सकारात्मक सोच विकसित करने के 10 आसान मगर असरदार उपाय। 2024 । लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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मंगलवार, 12 मार्च 2024

सकारात्मक सोच विकसित करने के 10 आसान मगर असरदार उपाय/Tips - 2024। आज ही पढ़े ।

Hindaun, राजस्थान, भारत। 
10/09/2023


आर्टिकल - 27

सकारात्मक सोच विकसित करने के 10 आसान मगर असरदाय उपाय आज ही  पढ़े। 

दोस्तो नमस्कार ।

आपके प्यार और दुआवों का असर  है, कि संसाधनों और तकनीकि ज्ञान का अभाव होने पर भी, मेरी "प्रेरणा डायरी  ( Motivation/मोटीवेशन )कुछ-कुछ और छोटी छोटी सफलताएँ हासिल करने लगी है । "प्रेरणा कि विधियाँ ( Method of Motivation ) में  हमने एक विधि पढ़ी थी, जिसका नाम था सफलता विधि"( success method ) / ये विधि हमें यहीं सिखाती है कि छोटी - बड़ी  सफलता 'हासिल  करते हुए  कैसे  Motivate रहे  और अपने आप पर फक्र महसूस करें। आज आपके सहयोग के कारण मोटीवेशनल डायरी अपनी 27 वीं पोस्ट को पब्लिश करते हुए फक्र कर रही है। चाहे सामने   लाख मुस्किल है!  पर है, तो है क्या हुआ। इनका सामना करते हुए आगे बढ़ना ही तो "मजेदार संघर्ष में कहलाता है। और यही संघर्ष महान सफ़लता दिलाता है"। आज कि पोस्ट पर चर्चा शुरु करने से पहले मेरे मन में जो सवाल कौंध । उसे आपसे भी पूछ लेता हूँ। सबाल है -- वह कोनसी चीज जो एक इंसान की जिन्दगी पर सबसे ज्यादा असर डालती है....??,  या एक इंसान कि जिन्दगी को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली चीज क्या है....?? 


    

           "प्रेरणा डायरी"-- -- आपकी खुशहाली"



अब इस सवाल को पढ़कर आप सोच रहे होंगे कि जिन्दगी का दायरा तो बहुत बड़ा है। और बहुत सी बाते इसे प्रभावित करती है। दर्जनों बातें इस पर असर डालती है। किसी एक का नाम कैसे बताये । आपका सोचना एकदम सही है और मैं खुद भी इसी बात को मानव हूँ कि जब, पूरे जीवन (जिन्दगी) कि बात होती है तो दर्जनो कारक (Factor) हमारी आँखों  के सामने घूम सकते है। बहुत सारी चीजें जीवन को प्रभावित करती है । लेकिन एक चीज जो "जो बाकि सबा पर इक्कीस पड़ती है" यानी कि सब पर भारी पड़ती है। दोस्तो वह चीज़ है--

"सकारात्मक सोच ( positive things) आपका अच्छा नजरिया । आपकी अच्छी और  सकारात्मक सोच "आपके पास वो हथियार है जो आपकी जिन्दगी बदल सकता है।  अपनी इस बात, के समर्थन में मैं एक मनौवेज्ञानिक फैक्ट आपको बताता हुँ। कई शोध कहते है कि सकारात्मक सोच वाले इंसान कि जिन्दगी से 50% समस्याएँ स्वत: ही समाप्त हो जाती है।  यानी आपकी, मेरी,इसकी, उसकी, हर इंसान कि जिन्दगी से आधी समस्या गायब, और वो भी बिना संघर्ष कियें हुए। बिना लड़े हुए।  लेकिन इन 50% समस्याओं के अन्त लिए को सिर्फ एक काम करना पड़ेगा। बस एक काम। और वो है--- "अपनी जिन्दगी में   "Positive Things"  का दामन थामना पड़ेगा"। क्योंकि "सकारात्मक सोच वाला ईसान समाधान का हिस्सा बनता है, जबकि नकारात्मक सोच वाला व्यक्ति समस्याओं का hisa बन कर रह जाता है"। कई बार परिस्थतियों के कारण भी हमारी सोच में नकारामकट आ जाती है। पर जब नाकरत्मकत आपके मन, मस्तिस्क पर हावी होने लगे, तो समझ लेना कि - यह एक गंभीर समस्या का रूप लेने वाली है। 

