कैसे अच्छे अंक प्राप्त करें बोर्ड एग्जाम 20024 में. लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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बुधवार, 15 मई 2024

कैसे अच्छे मार्क्स हासिल करें बोर्ड परीक्षा - 2024 में.



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प्रेरणा डायरी.


बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने में कुछ ही दिन शेष बचे हैं। सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा 15 फरवरी से शुरू होगी, वही अलग-अलग राज्यों के बोर्ड परीक्षा भी शुरू होने वाली हैं। आईए जानते हैं बोर्ड परीक्षा के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। 
 बोर्ड परीक्षाओं में अब रिवीजन के लिए भी बहुत कम समय बचा है। परीक्षा का नाम सुनकर बहुत से स्टूडेंट तनाव में आ जाते हैं।लेकिन ध्यान रखने वाली बात है की तैयारी पर तनाव को हावी होने देने से परीक्षा पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में उन बातों का ध्यान रखें जो अंक बढ़ाने में आपकी मदद करें,  और आपको तनाव मुक्त रखें।

मॉडल पेपर कम करेंगे डर --

 परीक्षा से पहले तक जिस भी विषय का रिवीजन करें उसके मॉडल पेपर सॉल्व करें। सीबीएसई से लेकर स्टेट बोर्ड तक की ऑफिशल वेबसाइट पर मॉडल पेपर उपलब्ध हैं। इन्हें डाउनलोड करके परीक्षा का डर दूर कर सकते हैं। और एग्जाम रूम में होने वाली गलतियों को रोक सकते हैं। इसके साथ ही खुद की तैयारी का स्तर भी आसानी से जांच सकते हैं। मॉडल पेपर से तैयारी करने में अत्यंत सुविधा प्राप्त होती है। तथा परीक्षा का डर दूर होता है। और अच्छा अभ्यास किया जा सकता है। 

तनाव को हावी न होने दें ---

 विशेषज्ञ कहते हैं कि ज्यादातर स्टूडेंट तैयारी करते समय तनाव में आ जाते हैं उन्हें लगता है की परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे, तो बहुत परेशानी हो जाएगी ऐसे मामलों में दो बातें ध्यान रखें, पहली चिंता और डर से हमेशा दूर रहे तनाव और चिंता आपकी तैयारी को प्रभावित करेगा और आपके इस्कोर पर बुरा असर डालेगा,  इसलिए तनाव मुक्त रहकर ही तैयारी करें।  तनाव मुक्त तैयारी से हमेशा सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं।

अगर पेपर कठिन आ जाये, तो क्या करें  ---

 कई बार स्टूडेंट के सामने बड़ा संकट उत्पन्न हो जाता है आशा के विपरीत प्रश्न पत्र कठिन आ जाता है, क्वेश्चन पेपर को देखकर के छात्र घबरा जाते हैं, भाई और तनाव से ग्रस्त हो जाते हैं उनके आते हुए प्रश्न भी गलत होने लगते हैं. स्टूडेंट दबाव में आ जाते हैं और अधिकतर प्रश्नों को छोड़ने छोड़ देते हैं,यदि यदि ऐसा हो जाता है कि प्रश्न पत्र कठिन आता है तू सबसे पहले आप अपने मन को शांत करें गहरी सांस लेकर धीरे-धीरे छोड़ें ध्यान रखें समय सीमित होता है मन शांत होने के बाद सबसे पहले उन प्रश्नों को हल करना शुरू करें जिनके जवाब आपको अच्छी तरह आते हैं, सवालों के जवाब देते समय घबराएं नहीं और कॉन्फिडेंस के साथ उत्तर लिखें, भाषा अच्छी रखें और गलतियां कम करें, इस तरह से यदि आप पेपर हल करेंगे  तो निश्चित रूप से आप अच्छे अंक हासिल कर सकेंगे!

