दोस्तों 10/5/2023 से "प्रेरणा डायरी" के रूप मे शुरू हो रहा यह ब्लॉग छात्र और युवा पीढी के लिए समर्पित रहेगा और प्रेरणा पर अपने मौलिक आर्टिकल् पब्लिश करेगा । प्रेरणा के हर पहलू पर लिखित चर्चा होगी । एक छात्र के यक्ष सवालों जैसे-प्रेरित कैसे रहे, सफल और कामयाब कैसे हों, खुश हाल जिन्दगी कैसे जिये, आदि के उत्तर आप इस ब्लॉग के आर्टिकल् के माध्यम से पा सकेंगे ,ये प्रेरणादायी आर्टिकल् और ये ब्लॉग युवा वर्ग में सकारात्मक बदलाव लाकर एक नयी आशा का संचार करने में सफल होगा। ऐसी मनोकामना करता हुँ।
शनिवार, 27 अप्रैल 2024
"एक्जाम फाइट"- QUIZ INDIA, हर रोज कर्रेंट GK के नये और नायाब प्रसन्न।
शनिवार, 20 अप्रैल 2024
जीवन बदलने की थेरेपी - सकारात्मक सोच
सकारात्मक सोचिये... और रहिये motivate/ प्रेरित
दोस्तो हम अपने जीवन में कितने सफल होगे, होंगे या नहीं, ये सब हमारी सोच पर निर्भर करता है। एक बहुत पुरानी कहावत है कि "जैसा आप सोचते हैं, वैसा ही आप बनते हैं। आपकी सोच पर आपकी सफलता निर्भर करती है। और निर्भर करताी हैं हमारी प्रेरणा (मोटिवेशन )पर। अच्छी सोच हमेशा अच्छी प्रेरणा को जन्म देती है। अच्छी सोच और प्रेरणा ही वे दो महान शक्तियां हैं, जो एक इंसान को बुलंदियों तक ले जा सकती हैं। यदि आप एक छात्र हैं तो आपको इन दो चीजों को हमेशा फॉलो करना है, एक सकारात्मक सोच दूसरी- अच्छी प्रेरणा। इंसान को हमेसा अपनी सोच सकारात्मक रखनी चाहिए। जीवन भले ही सादा रखो.. लेकिन विचार हमेशा उच्च होने चाहिए। इसलिए तो कहावत प्रसिद्ध है -"सादा जीवन उच्च विचार" बड़ी सफलता हासिल हो इसके लिए जरूरी है कि सोच बी बड़ी हो और सकारात्मक ऊर्जा हो। कुछ पंक्तिया याद आ रही है
"सब (रात) अंधेरो को खंगालो तो
कुछ बात बने
एक नया खुर्सिदा (सवेरा) निकालो
तो कुछ बात बने
वक़्त के सांचे में ढलना तो सब को आता है
वक़्त को
अपने सांचे में ढालो तो कुछ बात बने।
आपका अच्छा नजरिया... अर्थात आपकी अच्छी सोच बहुत कुछ तय करती है। आपको इस बात की प्रेरणा देती है कि एक नया सवेरा खोजना है। एक नया उजाला खोजना है। दोस्तों सकारात्मक सोच पर आपको काफी आर्टिकल पढ़ने को मिल सकते हैं। बस इस आर्टिकल में हम एक दूसरे पहलू पर चर्चा करेंगे। और इस सवाल का जवाब ढूंढने का प्रयास करेंगे कि "" मान लीजिए हमारी सोच नकारात्मक हो गई... अब हम कैसे इसी सकारात्मक बनाएं..? यह एक बड़ा सवाल है और.. लोगों का सवाल है..।
हम क्यों नहीं बदल पाते हैं अपनी सोच को ---
हम एक छात्र की बात करें या किसी इंसान की, आमतौर पर हम सब लोगों का स्वभाव इस तरीके का होता है कि वह बदलाव का विरोध करता है। अर्थात बदलाव विरोधी होता है। हमें अपनी जिंदगी में बदलाव लाने में तकलीफ होती है। यदि 5 साल से जिंदगी एक लाइन पर चल रही है उसे, इस लाइन से हटकर किसी दूसरी लाइन पर ले जाकर सेट करने में तकलीफ है तो आएंगे ही। जब हम जिंदगी में बदलाव का फेस लॉक करते हैं तो बदलाव का नतीजा अच्छा हो या बुरा अक्सर इससे तनाव बढ़ता है। कई बार हमें बुराइयों के साथ जीने की आदत भी पड़ जाती है। बदलाव करने की बजाय हम बुराइयों के साथ जीना बेहतर समझते हैं। इसीलिए हमारी बेहतरीन के लिए होने वाले बदलाव को भी हम कबूल करना नहीं चाहते। हम बुरे ही बने रहना चाहते हैं। अच्छा बनने के लिए हमें कुछ अच्छे बदलाव भी करनी पड़ेंगे और इन बदलाव के लिए हम तैयार नहीं हो पाते। यदि तैयार हो भी जाते हैं तो एक दो माह बाद ही यह बदलाव हमें तकलीफ देने लगते हैं और हमारा दृढ़ निश्चय धरा रह जाता है।