Sakaaratmak सोच क्या होती है :---

दोस्तों,  एकदम सरल शब्दों में, सीधी भाषा में कहु तो -- कठिन से कठिन परिस्थिति मे, मुश्किल से मुश्किल हालत में, बुरे से बुरे दोर् में भी, अच्छी बातों को ढूंढ लेना साकरत्मक् सोच है। 

हर संकट में समाधान खोज लेना। बुराई में भी अच्छाई ढूंढ लेना। गम में खुशी खोज लेना।  उदासी के माहौल में मुस्कुराहट ढूंढ लेना । यही तो  positive things  यानी सकारत्मक सोच है। "सकारत्मक सोच हर हालात को आसान बनाने वाली एक औषधि है" । 

 सकारात्मक सोच के अर्थ के बारे में आप खूब पढ़ चुके हैं। यहाँ जो सबसे बड़ा सवाल जो उठ रहा है, वो ये है कि आखिर कार एक व्यक्ति/ युवा / student/ महिला/ व्यापारी/ दुकान्दार/ कर्मचारी / .. क्या उपाय या Tips अपनाये जिससे उनकी सोच सैदव् positive बनी रहे..?? आज का हमारा main focus इसी बात पर केंद्रित रहेगा। में आपको positive रहने के के आसान मगर असरदार tips बताऊंगा। इनमे से कुछ को में खुद प्रयोग में लेता हु। मैं जिन 10 Tips/उपाय पर आपके साथ चर्चा करूँगा वो निम्न प्रकार है--


1. अपने दिन कि सुरुवात मज़ेदार ढंग से करे। 

2. हर चीज में अच्छाई ढूंढे। 

3. अपने आप को apdate रखें। 

4. नकारात्मकता से दूर रहे। 

5. लगातार ज्ञान हासिल करने के प्रयास जारी रखें। 

6 . छोटे छोटे लक्ष्य बनाकर, उन्हें हासिल करें। 

7. हर पल को खुशी और enjoy के साथ जियें। 



1. अपने दिन कि सुरुवात मज़ेदार  डंग से करें : ---

(start your day with Samthing intersting) 


दोस्तों मैं आपको बहुत ही सिस्टेमेटिक ढंग से सकारात्मक सोच विकसित करने के Tips ( उपाय) बताऊगा । यह सर्व विदित है कि हर इन्सान के दिन कि शुरुआत सुबह (morning) से होती है। अगर आप सुबह उठते ही अच्छी Planning के साथ अपने पूरे दिन का खाका तैयार करते है, तो निश्चित रूप से आपका दिन भी अच्छा गुजरेगा और आपके अन्दर एक सकारात्मक नजरिया (Positive things) विकसित होगा एक कहावत है "शुरू भला तो अंत भला" अर्थात अगर आप अपने दिन कि या किसी भी कार्य कि शुरुआत अच्छे ढंग से करते है तो निश्चित ही उसकी समाप्ति भी सुखदायी होती है।" 

जब हम रात को सोते है और 6-7 घंटे कि पर्याप्त नींद के बाद सुबह उठते है, तो दिमाग में कोई तनाव नहीं होता। कोई बाधा नहीं होती। कोई फालतू कि उलझन नहीं होती है। कहने का मतलब यही कि सुबह के वक्त मूड एकदम फ्रेश होता है । और फ्रेंश मूड में तैयार कि गई योजना सफल रहती है। अतः इस अभियान कि शुक्रामात मजेदार ढंग से करे । और सुबह के वक्त से ही करें। इससे दिन भर के लिए एक लय तैयार हो जाएगी, और दिन भर के लिए हमारा दिमागी ताना-बाना सही रूप ले लेगा । और आपका पूरा दिन अच्छा बन जाएगा अपनी जिन्दगी और सोच में बदलाव लाने के लिए आपको सोची-समझी रणनीति पर कार्य करना होगा। सुबह आप कोनसे कार्य करे कि आपका दिन अच्छा बीते और दूसरों से अलग हो.. ? तो इसके लिए में आपको "आम नज़र आने वाले पर बहुत ही खाश कुछ उपाय बताता हूँ। इन्हे आप जरूर फॉलो करें। ये काफी आसान है पर आपको इन्हे अपनी दिनचर्या में ढालना पड़ेगा-- 