कुछ समय अपने लिए निकाले ---

 अधिकतर छात्र लंबी पढ़ाई और और परीक्षा के दर से तनाव ग्रस्त हो जाते हैं तैयारी के अंतिम दौर में भी अपने रिजल्ट को बिगड़ने न दें ध्यान रखें हमेशा पूरी नींद ले हेल्दी डाइट ले परीक्षा से जुड़े हर कार्य को परीक्षा से पहले ही पूरे करने का प्रयास करें ताकि अंतिम समय में कोई हड़बड़ा या घबराहट ना हो


दोस्तों के साथ तैयारी कि तुलना ना करें --- 

 आपके साथ के दोस्तों की तैयारी आपसे अच्छी है या बुरी इस बात की कभी तुलना ना करें क्योंकि यह तुलना आपकी परीक्षा पर और आपके परिणाम पर बेहद खराब असर डाल सकती है अगर फिर भी आपके मन में कोई सवाल या शंका है तो अपने परिवार के सदस्यों और अपनी शिक्षकों के साथ एक स्वस्थ चर्चा करें इतना करने के बाद भी अगर आपके मन की शंकाएं और समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा और आप परेशानी महसूस कर रहे हैं तो किसी अच्छे मनोज चिकित्सा से भी सलाह ले सकते हैं इसमें कोई बुराई नहीं है इस प्रकार की दिनचर्या अपना कर अपने केवल स्वस्थ और मजबूत बनेंगे बल्कि अपनी परीक्षा में अच्छे अंकों के साथ बेहतर स्कोर कर सकेंगे

 अपने दिमाग को एक्टिव रखें ---

 अक्सर जब हमसे पूछा जाता है तो हम यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि मुझे सब मालूम है लेकिन आपको यह सोचना चाहिए कि यदि आपके सामने कोई घटना हुई है या आपने कोई चैप्टर पढ़ा है तो वह आपको याद क्यों नहीं है आप उसका ठीक से जवाब क्यों नहीं दे पा रहे हैं अगली बार जब आपसे कोई इस तरह से इस सवाल पूछे तो आप खुद से जवाब करें कि मुझे इसका आंसर क्यों मालूम नहीं है ऐसा करने से आपके ब्रायन पर सकारात्मक असर पड़ेगा और वह एक्टिव रहेगा यह आदत आपकी मेमोरी को भी बेहतर बनाएगी इन छोटी-छोटी आदतों से आपकी मेमोरी धीरे-धीरे शार्प बनेगी यह परीक्षा में सफलता प्राप्त करने का एक सकारात्मक उपकरण है

 ट्रिक का प्रयोग करें ---

 दोस्तों परीक्षा में जवाब लिखना एक बात है लेकिन जवाब को प्रभावित तरह कैसे लिखना दूसरी बात ध्यान रखें आपका जवाब जितना प्रभावित होगा उतने अच्छे मार्क्स आपको मिलेंगे इसके लिए आप ट्रिक को अपना सकते हैं विभिन्न विषयों जैसे साइंस मैथ्स ज्योग्राफी हिस्ट्री आदि में कुछ बेसिक ट्रिक अपनी जा सकती हैं और बेहतर जवाब लिखा जा सकता है जवाब लिखते समय छोटे-छोटे चार्ट और डायग्रामों का प्रयोग अवश्य करें जैसे भूगोल विषय में सवालों के जवाब देते समय आप मानचित्रो का प्रयोग करें इसी प्रकार इतिहास विषय में हम सनों को याद करते समय लापरवाही करते हैं और उन्हें व्यर्थ का समझ कर ध्यान नहीं देते लेकिन इतिहास विषय में सनोन का विशेष महत्व है इसलिए अपने जवानों में जहां जरूरी हो वहां सनों को लिखें जवाब में विशेष और खास महत्वपूर्ण तत्वों को अंडरलाइन कर दें इस प्रकार आप अपने बोर्ड की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं

 खुद पर भरोसा रखें ---


अक्सर छात्रों की शिकायत होती है कि वह परीक्षा के दिनों में अपना कॉन्फिडेंस को देते हैं जो भी याद कर रहे हैं उसे भूल जाते हैं याद किया हुआ मेमोरी में नहीं टिक पाता यह समस्या सिर्फ स्टडी तक सीमित नहीं होती प्रोफेशनल लाइफ पर भी इसका असर पड़ता है अगर आप भी इस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखकर मेमोरी को बेहतर बना सकते हैं और अपने आत्मविश्वास को कायम रख सकते हैं हार्वर्ड विश्वविद्यालय की रिपोर्ट बताती हैं की मेमोरी बढ़ाने का सबसे बेहतर तरीका है खुद पर विश्वास रखना यदि आपका विश्वास डगमगा रहा है तो आपकी मेमोरी पर भी बुरा असर पड़ेगा खुद पर भरोसा नहीं होगा तो तनाव भी बढ़ेगा इसलिए पहले खुद पर भरोसा रखें

 गुस्से और चिड़चिड़ेपन को दूर रखें  ---

 यदि आपको गुस्सा आता है तो अपने गुस्से को काबू में रखें और चिड़चिड़ा पैन से दूर रहें साइंटिफिक रीजन साबित करते हैं कि गुस्सा मेमोरी पर बुरा असर डालता है अपने मां और दिमाग को शांत रखें जैसे-जैसे मां और दिमाग को शांत रखते हैं धीरे-धीरे मेमोरी शार्प होती चली जाती है स्टूडेंट के अंदर पैदा होने वाला दर मेमोरी पर असर डालता है आपकी स्टडी प्लान को भी चौपट कर सकता है

ग्रुप स्टडी को महत्त्व दें ---

 ग्रुप स्टडी का सबसे बड़ा फायदा है दोस्तों के साथ आपस में क्रॉस क्वेश्चन करना. क्रॉस क्वेश्चन आपको कई अवसर प्रदान करता है इसे धीरे-धीरे मेमोरी भी तेज होती है तथा आपको अपनी तैयारी किस स्थिति में है इस बात का आभास होता है. इन प्रश्नों के आधार पर आप अपनी तैयारी का आकलन करके उसे और मजबूती प्रदान कर सकते हैं आपको यह पता चलता है कि किन विषयों में और किन टॉपिको में मेरी तैयारी वीक है  जिन विषयों में आप क्रॉस क्वेश्चन का जवाब नहीं दे पाते अर्थात आपकी तैयारी उन विषयों में थोड़ी कमजोर है आप समय रहते अपनी तैयारी को मजबूती दे सकते हैं ग्रुप स्टडी आपकी मेमोरी को बढ़ाने का भी काम करती है इस तरह अगर संभव हो तो कुछ घंटे ग्रुप स्टडी के लिए जरूर निकले ग्रुप स्टडी के समय आप इस बात से घबराएं नहीं कि मैं सवालों का जवाब नहीं दे पाऊंगा आप जिन विषयों में कमजोर हैं उन्हीं से संबंधित सवाल अपने दोस्तों से पूछे और उनसे भी इस विषय में सवाल पूछने के लिए कहें ऐसा करके आप अपने विषय को बहुत अच्छा तैयार कर सकते हैं.