अगर हमारी सोच नकारात्मक है तो हमारी जिंदगी सीमाओं में कैद हो जाती है ऐसे नजरिया की वजह से हमको अपने काम में सीमित कामयाबी मिलती है सीमित सफलता मिल पाती है। हमारे अच्छे दोस्त भी सीमित होंगे हम जिंदगी का काम आनंद उठा पाएंगे। इसलिए अगर आप जिंदगी को मजे के साथ जीना चाहते हैं तो सकारात्मक सोच रूपी थेरेपी आपको लेनी पड़ेगी तभी आप स्वस्थ रहेंगे।
सकारात्मक लोगों की पहचान-
सकारात्मक नजरिया वाले लोगों की खासियत में कुछ ऐसी बातें होती हैं, जिनकी वजह से उन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है, जैसे कुछ खासियत है इस प्रकार हैं --
- सकारात्मक लोग दूसरों का ख्याल रखने वाले होते हैं।
- सकारात्मक लोग हमेशा आत्मविश्वास से भरे हुए रहते हैं।
- धीरज वाले और विनम्र होते हैं।
- सकारात्मक लोग आशावादी होते हैं।
- सकारात्मक लोग दूसरों के लिए प्रेरणा का श्रोत होते हैं।
- खुद से उम्मीद रखने वाले होते हैं।
- अच्छे नतीजे के प्रति अशन रहते हैं।
- सकारात्मक लोग हमेशा प्रसन्न और खुश रहते हैं।
- सकारात्मक लोगों की जिंदगी खुशनुमा होती है।
सकारात्मक नजरिया वाला आदमी हर मौसम में लगने वाले फल की तरह होता है ने की एक मौसमी फल। अर्थात सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति अच्छे बुरे सुख-दुख हर घड़ी में अपने आप को पॉजिटिव और खुश एवं प्रसन्न रखता है। इसीलिए सकारात्मक नजरिया वाले लोगों की पर्सनैलिटी अच्छी होती है और हर इंसान उन्हें पसंद करता है। अगर आप भी सबकी पसंद और पहली पसंद बनना चाहते हैं तो आपको आज ही सकारात्मक सोच का दामन थामना पड़ेगा। अब मैं कुछ उन चीजों पर चर्चा करता हूं जो आपकी सकारात्मक सोच को तय करते हैं। कुछ ऐसे कारक जो आपकी सोच का निर्धारण करते हैं। जन्म के बाद हमारा जो व्यक्तित्व बनता है उसे खास तौर से यह तीन चीज तय करती हैं --
सकारात्मक सोच तय करने वाले कारक --
1. माहौल अर्थात एनवायरनमेंट।
2. अनुभव अर्थात एक्सपीरियंस।
3. शिक्षा अर्थात एजुकेशन।
माहौल --
माहौल आसपास के वातावरण से और कई चीजों से मिलकर बनता है जिनमें निम्न को शामिल किया जाता है-
1.घर - घर का अच्छा या बुरा असर सब पर पड़ता है।
2. स्कूल - स्कूल के साथियों के साथ का माहौल।
3. कार्यस्थल - नौकरी या जॉब मैं अपने साथियों की संगत।
4. मीडिया - हम जिसे सुबह-शाम देखे या पढ़ते हैं, वह हमारी सोच को तय करने में अहम भूमिका अदा करता है जैसे टेलीविजन, अखबार, पत्रिकाएं, रेडियो, फिल्में, आदी।
5. सांस्कृतिक माहौल।
6. धार्मिक माहौल।
7. परंपराएं और मान्यता।
ऊपर बताए गए सारे तथ्य मिलकर हमारी सोच को निर्धारित करते हैं। घर हो ऑफिस हो या दफ्तर या कोई संस्था हो या देश हो हर जगह की अपनी एक तहजीब और संस्कृति होती है। जैसे उदाहरण के लिए आप किसी के घर जाते हैं तो वहां आप देखते हैं कि बच्चे औरत पुरुष सभी तमीज वाले मिलनसार और दूसरों का ख्याल रखने वाले हैं। जबकि आप दूसरे घर में जाते हैं, तो वहां पाते हैं की ना कोई तहजीब है ना तमीज, आपस में कुत्ते बिल्लियों की तरह झगड़ा होता है। जिन लोगों के माहौल में सकारात्मक होती है वहां के लोग और बच्चे भी मददगार और सकारात्मक होते हैं। अच्छे माहौल में साधारण काम करने वाले साधारण व्यक्ति की शक्ति भी बढ़ जाती है जबकि बुरे माहौल में अच्छा काम करने वाला व्यक्ति भी अपनी शक्ति और ऊर्जा को घटा हुआ महसूस करता है।जब माहौल ही बुरा हो तो लोगों से अच्छे व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती। खराब माहौल में ईमानदार नागरिक भी चोर उचक्के और बेईमान हो जाते हैं। आपको समय निकालकर इस बात पर गौर कीजिए कि हमारा माहौल हम पर कैसे असर डालता है..? और हम जो माहौल तैयार करते हैं वह दूसरों पर कैसे असर डालता है..?