1. Any how 5 बजे से पूर्व उठ जाए। 

2. सुबह उठते ही चाय का सेवन कदापि न करें। बल्कि एक गिलास गर्म/गुनगुना पानी पिये, उसके बाद फ्रेश होने जाए और कम से कम आधा घंटे (30 मिनिट) के लिए morning walk पर जाए या 30 मिनिट योग करें। दोस्तों  ये सबसे फायदेमंद बिन्दु/ point है। ये काम आपके पूरे दिन को फायदेमंद बना देगा।आपका दिन मजेदार गुजरेगा। 


3. घूमने के बाद घर आकर स्नान आदि करें, और कुछ समय के लिए अपने भगवान (ईस्ट ,God) कि प्रार्थना करें (पूजा करें) । इससे आपका मन शांत रहेगा और आत्म विश्वास जागेगा । नम्रता कि भावना बलवती होगी। 


4. मन को प्रसन्न करने वाले भजन या Song ( अपने मनपसंद सदाबहार गाने भी सुन सकते है। इससे आपका mind तरोताजा हो जायेगा। आप कि  अच्छी ""day opning" होगी। 


5. सुबह हल्का नाश्ता, अंकुरित अनाज, पोहे, फल आदि का सेवन करें। 

इन कार्यों के आप एक घंटे में सम्पन्न कर सकते है और सुबह 6 बजे से अपने अन्य कार्यों में जुट जाए। उपर बताये गए कुछ आसान से काम कर लेते है तो आप अपने दिन कि सुरुवात बेहतरी ढंग से कर पायेंगे। यकीन मानिये आपके सुरुवात ही अच्छी नही होगी बल्कि आपके दिन यादगार लम्हों में बदलने लगेंगे। दोस्तो सुबह के ये कार्य जो बमुस्किल 1 घंटे के है। लेकिन आपकी दिनचर्या को बदल कर रख देंगे | सुबह घूमना और भगवान कि प्रार्थना, आपको सकारात्मक सोच विकसित करने में मदद करगे । इन कार्यों से आपके अन्दर स्फूर्ती, ऊर्जा और ताजगी का संचार सेगा | "आपके दिमाग में जमी नकरामकता रूपी सारी धूल छंटने लगेगी।" अब हर पॉइंट को मैं आपको विस्तार में बताता हूँ.. आईये.. 


 2. हर चीज में अच्छाई खोजें :-----


Qअगर आप सकारात्मक सोच बनाना चाहते है, तो आपको दूसरा कदम हर चीज में अच्छाई खोजने के रूप में उठाना पड़ेगा। आपको हर चीज मे खूबी ढूँढनी पड़ेगी। बुरी घटना के भी अच्छे पहलू देखना पड़ेगा। किसी भी बुरी बात के गलत पहलूओ कि अपेक्षा उसके अच्छे पहलू पर गौर करना शुरू करें । हममें से अधिकतर लोग हर काम में, हर बात में सिर्फ कमियाँ ही देखते है। ऐसे लोग कमियाँ ढुंढ़ने के आदि हो चुके होते है। इसीलिए इनको तस्वीर का अच्छा पहलू कभी नजर ही नही आता। सकारात्मक सोच पर आधारित एक प्रेरणादायक कहानी आपको पढ़ाता हूँ, कहानी का शीर्षक है--


* सोने कि तलाश -- ( motivational short story) 