एग्जाम फोबिया से बचें ---

 यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें परीक्षा के भय से बहुत ज्यादा डर और घबराहट बढ़ जाती है। इससे बचाव का एक ही तरीका है कि इस बात को दिमाग में नहीं लाना चाहिए की क्या हो रहा है और क्या होगा..? कैसा पेपर होगा..? कितने मार्क्स आएंगे...? इस तरह के सवाल और सोच नकारात्मकता को जन्म देती है। अपनी कोशिशें का आकलन करना चाहिए फेवर आफ फैलियर यानी सफलता का दार आदमी को परेशान करता है। फीवर का फेलियर नामक यह है स्थिति छात्रों में अधिक पाई जाती है परीक्षा आपके लिए सब कुछ है पर यह सोचना गलत है की परीक्षा में असफल होने पर जीवन में आपकी पहचान ही खत्म हो जाएगी।
 एग्जाम फोबिया से बचने के लिए परीक्षा के दिनों में आप अपने खुश मिजाज दोस्तों परिवार के सदस्यों और शिक्षकों का एक सहायता समूह तैयार करें यदि आपको किसी तरह का तनाव हो रहा है किसी विषय को लेकर चिंतित हैं तो इसके बारे में अपने सहायता समूह से बात करें इससे आपका तनाव कम होगा और एग्जाम फोबिया से बच सकेंगे

परीक्षा को चिंता का नहीं, ख़ुशी का विषय बनाये --



 कुछ दशकों से परीक्षा और उस से उतत्पन होने वाला तनाव एक गंभीर और वैश्विक संकट बनकर उभरा है। मैं तो इसे ही वैश्विक संकट ही कहूंगा क्योंकि दुनिया का हर छात्र चाहे वह किसी भी देश का हो परीक्षा से जुड़े अनेक अनेक तनाव भ्रमों और चिताओं का शिकार हो रहा है। परीक्षाओं के तनाव और दबाव के कारण आए दिन अनेक नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं। परीक्षा और परीक्षा से उत्पन्न तनाव अब एकदम भी चर्चा का विषय बन चुका है। चारों तरफ का एनवायरमेंट ऐसा बन गया है कि बच्चे परीक्षा को परीक्षा ने समझकर भविष्य तय करने की परीक्षा मान लेते हैं। परीक्षा के दबाव में आकर कई विद्यार्थी अपना जीवन समाप्त कर लेते हैं. परीक्षा की दावों के कारण बच्चों में अन्य कई प्रकार के विकार देखे जा रहे हैं। इससे हमारा ऐसा विद्यार्थी वर्ग बीमार हो रहा है जो आगे चलकर देश निर्माण में अपना योगदान देगा। वर्तमान समय में परीक्षा को ऐसा रूप दे दिया गया है जिसके दबाव में बच्चे अपनी प्रतिभा से विमुख हो रहे हैं और अतिरिक्त दबाव में ने तो अच्छे परीक्षार्थी बन पा रहे हैं और ने ही अपने मनोबल को ऊंचा उठा पा रहें है। इसके लिए आवश्यक है ऐसी सोच की जो परीक्षा के डर के वातावरण को समाप्त कर एक स्वस्थ वातावरण को जन्म दे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात से भली भांति प्रसिद्ध है कि हमारी भाभी पीढ़ी अपनी क्षमताओं का तभी भरपूर प्रयोग कर सकती है जब वह अपनी विशेषताओं का दोहन कर पाएगी। उल्लेखनीय है की परीक्षाओं का दबाव परीक्षा से नहीं बल्कि उन आकांक्षाओं से उत्पन्न होता है जो परिजनों और समाज के द्वारा बच्चों पर थोपी जाती है सभी ओर से बच्चों के दिमाग में बस एक ही बात भर दी जाती है की परीक्षा में उत्तम अंक लाना ही एकमात्र पैमाना है। इसके कारण बच्चों पर आकांक्षाओं का अतिरिक्त भोज एक ऐसे वातावरण का निर्माण करता है जो बच्चों की प्रतिभा को फलने -फूलते से रोकता है बच्चों को किसी भी तनाव से बचने के लिए घर के मुखिया का योगदान महत्वपूर्ण होता है अब समय आ गया है कि देश का हर अभिभावक और शिक्षक इस मुद्दे पर ध्यान दें और इसे गंभीरता से ले ताकि परीक्षा चिंता का नहीं खुशी का विषय बन सके।

