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शनिवार, 20 अप्रैल 2024

जीवन बदलने की थेरेपी - सकारात्मक सोच

     सकारात्मक सोचिये... और  रहिये  motivate/ प्रेरित                             

दोस्तो हम अपने जीवन में कितने सफल होगे, होंगे या नहीं, ये सब हमारी सोच पर निर्भर करता है। एक बहुत पुरानी कहावत है कि "जैसा आप सोचते हैं, वैसा ही आप बनते हैं। आपकी सोच पर आपकी सफलता निर्भर करती है। और निर्भर करताी हैं हमारी प्रेरणा (मोटिवेशन )पर। अच्छी सोच हमेशा अच्छी प्रेरणा को जन्म देती है। अच्छी सोच और प्रेरणा ही वे दो महान शक्तियां हैं, जो एक इंसान को बुलंदियों तक ले जा सकती हैं। यदि आप एक छात्र हैं तो आपको इन दो चीजों को हमेशा फॉलो करना है, एक सकारात्मक सोच दूसरी- अच्छी प्रेरणा। इंसान को हमेसा अपनी सोच सकारात्मक रखनी चाहिए। जीवन भले ही सादा रखो.. लेकिन विचार हमेशा उच्च होने चाहिए। इसलिए तो कहावत प्रसिद्ध है -"सादा जीवन उच्च विचार" बड़ी सफलता हासिल हो इसके लिए जरूरी है कि सोच बी बड़ी हो और सकारात्मक ऊर्जा हो। कुछ पंक्तिया याद आ रही है

"सब (रात) अंधेरो को खंगालो तो

कुछ बात बने 

एक नया खुर्सिदा (सवेरा) निकालो

तो कुछ बात बने

वक़्त के सांचे में ढलना तो सब को आता है

वक़्त को

 अपने सांचे में ढालो तो कुछ बात बने।

 आपका अच्छा नजरिया... अर्थात आपकी अच्छी सोच बहुत कुछ तय करती है। आपको इस बात की प्रेरणा देती है कि एक नया सवेरा खोजना है। एक नया उजाला खोजना है। दोस्तों सकारात्मक सोच पर आपको काफी आर्टिकल पढ़ने को मिल सकते हैं। बस इस आर्टिकल में हम एक दूसरे पहलू पर चर्चा करेंगे। और इस सवाल का जवाब ढूंढने का प्रयास करेंगे कि "" मान लीजिए हमारी सोच नकारात्मक हो गई... अब हम कैसे इसी सकारात्मक बनाएं..? यह एक बड़ा सवाल है और.. लोगों का सवाल है..। 


हम क्यों नहीं बदल पाते हैं अपनी सोच को ---

 हम एक छात्र की बात करें या किसी इंसान की, आमतौर पर हम सब लोगों का स्वभाव इस तरीके का होता है कि वह बदलाव का विरोध करता है। अर्थात बदलाव विरोधी होता है। हमें अपनी जिंदगी में बदलाव लाने में तकलीफ होती है। यदि 5 साल से जिंदगी एक लाइन पर चल रही है उसे, इस लाइन से हटकर किसी दूसरी लाइन पर ले जाकर सेट करने में तकलीफ है तो आएंगे ही। जब हम जिंदगी में बदलाव का फेस लॉक करते हैं तो बदलाव का नतीजा अच्छा हो या बुरा अक्सर इससे तनाव बढ़ता है। कई बार हमें बुराइयों के साथ जीने की आदत भी पड़ जाती है। बदलाव करने की बजाय हम बुराइयों के साथ जीना बेहतर समझते हैं। इसीलिए हमारी बेहतरीन के लिए होने वाले बदलाव को भी हम कबूल करना नहीं चाहते। हम बुरे ही बने रहना चाहते हैं। अच्छा बनने के लिए हमें कुछ अच्छे बदलाव भी करनी पड़ेंगे और इन बदलाव के लिए हम तैयार नहीं हो पाते। यदि तैयार हो भी जाते हैं तो एक दो माह बाद ही यह बदलाव हमें तकलीफ देने लगते हैं और हमारा दृढ़ निश्चय धरा रह जाता है।

 अगर हमारी सोच नकारात्मक है तो हमारी जिंदगी सीमाओं में कैद हो जाती है ऐसे नजरिया की वजह से हमको अपने काम में सीमित कामयाबी मिलती है सीमित सफलता मिल पाती है। हमारे अच्छे दोस्त भी सीमित होंगे हम जिंदगी का काम आनंद उठा पाएंगे। इसलिए अगर आप जिंदगी को मजे के साथ जीना चाहते हैं तो सकारात्मक सोच रूपी थेरेपी आपको लेनी पड़ेगी तभी आप स्वस्थ रहेंगे।