कार्नेगी  (Andrew  Carnegi) अपने बचपन में ही स्काटलैंड (Scotland) से अमेरिका चले गये । वहाँ उन्होने छोटे मोटे कामो से शुरूआत कि और धीरे-धीरे अमेरिका कि सबसे स्टील बनाने वाली सबसे बड़ी कम्पनी के मालिक बन गये । एक वक्त ऐसा आया जब उनके लिए 45 करोड़ पति काम करते थे । करोड पति होना आज के जमाने में भी बहुत बड़ी बात है लेकिन 1920 के आसपास तो ये एक गौरवमयी उपलबधि हुआ करती थी। कार्नेगी ने बताया कि हम अपने कार्मिको से जैसे ही पेश आते है,  जैसे सोने कि खुवाई होती है तो 1 तोला सोना प्राप्त करने के लिए कई टन मिट्टी खोदनी पड़ती है, किन्तु खुदाई करते वक्त हम कितनी मिनटी  खुद रही है ...  इस बात पर ध्यान नहीं देते। बल्कि हमारा पूरा ध्यान सोने पर रहता है। एंड्र्यू कानेगी के जवाब में एक महत्वपूर्ण संदेश छिपा है।  हो सकता है, किसी घटना में या किसी इंसान में हमें कोई बात साफ तौर पर दिखाई ना दे, ऐसे हालात में हमें उसे तलासना होगा। हमारा मकसद क्या है सोना तलाशना या कमियाँ ढूँढना...?  अगर हम कमियाँ ढूँडेंगे  तो हमे डेरों कमियाँ दिखाई देंगी । "कमियाँ ढूंढने वाले तो भगवान में भी कमियाँ ढूंढ लेते है" । "कमियाँ ढूंढने वालों को पूरी जिन्दगी और पूरी दुनिया बुराईयो का महल नज़र आती हैं। और खूबिया ढूंढने वालों को खूबियों कि सोगात मिलती है। कोई भी समस्या या  संकट जब हमारे जीवन में आता है, तो साथ ही समाधान भी लाता है। आपका समस्याओं को देखने का नजरिया सकारात्मक होना चाहिए.. बस। यही बात मायने रखती हैं। 

Positive things, सकारात्मक सोच पर आधारित एक रोचक short story आपको सुनता हूँ।  



  * भयानक राक्षस.... मामूली मौत (motivational short story) 


 इसाईयों के पवित्र ग्रन्थ बाइबिल में भी इस कहानी का जिक्र हुआ है। एक घना जंगल था जिसमें एक भयानक राक्षस रहता था। यह राक्षस इतना भयानक और खुंखार था कि न केवल इंसान बल्कि जंगल के जानवर भी उससे कांपते थे  l वह  बेहद निर्मम था। दर्जनों इंसान और पशु रोज उसका शिकार बनते थे। हर व्यक्ति के दिमाग में यह शोच बनी हुई थी, कि वो बहुत विशाल है और उसे मारा नहीं जा सकता । यह सोचकर ही किसी ने उसके खिलाफ कभी थोड़ा बहुत हौसला भी नहीं जुटाया | एक दिन एक साधारण सा किशोर बालक मोहन दूर के गाँव से इस इलाके में रहने वाले अपने चचेरे भाइयों से मिलने आया । जब उसने राक्षस वाली बात सुनी तो रात को सोते समय मोहन ने अपने भाइयों से बात करते हुए कहा कि तुम सारे लोग मिलकर इस राक्षस का मुकाबला क्यों नही करते" । तो भाइयों का जवाब था कि " तुम जानते नही वो कितना विशाल है, उसे मारा नहीं जा सकता" । मोहन ने कहा कि "यह तो और भी अच्छी बात है यानी वो इतना विशाल है "कि कहीं भी निशाना लगाया तो चूकेगा नहीं, उसके किसी ना किसी हिस्से पर चोट जरूर करेगा" । ऐसे विशाल राक्षस को मारना तो उतना ही आसान है। अगर तुम सारे लोगों को इक्कटा कर मेरा साथ दो तो हम इस राक्षस को मामूली हथियारों से मार गिरायगे । और दोस्तों फिर हुआ भी ऐसा ही। मोहन ने ग्रामीणों के सहयोग से मामूली हथियार से उस भयानक दरिंदे का अंत कर दिया। दोस्तों राक्षस वही, लोग वही, जंगल वही, परिस्थिति भी वही। अगर कुछ अलग और सकारात्मक (positive)  था। तो वह थी मोहन कि उस राक्षस के प्रति सोच। एक  positive things ने सारी समस्या को जड़ से समाप्त कर दिया। यही समझना आज के हमारे आर्टिकल् का मकसद है, कि यदि सोच सकारात्मक है। तो जिन्दगी बहुत आसान और खुशनुमा है। 

वैसे तो "प्रेरणादायक डायरी" के सभी आर्टिकल् Motivational । पर सकारात्मक सोच को लेकर लिखे गए कुछ बेहतरीन आर्टिकल् जिन्हें आप भी पढ़ कर लाभ प्राप्त कर सकते है ---

1.  क्या है सकारात्मक सोच... छात्रों के लिए सकारात्मक सोच विकसित करने के जबर्दस्त उपाय (Tips) 2023-24 ।। 