अनुभव --
अलग-अलग तरह के लोगों से मिलने और समय के साथ हमें जो अनुभव होता है, वह हमारी सोच को निर्धारित करने में बड़ी भूमिका निभाता है। उनके अनुसार ही हमारा व्यवहार भी बदल जाता है। अगर किसी इंसान के साथ हमें अच्छा अनुभव मिलता है तो उसके बारे में हमारा सोच भी अच्छी हो जाती है पर बुरा अनुभव मिलने पर हमें सावधान हो जाते हैं। अनुभव और घटनाएं हमारी जिंदगी के महत्वपूर्ण बिंदु बन जाते हैं। हम इन घटनाओं और अनुभवों से नतीजे निकलते हैं जो भविष्य में हमारा मार्गदर्शन करते हैं और और हमारे व्यवहार तथा हमारी सोच को निर्धारित करते हैं।
शिक्षा -
शिक्षा औपचारिक और अनौपचारिक दोनों तरह की होती है आजकल हम लोग सूचनाओं के सागर में गोते लगा रहे हैं लेकिन ज्ञान और समझदारी का अकाल पड़ा हुआ है। ज्ञान को योजना बंद ढंग से समझदारी में बदला जा सकता है और समझदारी हमें कामयाबी दिलाता है। समझदारी हमें सफलता दिलाती है. इन सब में एक शिक्षक की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है उसका प्रभाव काफी समय तक रहता है। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो हमें केवल रोजी-रोटी कमाने के नहीं बल्कि एक अच्छा जीवन जीने का तरीका सिखाएं।
संघर्ष करें अपने आप में संपूर्ण कोई भी नहीं होता -
दोस्तों दुनिया में आपको एक भी इंसान ऐसा नहीं मिलेगा जो यह कह सके कि मैं अपने आप में संपूर्ण हूं। कोई संपूर्ण नहीं है। किसी में कुछ कमी है, तो किसी में कुछ कमी। फर्क सिर्फ इतना है कि सकारात्मक सोच वाले लोग अपनी कमियों को भी अपनी खूबियों में बदल लेते हैं। और उनकी सोच बुराई में भी अच्छाई देखने की होती है। इसीलिए सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति का जीवन खुशहाल माना जाता है। जिंदगी के बुरे पलों को मुस्कुराते हुए व्यतीत करना चाहिए। बुरी वक्त में आदमी की संघर्ष क्षमता बढ़ती है। खराब समय हमें अनेक अनुभव से ज्ञात करवाता है। संघर्ष के दिन आपके सीखने की सबसे अच्छी दिन होते हैं। एक सकारात्मक इंसान की यही सबसे बड़ी खूबी होती है कि वह संघर्ष के दिनों में भी अपने चेहरे की हंसी, मुस्कुराहट कम नहीं होने देता।
सबकी जीत के बारे में सोचें -
दोस्तों, सकारात्मक सोच को अपनाकऱ हम अपनी जिंदगी बदल सकते हैं, और सफलता के शिखर को भी छू सकते हैं। सकारात्मक सोच वाले लोग खुद भी सफलता के शिखर को छूते हैं और दूसरों की भी इसमें मदद करते हैं। इसीलिए तो सकारात्मक सोच जिंदगी बदलने की एक थेरेपी है। सकारात्मक सोच वाले लोग सबकी जीत के बारे में सोचते हैं। सब की सफलता की कामना करते हैं। अब कोई छोटी सी कहानी सुनाता हूं --
""एक आदमी मरने वाला था। सेंट पीटर ने उसे पूछा कि तुम स्वर्ग में जाना चाहते हो या नर्क में। उस आदमी ने पूछा कि फैसला करने से पहले क्या मैं इन दोनों जगह को देख सकता हूं...? सेंट पीटर ने उत्तर दिया जी हां बिल्कुल देख सकते हो और सेंट पीटर पहले उसे नर्क में ले गया। नर्क में उसने एक बहुत बड़ा हॉल देखा जिसमें एक बड़ी इमेज पर तरह-तरहl खाने की चीज रखी हुई थी। इन खाने वाली चीजों को खाने वाले लोगों की कतारे भी देखी। लेकिन इन कारों में खड़े हुए लोगों के चेहरे उदास थे। वहां कोई हंसी खुशी नहीं थी। गौर करने वाली एक बात यह और थी कि उनके हाथों में चार-चार फीट लंबे कांटे और छुरिया बंधी हुई थी। इससे वह सामने रखे हुए अच्छे-अच्छे पकवानों को खाने का प्रयास तो कर रहे थे मगर का नहीं पा रहे थे। न के हालातो को देखने के बाद उसे आदमी ने स्वर्ग को देखने की इच्छा प्रकट की। सेंट पीटर उसे स्वर्ग दिखाने के लिए वहां पर लेकर गया।
वहां भी उसने देखा कि एक बड़ी एक बड़े हॉल में एक बड़ी सी इमेज पर ढेर सारा खाना लगा हुआ है। तरह-तरह की पकवान सजे हुए हैं. पकवानों को खाने वालों की करें भी उसने देखी। उनके हाथों में भी चार-चार फीट लंबी छुरी और कांटे बंधे हुए थे। लेकिन इन लोगों की सोच में अंतर था यह एक दूसरे के सामने बैठे हुए थे और एक दूसरे को आपस में खाना खिला रहे थे। इसीलिए यहां पर लोगों के चेहरों पर प्रसन्नता थी। यहां खुशहाली समृद्धि आनंद और संतुष्टि के भाव थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि यह लोग सिर्फ अपने बारे में नहीं सोच रहे थे बल्कि अपने साथ अपने साथियों के बारे में भी सोच रहे थे एक दूसरे को खाना खिला रहे थे। एक दूसरे के प्रति प्यार प्रकट कर रहे थे। सबकी जीत की कामना कर रहे थे। यही बात हमारे जीवन पर भी लागू होती है जब हम अपने परिवार अपने मालिक अपने कर्मचारी अपने शिष्यों एवं युवा साथियों की सेवा करते हैं तो हमें जीत खुद ब खुद मिल जाती है।