 सकारात्मक लोगों की पहचान-

 सकारात्मक नजरिया वाले लोगों की खासियत में कुछ ऐसी बातें होती हैं, जिनकी वजह से उन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है, जैसे कुछ खासियत है इस प्रकार हैं --


- सकारात्मक लोग दूसरों का ख्याल रखने वाले होते हैं।

- सकारात्मक लोग हमेशा आत्मविश्वास से भरे हुए रहते हैं।

- धीरज वाले और विनम्र  होते हैं।

- सकारात्मक लोग आशावादी होते हैं।

- सकारात्मक लोग दूसरों के लिए प्रेरणा का श्रोत होते हैं।

- खुद से उम्मीद रखने वाले होते हैं।

- अच्छे नतीजे के प्रति अशन रहते हैं।

- सकारात्मक लोग हमेशा प्रसन्न और खुश रहते हैं।

- सकारात्मक लोगों की जिंदगी खुशनुमा होती है।

 सकारात्मक नजरिया वाला आदमी हर मौसम में लगने वाले फल की तरह होता है ने की एक मौसमी फल। अर्थात सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति अच्छे बुरे सुख-दुख हर घड़ी में अपने आप को पॉजिटिव और खुश एवं प्रसन्न रखता है। इसीलिए सकारात्मक नजरिया वाले लोगों की पर्सनैलिटी अच्छी होती है और हर इंसान उन्हें पसंद करता है। अगर आप भी सबकी पसंद और पहली पसंद बनना चाहते हैं तो आपको आज ही सकारात्मक सोच का दामन थामना पड़ेगा। अब मैं कुछ उन चीजों पर चर्चा करता हूं जो आपकी सकारात्मक सोच को तय करते हैं। कुछ ऐसे कारक जो आपकी सोच का निर्धारण करते हैं। जन्म के बाद हमारा जो व्यक्तित्व बनता है उसे खास तौर से यह तीन चीज तय करती हैं --


 सकारात्मक सोच तय करने वाले कारक --

1. माहौल अर्थात एनवायरनमेंट।

2. अनुभव अर्थात एक्सपीरियंस।

3. शिक्षा अर्थात एजुकेशन।


माहौल --

 माहौल आसपास के वातावरण से और कई चीजों से मिलकर बनता है जिनमें निम्न को शामिल किया जाता है-

1.घर - घर का अच्छा या बुरा असर सब पर पड़ता है।

2. स्कूल - स्कूल के साथियों के साथ का माहौल।

3.  कार्यस्थल - नौकरी या जॉब मैं अपने साथियों की संगत। 

4.  मीडिया - हम जिसे सुबह-शाम देखे या पढ़ते हैं, वह हमारी सोच को तय करने में अहम भूमिका अदा करता है जैसे टेलीविजन, अखबार,  पत्रिकाएं,  रेडियो, फिल्में, आदी।

5.  सांस्कृतिक माहौल।

6.  धार्मिक माहौल।

7. परंपराएं और मान्यता।

 ऊपर बताए गए सारे तथ्य मिलकर हमारी सोच को निर्धारित करते हैं। घर हो ऑफिस हो या दफ्तर या कोई संस्था हो या देश हो हर जगह की अपनी एक तहजीब और संस्कृति होती है। जैसे उदाहरण के लिए आप किसी के घर जाते हैं तो वहां आप देखते हैं कि बच्चे औरत पुरुष सभी तमीज वाले मिलनसार और दूसरों का ख्याल रखने वाले हैं। जबकि आप दूसरे घर में जाते हैं, तो वहां पाते हैं की ना कोई तहजीब है ना तमीज, आपस में कुत्ते बिल्लियों की तरह झगड़ा होता है। जिन लोगों के माहौल में सकारात्मक होती है वहां के लोग और बच्चे भी मददगार और सकारात्मक होते हैं। अच्छे माहौल में साधारण काम करने वाले साधारण व्यक्ति की शक्ति भी बढ़ जाती है जबकि बुरे माहौल में अच्छा काम करने वाला व्यक्ति भी अपनी शक्ति और ऊर्जा को घटा हुआ महसूस करता है।जब माहौल ही बुरा हो तो लोगों से अच्छे व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती। खराब माहौल में ईमानदार नागरिक भी चोर उचक्के और बेईमान हो जाते हैं। आपको समय निकालकर इस बात पर गौर कीजिए कि हमारा माहौल हम पर कैसे असर डालता है..?  और हम जो माहौल तैयार करते हैं वह दूसरों पर कैसे असर डालता है..?