2 . नजरिया ( attitude) बदलो.. तो बदल जाएंगे नजारे। 

3 . सब कुछ सम्भव ( every thing's is possible) 

4 . जीवन बदलने कि थेरेपी--  सकारात्मक सोच। 




    मेरी ""मोटीवेशनल डायरी'" -- सफ़लता कि और कदम।। 


3. Apne आप को apdate रखें : -------


दोस्तों आज के आधुनिक दौर में एक जागरुक और संजीदा इंसान से यह उम्मीद कि जाती है कि वो कि अपने दौर कि बेसिक ज्ञानवर्दक बातो से बाखिफ रहे। अपने आस पास, अपने  राज्य, देश के महत्वपूर्ण घटनाक्रम कि knowaledge रखे l अपने देश कि नालेज देने घटनाओं पर नजर रखे अपने आप को अपडेट" रखे।  गर्मजोशी के साथ लोगों से मिले। वक्ताके अनुसार खुद को अपडेट करना जरूरी है, वर्मा जमाना आगे निकल जाएगा और आप सोधते ही रह जाएंगे। अगर आप अपडेट रहना चाहते है और जमाने के साथ चलना चाहते है तो मैं आपको एक टिप्स दे रहा हूँ। इसे आप जरूर फॉलो करें। रोज 1-2 घंटे अखबार या मैग्जीन जरूर पढ़े: दोस्तो अगर आपके मन में यह सवाल है कि अपडेट रहने का कोई Best तरीका क्या हो सकता है..? तो मैं कहूँगा कि आपडेट रहने का (Knowladge के नजरिए से सबसे अच्छा तरीका है ... रोज एक अखबार और एक मैग्जीन जरूर पढ़ें । 

यह भी पढ़े -- prernadayari.blogspot.com

अच्छी पुस्तक (book)और पत्र-पत्रिकाएँ  जीवन के सच्चे मित्र होते है । आज से, मेरे कहने से,आप अपने आप को एक आदत लगाए! अच्छी आदत! वो आदत है -- News paper और Mgzins को पढ़ना, अपनी जीव शैली का हिस्सा बना ले ।  इनसे आपको फ़ायदा ये होगा कि आप हर सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक घटनाओं से वाकिफ़ रहगे । आपके अन्दर एक समझ विकसित होगी। दोस्तो अखबार और पत्र पत्रिकाओं का हमारे जीवन में और ज्ञान वृद्धि में बहुत महत्व है। मैं  P.G. ( पोस्ट ग्रेजुएशन) कि पढ़ाई के वक्त, जब जयपुर रहता था तब  कुछ मैगजीन हर महीने पढ़ने के लिए पयोग में लाता था। इन अखबार और पत्रिकाओं ने मेरी जिन्दगी की दशा बदली। जब से मैंने इन्हें पढ़ना बंद किया, तब से कुछ अच्छा नहीं हो रहा। दोस्तों आप सब को, मेरे प्यारे पाठकों को मैं एक नेक सलाह देना चाहता हूँ। आप सुबह या दोपहर में चाय के साथ साथ कम से कम एक घंटे अखबार (news paper) जरूर देखें। मैने स्वयं जिन अखबार और पत्र-patrikaon का उपयोग किया है, उनके बारे में आपको बता रहा हूँ---

1.अखबार -- रा.पत्रिका, दैनिक भास्कर, हिन्दुस्तान (दिल्ली से) पंजाब केसरी ,दैनिक जागरण , Times of India ( कभी -कभी, अंग्रेजी भाषा के कारण  कम समझ में आता था मुझे) 