प्रेरणा डायरी - "आपकी उम्मीदों कि उड़ान"
सकारात्मक सोच के फायदे --
दोस्तों, सकारात्मक सोच वाले लोगों की शख्सियत में कुछ अलग ही खास बात होती है। अम्मा चाहे एक छात्र हो या युवा यह हमारा कोई भी क्षेत्र हो कामयाबी की बुनियाद सकारात्मक सूची होती है। सकारात्मक सोच वाले इंसान का जीवन खुश हाल जीवन होता है l सकारात्मक सोच हमारी बौद्धिक क्षमताओं को बढा देती है। आप सोच भी नहीं सकते कि सकारात्मक सोच आपको कितने फायदे पहुँचा सकती है आइये जानते है सकारात्मक सोच से होने वाले कुछ फायदाओं के बारे में। आपको यकीन नहीं होगा कि एक मात्र सकारात्मक सोच को अपनाकर हम अपना पूरा जीवन बदल सकते हैं और हमेसा motivate रह सकते हैं l
-- सकारात्मक सोच हमारे अंदर जोश पैदा करती हैं l
--- सकारात्मक सोच हमारी समस्याओं को आसानी से हल करती हैं। शोध बताते हैं कि सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति की जिंदगी से 50% समस्याएं सोते ही समाप्त हो जाती हैं। क्योंकि आप ही समस्याएं सिर्फ उत्पन्न इसलिए यूं होती हैं क्योंकि हमारी सोच उनके प्रति नकारात्मक होती है। और इसी से समस्याएं जन्म लेती हैं।
-- सकारात्मक सोच से कार्य में गुणवत्ता बढ़ जाती है।
-- सकारात्मक सोच वाले लोगों को नकारात्मक सोच वाले लोगों की तुलना में ज्यादा फायदा होता ह।
-- सूट बताते हैं कि जो लोग पॉजिटिव थिंक अर्थात सकारात्मक सोच के साथ काम करते हैं उनका काम में अधिक मन लगता है और रिजल्ट अच्छा आता है।
-- अच्छे नजरिया वाले, सकारात्मक सोच वाले लोगों को जिंदगी जीने का आनंद आता है। जिंदगी खुशनुमा लगती है।
-- सकारात्मक सोच वाले लोग जिस क्षेत्र में भी कार्य करते हैं उनके सफलता के चांस बढ़ जाते हैं। नकारात्मक सोच वाले लोगों की तुलना में सकारात्मक सोच वाले लोग अधिक सफल होते हैं।
-- सकारात्मक सोच वाले लोगों का व्यक्तित्व इस तरह का होता है कि वह दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा बने का कार्य करते हैं।
-- दूसरो को प्रेरणा (motivation) मिलता है l
-- उत्पादकता और कार्य कुशलता मै बढ़ोतरी होती है l
-- सकारात्मक सोच वाले इंसान की शख्सियत खुशनुमा बन जाती है।
-- सकारात्मक सोच हमें समाज और राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण योगदान के काबिल बनती है और सकारात्मक सोच वाले लोग स्वयं भी राष्ट्र की संपत्ति बन जाते हैं।
-- सकारात्मक सोच व्यक्ति के आसपास के माहौल को उसके मुताबिक बना देती है।
-- सकारात्मक सोच से मानसिक तनाव कम होता है। अनेक प्रकार की मानसिक बीमारियों से निजात प्राप्त होती है।
-- सकारात्मक सोच संबंधों को बेहतर बनाती है।
-- सकारात्मक सोच रखने वाले लोगों की जिंदगी सीमाओं में कैद नहीं होती। उनकी सोच का स्तर व्यापक हो जाता है।
K. S. Ligree ( फ़्रीलांस जर्नलिस्ट)
ब्लॉग नाम - प्रेरणा डायरी।
वेबसाइट - prernadayari.blogspot.com
शनिवार, 13 अप्रैल 2024
सीमेंट - 2024 की तैयारी।
सोमवार, 8 अप्रैल 2024
विदेश में शिक्षा -- कौन कौन से देशों में उपलब्ध हैं, बेहतर शिक्षा।
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शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024
क्यों मनाया जाता है अप्रैल फूल डे..? कैसे बनाये दोस्तों को मूर्ख।
आज एक अप्रैल को अप्रैल फूल डे जिसे हम मूर्ख दिवस के रुप में भी मनाते हैं. अप्रैल फूल दिवस के मौके पर दोस्तों और परिवार वालों को मूर्ख बनाने का मौका शायद ही कोई गंवाता है लेकिन प्रैंक के कुछ आइडियाज काफी पुराने हो चुके हैं जिनसे उल्लू बनाना थोड़ा मुश्किल है, तो कुछ नया ट्राय करें
मूर्ख बनाने के लिए टूथपेस्ट और बिस्किट का इस्तेमाल करना
यदि आप अपनों को मूर्ख बनाने के लिए बिस्किट में क्रीम की जगह टूथपेस्ट लगाकर उन्हें चाय के साथ सर्व करें, तो यह आइडिया किसी को भी आसानी से उल्लू बना सकता है. इस आइडिया को आप 1 अप्रैल को जरूर दोस्तों पर अपनाएं.