अनुभव --

 अलग-अलग तरह के लोगों से मिलने और समय के साथ हमें जो अनुभव होता है, वह हमारी सोच को निर्धारित करने में बड़ी भूमिका निभाता है। उनके अनुसार ही हमारा व्यवहार भी बदल जाता है। अगर किसी इंसान के साथ हमें अच्छा अनुभव मिलता है तो उसके बारे में हमारा सोच भी अच्छी हो जाती है पर बुरा अनुभव मिलने पर हमें सावधान हो जाते हैं। अनुभव और घटनाएं हमारी जिंदगी के महत्वपूर्ण बिंदु बन जाते हैं। हम इन घटनाओं और अनुभवों से नतीजे निकलते हैं जो भविष्य में हमारा मार्गदर्शन करते हैं और और हमारे व्यवहार तथा हमारी सोच को निर्धारित करते हैं।

शिक्षा -

 शिक्षा औपचारिक और अनौपचारिक दोनों तरह की होती है आजकल हम लोग सूचनाओं के सागर में गोते लगा रहे हैं लेकिन ज्ञान और समझदारी का अकाल पड़ा हुआ है। ज्ञान को योजना बंद ढंग से समझदारी में बदला जा सकता है और समझदारी हमें कामयाबी दिलाता है। समझदारी हमें सफलता दिलाती है. इन सब में एक शिक्षक की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है उसका प्रभाव काफी समय तक रहता है। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो हमें केवल रोजी-रोटी कमाने के नहीं बल्कि एक अच्छा जीवन जीने का तरीका सिखाएं।

 संघर्ष करें अपने आप में संपूर्ण कोई भी नहीं होता -

 दोस्तों दुनिया में आपको एक भी इंसान ऐसा नहीं मिलेगा जो यह कह सके कि मैं अपने आप में संपूर्ण हूं। कोई संपूर्ण नहीं है। किसी में कुछ कमी है, तो किसी में कुछ कमी। फर्क सिर्फ इतना है कि सकारात्मक सोच वाले लोग अपनी कमियों को भी अपनी खूबियों में बदल लेते हैं। और उनकी सोच  बुराई में भी अच्छाई देखने की होती है। इसीलिए सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति का जीवन खुशहाल माना जाता है। जिंदगी के बुरे पलों को मुस्कुराते हुए व्यतीत करना चाहिए। बुरी वक्त में आदमी की संघर्ष क्षमता बढ़ती है। खराब समय हमें अनेक अनुभव से ज्ञात करवाता है। संघर्ष के दिन आपके सीखने की सबसे अच्छी दिन होते हैं। एक सकारात्मक इंसान की यही सबसे बड़ी खूबी होती है कि वह संघर्ष के दिनों में भी अपने चेहरे की हंसी, मुस्कुराहट कम नहीं होने देता।

 सबकी जीत के बारे में सोचें -

 दोस्तों, सकारात्मक सोच को अपनाकऱ हम अपनी जिंदगी बदल सकते हैं, और सफलता के शिखर को भी छू सकते हैं। सकारात्मक सोच वाले लोग खुद भी सफलता के शिखर को छूते हैं और दूसरों की भी इसमें मदद करते हैं। इसीलिए तो सकारात्मक सोच जिंदगी बदलने की एक थेरेपी है। सकारात्मक सोच वाले लोग सबकी जीत के बारे में सोचते हैं। सब की सफलता की कामना करते हैं। अब कोई छोटी सी कहानी सुनाता हूं --

 ""एक आदमी मरने वाला था।  सेंट पीटर ने उसे पूछा कि तुम स्वर्ग में जाना चाहते हो या नर्क में। उस आदमी ने पूछा कि फैसला करने से पहले क्या मैं इन दोनों जगह को देख सकता हूं...? सेंट पीटर ने उत्तर दिया जी हां बिल्कुल देख सकते हो और सेंट पीटर पहले उसे नर्क में ले गया। नर्क में उसने एक बहुत बड़ा हॉल देखा जिसमें एक बड़ी इमेज पर तरह-तरहl खाने की चीज रखी हुई थी। इन खाने वाली चीजों को खाने वाले लोगों की कतारे भी देखी। लेकिन इन कारों में खड़े हुए लोगों के चेहरे उदास थे। वहां कोई हंसी खुशी नहीं थी। गौर करने वाली एक बात यह और थी कि उनके हाथों में चार-चार फीट लंबे कांटे और छुरिया बंधी हुई थी। इससे वह सामने रखे हुए अच्छे-अच्छे पकवानों को खाने का प्रयास तो कर रहे थे मगर का नहीं पा रहे थे। न के हालातो को देखने के बाद उसे आदमी ने स्वर्ग को देखने की इच्छा प्रकट की। सेंट पीटर उसे स्वर्ग दिखाने के लिए वहां पर लेकर गया।