2 . मैग्जीन ---  इंडिया टुडे ,फ्रंट लाइन (हिन्दी में) आउट लुक। 

3 . योजना (सरकारी योजनाओं और विकास कि जानकारी)।  

4.  कुरुक्षेत्र (government development yojnaye) । 


5. प्रतियोगिता दर्पण ( कंपिटिशन तैयारी के लिए) । 


4. नकारात्मकता से दूर रहें : ----

दोस्तों,  best seller book ( Motivational) जिसका नाम है -- जीत आपकी (  लेखक-- शिव खेड़ा जी) । इस में  मैने एक मज़ेदार बात पढ़ी  वो आपको भी बताता हूँ -- हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा कराये गये एक अध्ययन के मुताबिक 85% मौको पर किसी इंसान को नौकरी या तरक्की उसकी  सकारात्मक सोच कि वजह से मिलती है । जबकि तथ्यों  facts) और ऑकड़ो (figures) कि जानकारी कि वजह से 15 प्रतिशत मौको पर ही नौकरी मिलती है। आपको भी पढ़कर आश्चर्य हो रहा होगा...? मुझे भी हुआ था! कि जिन्दगी में कामयाबी दिलाने वाली चीज़ो में तथ्यों और आँकड़ो कि हिस्सेदारी के वल 15 प्रतिशत है, जबकि शिंक्षा पर हम जो रकम खर्च करते है, वो सारी इन्ही को पढ़ाने में खर्च जो जाती है। जबकि 85 % , जो कि बहुत बड़ा हिस्सा है, उस कि तरफ़ कोई ध्यान नहीं दिया जाता।  बात साफ है दोस्तों, आप जीवन में सफल होगे या असफल ..? और अगर सफ़ल होंगे तो सफ़लता का दायरा कितना बड़ा होगा...? यह बात तय करने वाल अहम् फैक्टर (Main factor)  है -- सकारात्मक सोच ( positive things)l आपका अपना नजरिया है । अतः हमेसा मस्त रहे। सुवस्थ रहें। खुश रहें,tandrust रहें। हँसते रहें,hasante रहें। हमेशा सकारात्मक रहे । (Be positive) 


5. इर्स्या और बुराई करने से बचें :----- 



दोस्तो सकारात्मक सोच विकसित करने का सबसे उपयुक्त मार्ग है कि "नकारात्कता से दूर रहे, नकारात्मकता उत्पन्न करने वाले तत्वों से दूर हरे । नकारात्मक तत्वों से बचे । अब आपके मन में सवाल उत्पन्न हो रहा होगा कि आज के आधुनिक दौर में कौनसी वो कोनसी चीज है जो हमारे अंदर सबसे ज्यादा नकारात्मकता उत्पन्न कर रही है....??  तो मैं आपको बताना चाहूगा कि ""वो कारक है- इसरों के ईर्ष्या करना और बुराई करना" । आधुनिकता और मोर्डन जमाने के साथ चलने कि होड़ ने, एक दूसरे को पीछे छोडने कि अन्धी दौड़ ने, अधिक से अधिक संसाधन और पैसा कमाने कि  वेइतन्हा चाहत ने हमें एक दूसरे का दुष्मन बना दिया। ईर्ष्यालु बना दिया । आज हर इंसान एक दूसरे को पीछे छोड़ना चाहता और कामयाब नही होने पर कुण्डा ग्रस्त हो जाता है। और उसके अन्दर ईर्ष्या जन्म लेती है। और ईर्ष्या नकारात्मकता उत्पन्न करने वाला एक प्रभावी कारक है । हम किसी कि सफलता पर जले उससे बेहतर रास्ता यह है कि हम कड़ी मेहनत करे। अगर आप ईर्ष्या करणे तो कभी सफल नहीं होगे और नकारात्मक विचारों को जन्म देगे, जिसका असर आपकी पूरी जिन्दगी पर  पडेगा | आजकल एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है -- "log अपने दुख से दुःखी नहीं है बल्कि दूसरों का सुख देखकर दुःखी है"। हमें इसरो कि सफलता और मेहनत कि प्रसंसा करनी चाहिए। दूसरों कि तारीफ करने कि आदत आपके अन्दर सकारात्मकता ( Positive Things) उत्पन्न करती है। लोगों कि खुलेकर तारीफ करे। ईर्ष्या करने कि आदत आपके व्यतित्व (parsanlity) पर विपरीत असर डालती है। आपकी छवी को धूमिल करती है।  लोगू आपके बारे में गलत धारणाएँ भी बना सकते है। आप के पड़ौस या यारी-दोस्ती में जो लोग सफल है "'उनकी दिल से प्रशंसा ( Appreciation) करें"।Manovegyanik (Psychologist) विलियम जेम्स (william James) का कहना है कि--"कि सबसे गहरी इच्छाओं में से एक है- प्रशंसा पाने कि इच्छा"। 


6. अपना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रखें:--

           " पहला सुख -- निरोगी काया"