खाली डब्बा गिफ्ट करें--
अप्रैल फूल बनाने के लिए आप अपने दोस्तों को एक खाली डब्बे को गिफ्ट भी कर सकते हैं. ऐसे में जैसे ही आप उन्हें वो खाली डिब्बा पैक करके गिफ्ट करें. आप उन्हें तुरंत उस डिब्बे को खोलने के लिए कहें. खाली डिब्बा देखकर हो सकता है उसे गुस्सा आए. ऐसे में आप उन्हें एक प्यार भरी झप्पी देकर अप्रैल फूल विश करें. ऐसा करके आप अपने दोस्तों के साथ जमकर हंस सकेंगे।
कार्डबोर्ड से बनाएं पिज़्ज़ा --
कार्डबोर्ड के एक टुकड़े को काट लें और इसके ऊपर कुछ सॉस डालें। हरी मिर्च गोभी प्याज आदि के टुकड़े ऊपर से डाल दे ताकि यह पिज्जा की तरह दिखे। दोस्त को आजकल बच्चे हो या बड़े सबको पिज़्ज़ा बेहद पसंद है। अब यह दिखने में बिल्कुल पीछे जैसा लग रहा है। अब इसे अपने दोस्तों के सामने ले जाएं और खाने के लिए कहें। जैसे ही वह इसे खाने और तोड़ने का प्रयास करेंगे और जब उन्हें इसके बारे में हकीकत पता चलेगी तो आप सब कहां संस्कार पेट दर्द होने लगेगा। आपको काफी आनंद आएगा। हां इतना अवश्य ध्यान रखना कि आप जो पिज़्ज़ा तैयार करें, क्योंकि एक गेट का बना हुआ होगा इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आपका दोस्त से निकले नहीं।
फोटो रिप्लेसमेंट --
अपने घर की गैलरी में सेलेब्स के साथ कुछ पारिवारिक तस्वीरें बदलें. इसमें थोड़ा और मजा जोड़ने के लिए, आप कोशिश कर सकते हैं और अपने मम्मी और डैड के साथ एक सेलेब की तस्वीर को मॉर्फ कर सकते हैं.
ट्रेकिंग भोपू से बनाएं अप्रैल फूल --
अप्रैल फूल बनाने का सबसे अच्छा तरीका यह भी है कि आप ऑफिस में या कार की सीट के नीचे एक प्रेसिंग भौंपू रख दें. जैसे ही आपका दोस्त या कोई करीबी उसके ऊपर बैठेगा तो जोर की आवाज सुनकर वो डर जाएगा और उसके डरते ही आप तुरंत उसे अप्रैल फूल विश कर दें.
अप्रैल फूल का इतिहास -
मीडिल यूरोप में 25 मार्च को नए साल का उत्सव मनाया जाता है. हालांकि 1852 में पोप ग्रेगरी अष्ठ ने ग्रेगेरियन कैलेंडर की घोषणा की थी. जिसके बाद जनवरी से नए वर्ष की शुरुआत होनी लगी. फ्रांस ने सबसे पहले इस कैलेंडर को स्वीकार किया. लेकिन यूरोप के कई देशों ने इस कैलेंडर को स्वीकार नहीं किया. जिसके कारण नए कैलेंडर के आधार पर न्यू ईयर मनाने वाले लोग पुराने तरीके से अप्रैल में नववर्ष मनाने वाले लोगों को मूर्ख समझने लगे और तब से अप्रैल फूल मनाया जाने लगा।
प्रश्न -उत्तर।
क्या होता है आत्मविस्वास..?. ..इसे कैसे बढ़ाया जा सकता है...?
Date 26/05/2023
Rajasthan (India)
आत्मविस्वास क्या होता है...? इसे कैसे बढ़ाया जा सकता हैं....? ( what is self--confidence and how can increase it)
दोस्तो, नमस्कार।
"उम्मीदों की उडान"
"प्रेरणा डायरी" (मोटिवेशन डायरी )
नमस्कार, आज मेरी " प्रेरणा डायरी " डायरी के पन्नों पर स्थित post, आपके लिए खासी महत्वपूर्ण होने वाली है । हम सब " Self -- confidence " के बारे में अधिक से अधिक जानकारी चाहते है। आज की पोस्ट "आत्मविस्वास" को लेकर हमारे मन की सभी शंकाओ और आशंकाओं को शांत करेगी ।ऐसा मेरा विश्वास है।
- आज के इस आर्टिकल में हम निम्न बिंदुओं को समझने का प्रयास करेंगे..
