अगले तीन साल में 3 लाख से अधिक इंजीनियरिंग नौकरी भारत में। लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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सोमवार, 27 नवंबर 2023

अगले 3 साल में 3 लाख से अधिक इंजीनियरिंग नौकरी।


दिल्ली:---  ग्लोबल आइटी कंपनियों में हुई भारी क्षटनि के बावजूद भारत में मौजूद मल्टीनेशनल कंपनियों के कैपिसिटी सेंटर्स (जीसीसी) व डिजाइनिंग के प्रोफेशनल्स कि जमकर नियुक्तियां हुई हैं।  पिछले साल के मुकाबले अब तक टेक टैलेंट्स की  मांग 35% से 40% बढ़ी है। वहीं 3 से 4 साल में मल्टीनेशनल के जीसीसी में 3 लाख से अधिक इंजीनियरों को नौकरी मिलने कि उम्मीद है। मेक इन इंडिया का और भारतीय इकोनॉमी की ताकत के चलते दुनियाभर की एमएनसी अब भारत में ही अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की तैयारी में हैं। 
अब तक ज्यादातर आइटी और सर्विस सेक्टर से जुड़ी कंपनियां और उनका ऑफशोर वर्क ही भारत आते थे। आइटी स्टाफिंग कंपनी क्वेस की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में ग्लोबल कंपनियों के मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े जीसीसी तेजी से बढ़े हैं। एमएनसी रिसर्च, डिजाइन और इंजीनियरिंग से जुड़े कामों को भी भारत भेजने लगी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, एविएशन, ऑटोमोबाइल, टायर व इलेक्ट्रिकल सेक्टर में नौकरियां आएंगी। 

40% बढ़ी मांग :----

 इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी और डिजाइनिंग के अनुभवी प्रोफेशनल्स की मांग भारत में वर्तमान में मौजूद मल्टीनेशनल कंपनियों के * ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर्स में । 

IT के बजाय इन सेक्टर में होंगीं नौकरी :--

मल्टीनेशनल कंपनियां भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग सेंटरों को बढ़ाने में जुट गई हैं। इसके चलते नौकरियों की बहार आने की पूरी संभावना है। इनमें से ज्यादातर नौकरियां आइटी सेक्टर के बजाय मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरों के लिए होंगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ही नई जॉब को पैदा करेगा। टियर-2 और 3 शहरों के इंजीनियरिंग कॉलेजों से भी फ्रेशर्स हायर होंगे। 

ऑटोमोबाइल-हार्डवेयर में ज्यादा अवसर :---

विशेषज्ञों के अनुसार, मर्सेडीज बेंज, बॉश, मिशलीन, एबीबी, बोइंग, एयरबस, रेनॉ, फोक्सवेगन ग्रुप, स्नाइडर इलेक्ट्रिक, जॉन डिअर, कैटरपिलर, कोंटिनेंटल और कोलिंस एयरोस्पेस जैसी कंपनियां भारत में मजबूती से काम करेंगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की यह बदलती तस्वीर बहुत उत्साहित करने वाली है। बैटरी मैनेजमेंट और हार्डवेयर क्षेत्र में भी कई नौकरियां पैदा होंगी।