दोस्तों,  सुख एक आन्तरिक अनुभूति है और भी कई किस्म का होता है। भारतीय संस्कृति ने "निरोगी काया को पहला सुब माना गया है। अर्थात आपकी काया (शरीर) स्वस्थ्य नही है तो आपके बाकि कि सुखों का कोई मजा नहीं रह जाता । स्वस्थ्य शरीर के अभाव में - पैसा प्रोपट्टी, मकान, दुकास, फैक्ट्री नौकरी सब बेकार साबित हो सकता है। अगर आप स्वस्थ्य शरीर के मालिक है तो अन्य सारी सुविधाए और सुख आप जुटा सकते है। बीमार शरीर, रोगी काया धीरे धीरे आपको नकारात्मकता कि 'भट्टी" में झोंक सकती है । 

मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों ही सभी के जीवन में विशेष महत्व रखते है। एक Student or youtth (छात्र व युवा) के जीवन में इनका महत्व और भी बढ़ जाता है। एक स्वस्थ्य शरीर स्वस्थ्य मन कि आधारभूत बुनियाद होती है। 

शारीरिक स्वास्थ्य अपने शरीर कि उचित देखभाल के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। उचित आहार पर्याप्त नींद, नियमित व्यायाम, आदि के माध्यम से  हम अच्छा शारीरिक स्वास्थ्य पा सकते है। जबकि मानसिक स्वास्थ्य - तनाव, चिंता, अवसाद, स्ट्रेस, और  अन्य मानसिक समस्याओं से मुक्त रहने कि क्षमता होती है। अच्छा स्वास्थ्य न केवल व्यक्तिगत जीवन बल्कि समाज और देश के लिए भी महत्वपूर्ण होता है अच्छे स्वास्थ्य वाला व्यक्ति अधिक और बेहतर कार्य करने में सफल होता है । उसकी सोच और व्यवहार positive होता है। ऐसे लोग सभी के लिए प्रेरणा (Motivation) का कार्य करते हैं। आप अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए निम्न उपाय (TIPS) अपनाये :--

1.नियमित भ्रमण करे / व्यायाम करें । 

2. संतुलित भोजन ले | 

3 पर्याप्त नींद ले। ( कम से कम 6 घंटे) 

4. समय समय पर मनोरंजन करें।

5. अपना लक्ष्य निर्धारित करें।

 6 .दूसरों की मदद करें । 

 7.0तरल पदार्थों को सेवन अधिक करें (पानी, छाछ, दूद 

ज्यूस, नींबू पानी) 

 8. नशीली वस्तुओ  के सेवन से बचें। 



7. अपने काम पर गर्व महसूस करें : ----


आजकल की दुनिया में लोगों ने अपने काम से गर्व की भावना को अलग कर दिया है क्योंकि इसके लिए कोशिश और कड़ी मेहनत की ज़रूरत होती है। पर कोई काम अंजाम तक तभी पहुँचता है, जब उसके लिए कोशिश की जाती है। हताश होने पर जल्दी कामयाबी दिलाने वाले गलत रास्तों (short cut) को अपनाने की इच्छा होती है, लेकिन इनसे बचना चाहिए, भले ही सामने कितनी भी बड़ी लालच हो। गर्व की भावना आदमी के मन में उत्पन्न होती है, और उसकी वजह से उसे जीतने वाली बढ़त मिलती है। अपने काम को लेकर गौरव अनुभव करने का मतलब अहंकारी होना नहीं है। यह तो विनम्रता भरे आनंद का इज़हार है। काम और काम को करने वाले की गुणवत्ता को एक-दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता । आधे मन से किए गए काम से आधे नतीजे नहीं मिलते, बल्कि इस तरह से किए गए काम से कोई नतीजा ही नहीं मिलता। 

 :----  तीन लोग ईंटों की चुनाई कर रहे थे। एक आदमी ने उनसे पूछा, “आप क्या कर रहे हैं?" उनमें से एक ने जवाब दिया, "तुम्हें दिखाई नहीं देता कि मैं रोज़ी कमा रहा हूँ?” दूसरे ने जवाब दिया, “तुम्हें दिखाई नहीं देता कि मैं ईंटें चुन रहा हूँ?” तीसरे ने जवाब दिया, “मैं एक सुंदर स्मारक बना रहा हूँ।" वे एक ही काम को कर रहे थे, लेकिन उसके बारे में उनके तीन बिल्कुल अलग-अलग नज़रिए उनके नज़रिए का उनके काम पर भी असर पड़ेगा?  जवाब है - जरूर पड़ेगा । बिल्कुल पड़ेगा। जैसी आपकी सोच होगी आपका कार्य भी वैसा ही रूप ले लेगा। 