- आत्मविस्वास को कैसे बढ़ाये ।
- आत्मविस्वास में वृद्धि के उपाय ।
- निष्कर्ष।
- प्रश्न। Question।
अपनी लाइफ स्टाइल, जीवन शैली, आदतों, और कमियों में सुधार कर अपनी आत्म शक्ति, आत्मविस्वास को इंक्रिज़ कर सकते है।
आत्मविश्वास बढ़ाने के उपाय :----
दोस्तो हम सभी अपने जीवन में सफल होना चाहतें हैं ।लेकिन इस सफ़लता के लिए आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है। आप अपने किसी कार्य को करना चाहते है। अपना लक्ष्य पाना चाहते है तो सबसे पहले खुद पर भरोसा करना सीखो । अगर ऐसा है ,आपको अपने आप पर विस्वास है तो कार्य आरम्भ से पहले ही आपका मन आपका माइंड आपको संकेत देगा और आप तुरंत बोल उठेंगे yes I can do it "हाँ मे यह कर सकता हु । ये आपके आत्मबल की आवाज है।
आप ये उपाय और तरीके अपनाकर निश्चित रूप से अपना सेल्फ कॉन्फिडेंस बढा सकते है।
1.अपना कम्फर्ट जॉन छोड़े--
कॉम्फर्ट जोन से तात्पर्य है कि, हम अपने आपको, अपने कार्यो को एक सीमित दायरे में समेट लेते है। अपने लिए एक आरामदायक कार्य छेत्र चुन कर उसमे बंध जाते है ।कॉम्फर्ट जोन मै कार्य करने वाले व्यक्ति को जैसे ही कोई नये काम मिलेगे, तो वह होंसला नहीं जुटा पाएगा । उसे डर लगेगा। वह घबरा जायेगा। क्योकि वह तो कंफर्ट जोन का आदि हो चुका है । आनंद दायक जीवन शैली इंसान का दायर सीमित कर देती है। ऐसा व्यक्ति नये कार्य और नई चुनोतियों को स्वीकार नहीं कर सकता। जबकि आत्मविश्वास से भरा हुआ इंसान चुनोतियों का स्वागत करता हैं । उन्हे सवीकार करता हैं । आपके ऐसे कार्य करते ही आपका आत्मविस्वास भड़ने लगेगा। हमेसा पॉजिटिव रहे। ख़ुद भी खुश रहें और दूसरों को भी खुश रखने का प्रयाश करें।
2. आत्मविश्वासी लोगों का साथ चुनें।
दोस्तो आज के समय मे हमारे आस पास, रिस्तेदार, दोस्त, परिजन, सगे संबन्धी,....अधिकतर लोग ऐसे होगे, जो किसी ना किसी प्रकार आपका कॉन्फिडेंस डाउन करेंगे । आप कुछ भी करेंगे.. तो कमिया गिनाने बैठ जायेंगे। आपको गिराने का प्रयास भी कर सकते हैं । ऐसे व्यक्ति दूसरो को सुखी और सफल नहीं देख सकते । इसीलिए वो हमेसा दुखी रहते हैं। ऐसे लोगों से दूर रहे । आत्मविश्वासी लोगों के साथ चले। जो खुद भी कामयाब होते है ,और दूसरो को भी उत्साहित करते है। हमेसा आत्मविस्वासी और मोटिवेट लोगों के संपर्क मे रहे। ऐसा करने से आपका विश्वास बड़ेगा। दोस्तों एक पुरानी कहावत खूब प्रसिद्ध है कि "जैसा रखोगे संग वैसा चड़ेगा रंग"।
3. अपनी खूबियों को पहचाने।
कोई व्यक्ति अपने आप में संपूर्ण नहीं होता । और जो सम्पूर्ण है वो इंसान नहीं हो सकता -- क्युकी सम्पूर्ण तो ईस्वर् ही होता है। हर मनुष्य के अंदर कुछ गुण होते हैं और कुछ अवगुण । हमे अपनी खूबियों, रुचियों पर ध्यान देना है। आज ही एक लिस्ट बनाओ/उसमे अपनी खूबियों को लिखो उन्मसे कोई एक, दो पर वर्क करो।आप अपनी रुचि के काम करने से खुश तो रहंगे ही , साथ ही आप अपना करियर भी बना सकते है l जैसे--- आप अच्छा लिखते हैं, तो आप अपनी एक डायरी बनाकर उसमे लिखे । सारी बाते लिखे ।अपने विचारों को व्यक्त करे इस से दो लाभ होंगे, एक तो नया कार्य करने से आपका आत्मविस्वास बढ़ेगा दूसरा रोज लिखने के अभ्यास से आपकी प्रतिभा निखर कर आने से आप बहुत अच्छे लेखक बन सकते हैं। आप कि अगर पेंटिग मै रुचि है तो पेंटिग करे, आपका आत्मविस्वास बड़ेगा, मोटिवेट रहेंगे, और हो सकता है आगे चलकर आप एक अच्छे पेंटर ही बन जाए ।अतः अपनी रुचियों और खूबियों को पहचान कर उन पर थोड़ी मेहनत करे।
4. दूसरों से तुलना ना करें।
हर व्यक्ति की अलग अलग तरह की छमता, और विशेष ता होती है! इसलिए कभी अपनी तुलना दूसरो से ना करे! ऐसा करने से आप अपना विश्वास खो देंगे! आज बच्चो का आत्मविस्वास इसलिए भी कमजोर हो रहा है क्योकि पेरेंट्स बच्चो से बहुत अधिक अपेक्सा पाल लेते है, अन्य स्टूडेंट्स से तुलना की जाती है! तुलना मै हमेसा उसे कमजोर बताया जाता है इस से धीरे धीरे बच्चों का विश्वास दग्मगाने लगता है, । हमे अपनी तुलना किसी से नहीं करनi हम अपने आप मै सर्वश्रेष्ठ है! ।
5. अच्छा नेचर् बनाये।
