़ने के प्रयत्न वह बार-बार करती है बार-बार गिरती है फिर भी प्रयास अंत तक करती रहती है। और सफल हो जाती है। चींटी अपने विश्वास के साथ तब तक प्रयत्न करती है जब तक कि वह सफल नहीं हो जाती है। जब तक मन में विश्वास नहीं होता तब तक प्रयास नहीं होता,  और जब तक प्रयास नहीं होता,  तब तक सफलता भी नहीं होती। और ना ही तब तक आप किसी भी असंभव कार्य को संभव कर सकते हैं। आस्था और विश्वास के साथ हम किसी भी दिशा में कार्य करें तो निश्चित रूप से हमें सफलता भी मिलेगी और सुख भी मिलेगा।
 असंभव को संभव करने के लिए एक और बेहतरीन चीज जो आपके अंदर होनी चाहिए वह है एक उदेश्य पूर्ण "ज़िद"।  कार्य को करने का एक जुनून सर पर सवार होना चाहिए। इसका एक उदाहरण देकर मैं आपको बताता हूं -- भारत के बिहार राज्य के दशरथ मांझी जिन्हें माउंटेन मैन के रूप में जाना जाता है, एक गरीब और मजदूर थे उन्होंने अकेले केवल छेनी और हथौड़े, से बिना किसी मशीनी सहायता के एक बड़े पहाड़ को काटकर सड़क बना डाली। बताइए पहाड़ को काटना कितना असंभव कार्य है लेकिन जिद के सामने यह भी संभव हुआ।
 एक और उदाहरण देखते हैं हुसैन बोल्ट का। शराब और सिगरेट बेचने वाला हुसैन बोल्ट दुनिया का सबसे तेज धावक बन गया उन्होंने 100 मी रेस को मात्र 9 पॉइंट 58 सेकंड में पूरा करके एक असंभव से दिखने वाले कार्य को भी संभव कर दिया। और खूबियों के साथ उनमें एक खूबी यह भी थी कि इस कार्य को करने के लिए उन्होंने जिद ठानी।

http://prernadayari.blogspot.com/2023/05/every-thing-is-possible.html

एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत मै एक ही मैच मै, दोहरा सतक लगाना किसी भी खिलाडी के लिए एक सपने जैसा था।  आखिर कार पहली बार 2010 मै, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने इस सपने को हकीकत में बदला उसके बाद तो इंटरनेसनल क्रिकेट मै अब तक 12 दोहरे सतक जड़े जा चुके है। भारत के रोहित शर्मा ही 3 दोहरे सतक जड़ चुके है। उनका एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मे 263 रन का स्कोर दुनिया को आश्चर्य मे डालता है।

ऐसे अनेक उदाहरण आपको और हमे अपने आस पास देखने को मिल जाते है, जिसमे हमारे जैसे साधारण इंसान भी असाधारण कार्य करने मै सफल हुए हैं।

आईये और उदाहरण देखें, जिन्हें  पढ़कर आपको अच्छे से यकीन हो जायेगा कि "Every things is possible"अर्थात् मानव अपनी संकल्प शक्ति, आत्मविस्वास, और लगन से कैसे भी असंभव कार्य को भी संभव कर सकता है। 

Nepoliyan हिल एक अमेरिकी लेखक थे । जिनकी अलग अलग  विषयो पर बहुत सारी पुस्तके प्रकाशित हो चुकी हैं। इनकी एक पुस्तक  "think And grow rich" वर्ल्ड फेमस रही है। इस बुक में उन्होंने अनेक सच्ची घटनाओ का जिक्र किया है। हिल बताते हैं की अगर आप की इच्छा शक्ति और द्रढ संकल्प मजबूत है, तो आप नामुमकिन को भी मुमकिन बना सकते हैं। इस किताब मे हिल ने अपने बेटे के बारे मे बताया, जो जन्म से बहरा था । लेकिन हिल ने इस बात को चुनौती दी और अपने बेटे की  सुनने की  छमता को बड़ाकर आम बच्चों की तरह जिंदगी जीने के लिए तैयार् किया । दोस्तों ईस्वर् ने मनुष्य को  अदभुत  सक्तिया प्रदान की है, जैसे   सोचने की शक्ति, जो अन्य प्राणियों के पास नहीं होती हम जितना बड़ा और अच्छा सोचते हैं उतना ही बड़ा और अच्छा हमारा  विकास होता है। 