उत्तमता तब हासिल होती है, जब काम करने वाले को अपना सबसे उत्तम प्रदर्शन करके गर्व महसूस होता है। हर काम उसे करने वाले का अक्स होता है चाहे वह कार की सफाई का काम हो, फर्श साफ़ करने का काम ho , पड़ाई का काम हो, व्यापार हो, घर की रंगाई करने का काम । 

हर काम को पहली बार ही सही ढंग से कीजिए, और फिर हर बार सही ढंग से कीजिए। आने वाले कल का सबसे अच्छा बीमा आज अच्छे ढंग से किया गया काम है। 

माइकेलएंजेलो (Michelangelo) कई दिनों से एक प्रतिमा पर काम कर रहे थे। वह हर बारीकी को सुधारने में काफी वक़्त लगा रहे थे। पास खड़े एक आदमी को ये सुधार गैरज़रूरी लगे। उसने माइकेलएंजेलो से पूछा कि वह उन बारीकियों की इतनी चिंता क्यों कर रहे हैं। माइकेलएंजेलो ने जवाब दिया, “छोटी-छोटी चीजें ही पूर्णता लाती हैं, और पूर्णता कोई छोटी चीज़ नहीं है।” 

ज्यादातर लोग यह भूल जाते हैं कि आपने कोई काम कितनी तेजी से किया, लेकिन उन्हें यह याद रहता है कि आपने वह काम कितने अच्छे ढंग से किया था। 

:----   अगर किसी आदमी को सड़क साफ़ करने का काम दिया जाए तो उसे सफ़ाई वैसे ही करनी चाहिए जैसे माइकेलएंजेलो पेंटिंग करता हो या बीथोवन संगीत की रचना करता हो या शेक्सपियर कोई कविता लिखता हो।  या मुंशी प्रेमचंद कोई उपन्यास लिखता हो। उसे सड़क की सफ़ाई इतनी अच्छी तरह करनी चाहिए कि स्वर्ग और पृथ्वी, दोनों जगहों के लोग रुककर बोलें कि यहाँ सड़क सफ़ाई करने वाला रहता था, जिसने अपना काम गर्व से और बहुत अच्छी तरह किया।  -------   मार्टिन लूथर किंग, जूनियर । 

में किसी काम को अच्छी तरह करने का अहसास खुद में एक इनाम है। ख़राब तरीके से कई काम करने से अच्छा है कि अच्छे ढंग से कुछ ही काम किए जाएँ । सफल लोग यह नहीं पूछते कि कितना कम काम करना है, बल्कि वे यह पूछते हैं कि कितना ज़्यादा काम करना है। वे यह पूछते हैं कि कितने घंटे काम करना है, यह नहीं पूछते कि कितने कम समय तक काम करना है। अच्छे संगीतकार रोज़ घंटों तक रियाज़ करते हैं। जीतने वालों को अपनी कामयाबी कोई बड़ी बात नहीं लगती, क्योंकि उन्होंने उसके लिए लंबे समय तक कड़ी मेहनत की होती है। 


8. कड़ी मेहनत करें:-----

हम जिन चीज़ों का आनंद उठाते हैं, वह किसी न किसी की कड़ी मेहनत का नतीजा होती है। कुछ काम आँखों को दिखाई पड़ते हैं, और कुछ दिखाई नहीं पड़ते, लेकिन महत्त्वपूर्ण दोनों तरह के काम होते हैं। इसलिए अपना काम करके गर्व महसूस कीजिए और जब भी मौका मिले, दूसरों की कड़ी मेहनत को तवज्जोह और इज्ज़त देकर सराहिए। अपने काम को सलीके, और कड़ी मेहनत के साथ कीजिए। नतीजे के तौर पर हमें अपनी योजना को पूरा करने में सफलता हासिल होगी, और आत्मसंतुष्टि मिलेगी। कभी-कभी दूसरे लोग हमारी तारीफ़ करेंगे, लेकिन उसे बोनस मानिए, क्योंकि असली संतुष्टि तो मनुष्य को अपने अंदर महसूस होती है।