 परीक्षा और इससे जुड़े तनाव को काम या ज्यादा करने में छात्र और परिजन दोनों की  सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बहुत कुछ छात्र पर निर्भर करता है कि वह तनाव को अपने ऊपर कितना हावी होने देते हैं। परिवारजन छात्र के लिए एक तनाव मुक्त माहौल उत्पन्न करने में अहम भूमिका अदा करते हैं। माता-पिता के लिए यह एक जिम्मेदारी हो जाती है की परीक्षा के दिनों में वह छात्र को स्वस्थ और तनाव मुक्त पारिवारिक माहौल प्रदान करें. स्थिति तब विकेट हो जाती है जब परिजन अपने बच्चों की तुलना अन्य बच्चों से करते हैं। ऐसे हालातो से छात्रों में नकारात्मक भावना उत्पन्न होती है। परिजनों को चाहिए कि वह अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से कवि ने करें। परीक्षा की दिनों में वह इन दिनों में भी परिजनों को अपने बच्चों के साथ दोस्ताना संबंध रखनी चाहिए ताकि उन्हें गलत रास्ते पर जाने से रोका जा सके. अपने बच्चों की क्षमताओं का आकलन करें नेक कमजोरी का.

 परीक्षा को चिंता के स्थान पर खुशी का विषय बनाने में शिक्षक भी अपनी अहम भूमिका रखता है। माता-पिता और दोस्तों के अतिरिक्त शिक्षक ही वह इंसान है जो एक छात्रा के सबसे अधिक करीब होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यक्रम एग्जाम वारियर्स में कहा की बच्चों की शिक्षा के साथ उनसे दिल का रिश्ता कायम कर ले वही सच्चा शिक्षक है. परीक्षा इससे जुड़ी चिंता और समस्याओं को छात्र अपने माता-पिता के अतिरिक्त जिस व्यक्ति के साथ सबसे ज्यादा शेयर कर पाते हैं वह एक शिक्षक ही होता है। शिक्षक को अपने छात्र-छात्राओं के साथ अपने स्वयं के बच्चों की भांति ट्रीट करना चाहिए। उनकी विभिन्न समस्याओं परीक्षा की समस्याओं और अन्य मुद्दों पर खुली चर्चा करनी चाहिए।

 दोस्तों पता नहीं हमने क्यों परीक्षाओं को एक चिंता और तनाव का विषय बना दिया है जबकि जबकि परीक्षा को खुशी एवं उल्लास का विषय माना जाना चाहिए। जीवन में उत्साह से बड़ा कोई उपहार नहीं और हताशा से बड़ा कोई अभिशाप नहीं उत्साह से भरपूर व्यक्ति के लिए हर मंजिल आसान होती है। खुशी और उत्साह से भरपूर व्यक्ति हर परीक्षा को सफलतापूर्वक पास कर लेता है।

 खुद के नोट्स बनाएं --

 आप जब भी पढ़ाई करें तो अपने विषय के नोट्स अवश्य बनाएं। स्वयं के बनाए गए नोटिस विषय को याद रखने में मदद करते हैं विभिन्न स्रोतों से अपने विषयों की पढ़ाई करना आपको भ्रम में डाल सकता है। इसलिए एनसीईआरटी की बुक से ही पढ़ाई करना उचित रहेगा।  डिस्कशन किसी भी विषय के लिए लाभदायक है। अगर आप अपने मित्रों के साथ समूह में चर्चा करके पढ़ाई करते हैं तो यह अच्छा रहेगा। परीक्षा में प्रश्नों को अच्छे से समझ कर ही उनका उत्तर लिखना चाहिए जिससे गलती ना हो।

 एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक से ही करें पढ़ाई --

 एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों पर ध्यान केंद्रित करें क्योंकि इनमें सीबीएसई बोर्ड की 12वीं कक्षा की सभी विषयों से पूछे गए चैप्टर होते हैं। पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को देखें और विश्लेषण करें की परीक्षा की दृष्टि से कौन से चैप्टर अधिक महत्वपूर्ण है। प्रश्न पत्रों को जल्दी हल करने की आदत विकसित करने के लिए पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का अभ्यास करें। पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों से अभ्यास करना सबसे सर्वोत्तम उपाय है। पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र एक तरफ तो आपको पूछे गए प्रश्नों की प्रकृति का अभ्यास करेंगे साथ ही आपको पेपर हल करने का समय तकनीकी आदि के ज्ञान से भी परिचित कराएंगे इसलिए पुराने प्रश्न पत्रों से अभ्यास करना बेहद आवश्यक और जरूरी है। आप परीक्षा के दिनों में अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें। और तनाव मुक्त होकर अध्ययन करें।

 दूसरों के प्रति कृतज्ञ रहे --

 आपकी सफलता केवल आपकी अपनी नहीं होती है। हर सफलता के पीछे जाने अनजाने अनगिनत लोगों का योगदान होता है। जिनमें शिक्षक, अपने परिवारजन, मित्र, आदि होते हैं। आपके माता-पिता आपके जीवन को बेहतर बनाने के लिए जो कुछ कर सकते हैं,  वह सब करते हैं पग पग पर आपको आपके भाई बहनों, और पूरे परिवार का संबल मिलता है। उन अनेक लोगों और परिजनों तथा दोस्तों के खिलाफ कृतज्ञ रहे जो आपकी मदद करते हैं। दूसरों का शुक्रगुजार रहना सफलता में मदद करता है।

 निष्कर्ष  ---

 दोस्तों अच्छी तैयारी करके परीक्षा में अच्छे अंक हासिल हो जाएं यह जरूरी नहीं है अच्छे अंको की प्राप्ति के लिए हमें अध्ययन के अतिरिक्त अन्य दर्जनों बातों को अपने ध्यान में रखना पड़ता है जैसे परीक्षा के समय में खुश रहना तनाव मुक्त रहना चिंता मुक्त रहना अपनी तैयारी को बेहतर तरीके से करना अच्छी रणनीतियां बनाना स्वस्थ भोजन और व्यायाम करना आदि ऐसे विषय हैं जो परीक्षा में अच्छे अंक दिलाने में मदद करते हैं इसीलिए अच्छी तैयारी के साथ-साथ हमें इन सभी बिंदुओं को मध्य नजर रखते हुए अपनी रणनीति अपनानी चाहिए यदि आप इन सभी बिंदुओं का ध्यान रखते हैं तो निश्चित रूप से आप परीक्षा में तनाव मुक्त रहकर अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं. बेहतरीन तैयारी तो करें पर मस्त मौला भी रहे आपने देखा होगा कि आपके साथ पढ़ने वाले कई छात्र आपसे काम पढ़ाई करके भी आपसे बेहतर परिणाम दे रहे हैं क्योंकि वह तुलना वह और तनाव से दूर रहकर तन और मन से अपना अध्ययन कार्य संपन्न करते हैं.


प्रश्न - उत्तर

Question  - 1 आज छात्रों के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि मेरे बोर्ड एग्जाम है लेकिन पढ़ाई में मन नहीं लगता मैं क्या करूं..??

उत्तर -- दोस्तों एग्जाम के दिनों में परीक्षा में मन नहीं लगा अक्सर सभी छात्रों की समस्या होती है ऐसा होने पर आप अपने दोस्तों की मदद ले ग्रुप में मिलकर साथ-साथ पड़े इससे काफी हेल्प मिलेगी और आपको आसानी से याद होगा और इस तरीके से पढ़ाई करने से आपको अलसी भी नहीं आएगा इसके अलावा यह समस्या अपने परिजनों के साथ साझा करें वह आपकी काफी मदद कर सकते हैं.



ब्लॉग नाम -  प्रेरणा डायरी।
वेबसाइट  - prernadayari.blogspot.com
 राइटर   -- केदार लाल     ( के. एस. लिग्री  )