 तभी हम वो कार्य कर देते है ,जो दुनिया को असंभव लगते है मनुष्य के लिए सफलता की कोई लिमिट नहीं होती। वो चाहें जैसी, और चाहें जितनी बड़ी सफलता आर्जित कर सकता है। आईये कुछ  और  famous example के जरिये इसे अच्छे ढंग से  समझते हैं। 

धीरू भाई अम्बानी:--


दोस्तो
 धीरू भाई की कहानी गजब की प्रेरणा दायक (motivational) कहानी है l  यहाँ आपके लिए इतना जानना जरूरी है की किस तरह मात्र 500 रुपये की "इंवेस्ट मनी" से कारोबर् शुरू करने वाला वाला एक  सादरण इंसान कैसे इतनी बुलंदियों तक पहुँचा । आज उनकी कंपनियां दुनिया की सबसे अमीर कंपनियाओ की कतार मै खड़ी है। इन्होंने  असंभव को संभव करके दिखाया।और आप भी ऐसा करने मै समर्थ है। 

P. M. Modi :--- दोस्तों आप और हम सायद ही इस बात पर यकीन करें  कि एक साधारण,चाय बेचने वाला इंसान कैसे विश्व की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी के पीएम पद तक तक पहुँच जाता है। यह हम सब को असम्भव प्रतीत होता हैं। पर ऐसा संभव हुआ हैं। विवेकानंद, महात्मा गाँधी, मदर टेरेसा, नेल्सन मंडेला, इब्राहिम लिंकन और इनके जैसे हजारों लोगो ने आखिर कैसे....? असंभव से लगने वाले कार्यो को संभव कर दिखाया..... ऐसी कोनसी ताकत थी इनके पास,.....? क्या शक्ति थी.....? दोस्तों इनके पास थी प्रबल इच्छा शक्ति, और दृढ़ संकल्प शक्ति। ये वो सक्तियां हैं जो एक साधारण इंसान से भी आसादारण कार्य करवा देती हैं। अगर इन सभी सफ़ल लोगो की खूबियों को देखा जाए तो उन सब मे एक बात लगभग कॉमन नजर आती है और वो है, "दृढ़ संकल्प शक्ति, इच्छा शक्ति, बड़ा लक्ष्य और बड़े सपने देखने का गुण। यही वो खूबियाँ है जिनके सहारे इन्होंने इतने महान कार्य किये। 

क्या मैं भी कर सकता हूँ.... असंभव को संभव......?

जी हाँ। कर सकते है। बिल्कुल कर सकते हैं।  मैं तो कहता हु की 100 प्रतिशत कर सकते हैं। जब हम जैसे अन्य सामान्य लोग कर  सकते है तो... हम क्यो नहीं....?  सुरुआत मै सब कुछ असंभव ही लगता है । पर हममें से कोई उसे कर देता है तो वह सम्भव लगने लगता है । 

सन 1955 मै वैज्ञानिक ली दी फारेस्ट ने कहा था कि "इंसान कभी चंद्रमा पर नहीं पहुँच पायेगा "। इंसान की सीमा प्रथ्वी तक है। लेकिन 1969 मै, नील आर्म स्ट्रॉंग ने इसे गलत साबित कर दिया। उन्होंने चन्द्रमा कि धरती पर कदम रख कर दुनिया को हैरत में डाल दिया। क्या ये असम्भव कार्य नहीं था...?  पर प्रबल इच्छा शक्ति के सामने ये भी संभव हुआ। अब तो भारत ने भी चंद्रमा तक अपनी पहुँच बनाली है। 

बहुत बड़े वैज्ञानिक लार्ड कैल्विन ने कहा था की "पागल मत बनो"...... सिर्फ पक्षी ही उडान भर सकते है, मनुष्य के लिए यह  सम्भव नहीं। पर 16 वसों के अथक परिश्रम के बाद राइट ब्रदर्स ने इस असंभव को बी सम्भव कर दिया। दोस्तो आप, मैं, हम मे से कोई अन्य भी ऐसा कर सकते हैं। दुनियां का कोई कार्य मनुष्य के लिए असम्भव नहीं हैं।