अपने मानो भाव अच्छे रखे छमा सील बने ताकि आपमे विनम्रता का गुण विकसित हो। आपके अछे nature से आपके विचार और द्रस्टि kon सकारात्मक होंगे। अच्छे nature के लिए हंसना, मुस्कुराना जरूरी है! खुश रहने से अच्छा neture विकसित होता है । जितना हो सके खुश रहे और जीवन का आनंद ले ।।
7. सकरात्मक रहे।
नकारात्मक विचारों को मै पहले ही "" नरक " की संज्ञा दे चुका हुँ। क्योकि मैने लोगों की जिंदगी पर नकारात्मक विचारों का कुप्रभाव देखा है। एक नकारात्मक व्यक्ति खुद के साथ, दूसरो का जीवन भी नरक बना देता है । जैसे हमारे विचार होते है हम वैसा ही बन जाते है जैसा हम सोचते है वैसा ही हमारे जीवन मै घटित होने लगता है।बुरे विचार हमारे मन और मतिस्क् को दूसित कर देते हैं। ऐसी एस्तिथि मै हम कदापि आत्मविस्वासि नहीं बन सकते अथ अच्छी सोच रखे/हमेसा अच्छा ही सोचें। अच्छा करे। अच्छा सुनें। अच्छा खाये ।अच्छा देखें। और आत्मविस्वास के साथ जिये।
इसके अतिरिक्त निम्न कार्यो को भी अपनाये
8. अच्छे पलों का जस्न मनाये।
9. अपने आप की सराहना करे।
10. खुशी देने वाले काम करें।
11. लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें।
12. शीघ्र फैंसले लें।
दोस्तो इन नियमो और सिधांतों को अपनाकर आप अपने आत्मविस्वास मै वृधि कर सकते है।।
Conclusion:-------
आत्मविस्वास का अर्थ अलग अलग संदर्भो मै भिन् भिन्न हो सकता है; पर वास्तव में एसका तात्पर्य "" खुद पर विश्वास'"" से है/ आत्म विश्वास हमे महान कार्यो को करने के लिए प्रेरित करता है/ बिना आत्मविस्वास के जीवन के किसी भी छेत्र मै सफ़लता मिलना मुश्किल कार्य है/ आत्म विश्वास हमे खुद पर भरोसा करना सिखाता है/ मै अंत मै एतना ही कहूंगा की -- ""आत्मविस्वास" जीवन का आधार है/
दोस्तो आप को मेरे लिखे हुए आर्टिकल कैसे लग रहे है कंमेंट करके बताये, आपके सुझाओ का सुवा गत है / ब्लॉग पर भरोसा रखे/
धन्यवाद/
K. S. Ligree
ब्लॉग - प्रेरणा डायरी।
वेबसाइट - prernadayari.blogspot.com
खुशी एक दवा हैं...। सीखिए खुश रहने के आसान उपाय।
सोमवार, 1 अप्रैल 2024
"जीवन चुनें... मौत नहीं, विश्व तम्बाकू निसेध दिवस पर युवाओं को प्रेरणा ( मोटीवेशनल - motivation)
Date 29/05/2023
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दोस्तों, 31 may 2023 को "विश्व तम्बाकू निषेध दिवस" के रूप मै, पूरी दुनिया में मनाया जायेगा। भारत ही नहीं पुरी दुनिया तम्बाकू रूपी दानव के सिकंजे मै जकड़ी हुई हैं। सबसे चिंतित करने वाली बात ये है कि हमारी युवा पीढ़ी इसका ज्यादा खामियाजा भुगत रही हैं। तम्बाकू मौत और बर्बादी की और जाने वाला रास्ता है। तंबाकू में पाए जाने वाले अनेक विषैले तत्व, हमें शारीरिक और मानसिक दोनों तरीके से कमजोर करते हैं। विश्व तम्बाकू निसेध दिवस की सार्थकता तभी है, जब हम तम्बाकू मुक्त होकर कुशहाल जीवन जिये। जिन्दगी चुनें तम्बाकू नहीं। प्रेरणा डायरी कि आज कि पोस्ट इसी मुद्दे पर आधारित हैं। सबसे पहले मैं आपको तंबाकू के दुष्प्रभाव के बारे में बताना चाहूंगा, ऐसा इसलिए नहीं है कि आपको डराया जाए, बल्कि ऐसा इसलिए ताकि आप अवेयर हो सके। इसके क्या नुकसान हैं..! ये बात जानेn..! क्योंकि दुष्प्रभाव कि सही जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में लोग इसे तौबा कर देते हैं।
तम्बाकू के दुष्प्रभाव:---
तम्बाकू,बीडी, सीगरेट, गुटका, खैनी, जरदा ये सब मीठा और धीमा जहर है। मैंने भी तम्बाकू का सेवन किया हैं। व्यक्ति धीरे धीरे इसका शिकार होता है, और फिर धीरे धीरे ही दर्दनाक मृत्यु आती है। इसलिए कहा भी गया है की "" पहले हम तम्बाकू को खाते है, फिर तम्बाकू हमे खाती है "l इस के सेवन सेंकडो शारीरिक और मानसिक बीमारियां, हमारे शरीर मे प्रवेश कर जाती है। तम्बाकू से हमारी युवा पीढ़ी का हुनर दम तोड़ रहा है। तम्बाकू हमारे मन, मतिस्क्, और सरीर तीनों को कमजोर करती है! जब एक युवा की ये तीनों आनमोल चीज छीन जायेगी, तो फिर क्या बचेगा...??? आप समझ सकते है! इस जहर का प्रभाव! जो नोजवान रोज इसका एस्ते माल करते है उनमे फफडो और हार्ट से जुड़ी बिमारियों का खतरा अन्य लोगों की तुलना मै 4 --5 गुना बढ़ जाता है। तम्बाकू हमारी सेहत के लिए कितना घातक हैं, और कितनी बिमारियों का जन्मदाता है, देखें --