 वहां भी उसने देखा कि एक बड़ी एक बड़े हॉल में एक बड़ी सी इमेज पर ढेर सारा खाना लगा हुआ है। तरह-तरह की पकवान सजे हुए हैं. पकवानों को खाने वालों की करें भी उसने देखी। उनके हाथों में भी चार-चार फीट लंबी छुरी और कांटे बंधे हुए थे। लेकिन इन लोगों की सोच में अंतर था यह एक दूसरे के सामने बैठे हुए थे और एक दूसरे को आपस में खाना खिला रहे थे। इसीलिए यहां पर लोगों के चेहरों पर प्रसन्नता थी। यहां खुशहाली समृद्धि आनंद और संतुष्टि के भाव थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि यह लोग सिर्फ अपने बारे में नहीं सोच रहे थे बल्कि अपने साथ अपने साथियों के बारे में भी सोच रहे थे एक दूसरे को खाना खिला रहे थे। एक दूसरे के प्रति प्यार प्रकट कर रहे थे। सबकी जीत की कामना कर रहे थे। यही बात हमारे जीवन पर भी लागू होती है जब हम अपने परिवार अपने मालिक अपने कर्मचारी अपने शिष्यों एवं युवा साथियों की सेवा करते हैं तो हमें जीत खुद ब खुद मिल जाती है।


   प्रेरणा डायरी -  "आपकी उम्मीदों कि उड़ान"


सकारात्मक सोच के फायदे --

दोस्तों, सकारात्मक सोच वाले लोगों की शख्सियत में कुछ अलग ही खास बात होती है। अम्मा चाहे एक छात्र हो या युवा यह हमारा कोई भी क्षेत्र हो कामयाबी की बुनियाद सकारात्मक सूची होती है। सकारात्मक सोच वाले इंसान का जीवन खुश हाल जीवन होता है l सकारात्मक सोच हमारी बौद्धिक क्षमताओं को बढा देती है। आप सोच भी नहीं सकते कि सकारात्मक सोच आपको कितने फायदे पहुँचा सकती है आइये जानते है सकारात्मक सोच से होने वाले कुछ फायदाओं के बारे में। आपको यकीन नहीं होगा कि एक मात्र सकारात्मक सोच को अपनाकर हम अपना पूरा जीवन बदल सकते हैं और हमेसा motivate रह सकते हैं l 


-- सकारात्मक सोच हमारे अंदर जोश पैदा करती हैं l 

--- सकारात्मक सोच  हमारी समस्याओं को आसानी से हल करती हैं। शोध बताते हैं कि सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति की जिंदगी से 50% समस्याएं सोते ही समाप्त हो जाती हैं। क्योंकि आप ही समस्याएं सिर्फ उत्पन्न इसलिए यूं होती हैं क्योंकि हमारी सोच उनके प्रति नकारात्मक होती है। और इसी से समस्याएं जन्म लेती हैं।

-- सकारात्मक सोच से कार्य में गुणवत्ता बढ़ जाती है।

-- सकारात्मक सोच वाले लोगों को नकारात्मक सोच वाले लोगों की तुलना में ज्यादा फायदा होता ह।

-- सूट बताते हैं कि जो लोग पॉजिटिव थिंक अर्थात सकारात्मक सोच के साथ काम करते हैं उनका काम में अधिक मन लगता है और रिजल्ट अच्छा आता है।

-- अच्छे नजरिया वाले, सकारात्मक सोच वाले लोगों को जिंदगी जीने का आनंद आता है। जिंदगी खुशनुमा लगती है।

-- सकारात्मक सोच वाले लोग जिस क्षेत्र में भी कार्य करते हैं उनके सफलता के चांस बढ़ जाते हैं। नकारात्मक सोच वाले लोगों की तुलना में सकारात्मक सोच वाले लोग अधिक सफल होते हैं।

-- सकारात्मक सोच वाले लोगों का व्यक्तित्व इस तरह का होता है कि वह दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा बने का कार्य करते हैं।

-- दूसरो को प्रेरणा (motivation) मिलता है l 

-- उत्पादकता और कार्य कुशलता मै बढ़ोतरी होती है l 

-- सकारात्मक सोच वाले इंसान की शख्सियत खुशनुमा बन जाती है।

-- सकारात्मक सोच हमें समाज और राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण योगदान के काबिल बनती है और सकारात्मक सोच वाले लोग स्वयं भी राष्ट्र की संपत्ति बन जाते हैं।

-- सकारात्मक सोच व्यक्ति के आसपास के माहौल को उसके मुताबिक बना देती है।

-- सकारात्मक सोच से मानसिक तनाव कम होता है। अनेक प्रकार की मानसिक बीमारियों से निजात प्राप्त होती है। 

-- सकारात्मक सोच संबंधों को बेहतर बनाती है।

-- सकारात्मक सोच रखने वाले लोगों की जिंदगी सीमाओं में कैद नहीं होती। उनकी सोच का स्तर व्यापक हो जाता है।



K. S. Ligree ( फ़्रीलांस जर्नलिस्ट) 

ब्लॉग नाम - प्रेरणा डायरी।

वेबसाइट - prernadayari.blogspot.com