अलबर्ट आएस्टींन का उदाहरण ले लीजिये -- वैज्ञानिक अल्बर्ट आएस्टींन की कहानी एक दिलकस् Motivational story है। जब पहली बार अल्बर्ट की माँ उसे लेकर मिसनरि स्कूल पहुची तो टीचर ने यह कहकर वापस भेज दिया की आपका बेटा मंद बुद्धि है।  यह इस लायक नहीं की पढ़ सके। घर पर ही इसकी पर्वरिस करो। अल्बर्ट ने न केवल टीचर की घोसणा को गलत साबित किया बल्कि महान वैज्ञानिक बनकर एक नहीं अनेक प्रयोग और अविस्कार किये, और विज्ञान के आँसुलजे रहस्यो को सुलझाया।

आप इन बिंदुओ को फॉलो करके कठिन, असाधारण  और असंभव कार्य को करने की हिमाकत कर सकते हैं --

1. बड़ा लक्ष्य बनाओ। 

2. बड़े सपने देखो। 

3 फिर, अच्छी योजना बनाओ। 

4. दृढ़ संकल्प, के साथ जुट जाओ। 

5. आत्म विश्वास से भरपूर रहो।

6. मजबूत संकल्प शक्ति रखो।

7. सफलता कि ज़िद पालो।

8. खुद पर विश्वास रखो।

6. हौंसले हमेसा बुलंद रखो।

 यही वो अमूल्य खजाना है जिसे पाकर हजारों धन्य हो गए। आप भी इन सिधांतों का पालन कर अपने आप का कल्याण कर सकते है, और हर असंभव कार्य को सम्भव कर सकते हैं।

Concluesion ( निष्कर्ष) :----

इम्पॉसिबल जैसी कोई चीज इंसान के लिए नहीं बनीl यदि व्यक्ति संकल्प वान होकर, योजना बद्ध होकर, आत्म विश्वास, व दृढ़ निश्चय के साथ कार्य करे तो असंभव को भी संभव कर सकता हैं। असंभव कुछ नहीं होता। एस आर्टिकल में दर्जनों example के माध्यम से हम अपने दिमाग से असंभव नाम की चीज को बाहर कर चुके है। इस आर्टिकल का उद्देश्य इंसान की आत्म शक्ति को जगाना और खुद के भीतर छिपी असीम सम्भावनाओं  की खोज करना है। हर इंसान के भीतर असीम संभावनाएं और ऊर्जाएं प्रवाहित होती रहती हैं। हर मनुष्य में अलग-अलग शक्ति और क्षमताओं का भंडार है। हमें इनके सदुपयोग की जरूरत है। यदि इस ऊर्जा को सही दिशा दे दी जाए तो दुनिया का हर असंभव कार्य संभव है। "Every things is पॉसिबल "सब ... कुछ संभव है। 


1.Question --- क्या कठिन और असंभव कार्य भी किये जा सकते हैं....?

Answer--जी हां, हजारों प्रमाण ये साबित करते है की एक मनुष्य के अंदर असीम सक्तिया मौजूद है,आपार ऊर्जा है। इनका उचित समन्वय और उपयोग करके असंभव कार्यों को भी किया जा सकता है। मनुष्य के लिए कुछ भी असंभव नहीं होता।आप भी महान कार्य करने मै  समर्थ है। आप अपनी संकल्प शक्ति और इच्छा शक्ति को जाग्रत करके कुछ भी कर सकते है। दुनिया के असंभव से असंभव कार्य भी आपके सामने सम्भव हो जायेंगे। बेसरते इन कार्यों को करने का साहस हमारे अंदर पैदा होना चाहिए। एक इंसान के अंदर छुपी हुई खूबियों को वह स्वयं ही पहचान सकता है। व्यक्ति में खुद इतना विश्वास होना जरूरी है कि वह अपना रास्ता स्वयं तय कर सके।


Blog name -- प्रेरणा डायरी।

वेबसाइट -- prernadayari.blogspot.com

Kedar lal ( K S  Ligree) 


2 टिप्‍पणियां:

kedar lal ( K. S. Ligree) ने कहा…

Blog address URL, - ligree04.blogspot.com

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