1. मुह, गले,फेंफड़ो , गुर्दे, मसूड़े, आदि मै होने वाले घातक कैंसर का खतरा।
2. ब्लड प्रेशर का बड़ना। अर्थात तंबाकू का सेवन करने वाले नौजवान और व्यक्ति के शरीर में रक्तचाप उच्च रहता है अर्थात बीपी बढ़ जाता ह। उच्च रक्त चाप जिससे, ब्रेन हमरेज और लकवा जैसे रोगों का आगमन शरीर में होता है।
3. स्वसन से जुड़ी बीमारिया, जैसे -- आस्थमा, दमा, सांस लेने मे तकलीफ़, धूम्रपान करने वालों में अधिक देखी जाती है।
4. हर्दयाघात (हार्ट अटैक) आना। तंबाकू और सिगरेट का सेवन करने वाले व्यक्तियों में हार्ट अटैक की संभावना अधिक देखी जाती है।
5. सांसों में बदबु आना।
6. कहते है की एक सिगरेट् जिंदगी के 11 मिनिट कम कर देता है। हम अंदाजा लगा सकते हैं कि कितना बड़ा नुकसान हैं।
7. तम्बाकू का सेवन करने वाले, अन्य लोगों की तुलना मै 30 प्रतिशत जादा बीमार होते है।
8. पुरुष और महिलाओ की प्रजनन दर घट जाती है। (नपुंसकता आती है)
9. ऊर्जा और उत्साह की कमी।
10. चेहरे पर ब्लैक स्पॉट, झुर्रिया और सावलाप नजर आना।
11. दिन भर कमजोरी, थकान महसूस होना।
12. कार्य क्षमता में गिरावट आना।
14. सेक्स के प्रति अरुचि उत्पन्न होना।
15. शरीर में शिथिलता का आना।
घातक निकोटिन :------
तम्बाकू, बीड़ी, सीगरेट, गुटका, जरदा, चाय आदि नशीले पदार्थो में निकोटीन नामक तत्व पाया जाता है। इनका नियमित और अधिक सेवन करने पर, धीरे धीरे हमारा शरीर और दिमाग इसके आदि हो जाते हैं, इनके शिकार व्यक्ति को जब ये उपलब्ध नहीं होता है, तो उसे बैचेनी महसूस होती है। निकोटिन हमारे खून की नालियों को सिकोड देता है l फलस्वरूप , बी पी , हेमरेज, हिर्दय घात, जैसी जानलेवा बिमारियां हमें घेर लेतीं हैं।
छात्रों पर हानिकारक प्रभाव : -------
तम्बाकू हर उम्र के व्यक्ति की प्रभावित करता है l तंबाकू एक बेड हैबिट है। एक स्टूडेंट्स जिसका मुख्य कार्य अध्ययन हैं, उसके लिए तम्बाकू और भी घातक है l छात्रों को होने वाले नुकसान --- क्योंकि स्टूडेंट का संबंध अध्ययन से होता है और अध्ययन के लिए एकाग्रता और फ्रेस माइंड जरूरी होता है। तंबाकू छात्र की कार्य क्षमता को घटा देता है। तंबाकू का सेवन करने वाले छात्रों को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है वह कुछ इस प्रकार हैं
1. स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती हैं।
2. एकाग्रता मै कमी आना।
3. गुस्सा, चिड़चिडा पन महसूस होना।
4. पढाई मै रूचि कम हो जाना।
5. आत्मविस्वास और प्रेरणा मै कमी आना।
6. प्रजनन छमता में कमी, नपुंसकता l
7. टेंशन, तनाव, बेचेनी, घबराहट होना।
8. एकाग्रता में कमी आ जाती है। जबकि छात्रा के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है।
8. अच्छी उत्पादकता में गिरावट आ जाती है। अर्थात एक छात्र अच्छा आउटपुट प्रदान नहीं कर पता है।
ऐसे छोड़ो तम्बाकू : ------
इसे छोड़ने का सबसे अच्छा उपाय है कि जब भी आपका खाने का मन हो, तो अपने आप से ये सवाल करे......
1. मै पैसे खर्च करके भी मौत खरीद रहा हु....??
2. मुझे इससे क्या लाभ हो रहा हैं..?
2. कैन्सर्, हार्टअटैक, जैसी बिमारियों से अकाल मृत्यु होने पर मेरे परिवार व बच्चो का क्या होगा...?
3.इस जहर के पैसों से मै अपने परिवार को खुशहाल रख सकता हुं। अपने बच्चों और पत्नी के लिए गिफ्ट खरीद सकता हूं अपने मां-बाप के लिए उपहार ले सकता हूं जिससे परिवार का माहौल खुशनुमा बनेगा।
4. यदि आप लंबे समय से तंबाकू का सेवन कर रहे हैं और आपको इसे छोड़ने में तकलीफ होती है तो अपने डॉक्टर या काउंसलर से डॉक्टर मदद ले सकते है।
Conclusion :----- ( निष्कर्ष)
किसी भी प्रकार के नशे की लत लगने पर उसे छोड़ पाना बड़ा मुश्किल हो जाता है। पर नामुमकिन नहीं होता। आप दृढ़ संकल्प, और मजबूत इच्छा शक्ति के साथ तम्बाकू नाम के जहर से मुक्ति पा सकते है l अपनी हैल्थ के प्रति जागरूक रहे। कम से कम हम इतना तय करे, की तम्बाकू मुक्त दिवस पर अपने परिवार और खुद को तम्बाकू मुक्त करेंगे। तंबाकू का त्याग करके आप खुश और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
दोस्तों -- खुश हाल जीवन चुनो... तम्बाकू के रूप मै मौत नहीं l
K. S. Ligree ( पत्रकार)
Blog URL-- prernadayari.blogspot.com
ब्लॉग - प्रेरणा डायरी।