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शुक्रवार, 22 दिसंबर 2023

नजरिया ( attitude) बदलो... तो बदल जायेंगे नजारे.. (motivational advice)

 21june2023

Hindaun,Rajasthan India🇮🇳


नजरिये का महत्व ( importance of attitude) 


: ----   दोस्तों आईये आज चर्चा करते हैं नजरिये पर । जोकि प्रेरणा डायरी की 15 वी पोस्ट है । दोस्तों सारा दारोमदार इसी बात पर टिका है कि जिन्दगी को देखने का हमारा नजरिया कैसा है यदि हमारा नजरिया और सोच सकारात्मक है तो निश्चित मान कर चलिए कि  प्रेरणा ( motivation) भी  ब्लेंस रहेगा । मेरा तो हमेसा से यही मनन है कि जैसा हम सोचते है वैसा ही हम बन जाते है । जैसी हमारी सोच होती है वैसा ही हमारा विकास होता है। 

 English भाषा मै attiude (नज़रिया) सबसे महत्त्वपूर्ण लफ्ज है जिन्दगी के हर पहलू पर असर डालता है, यहाँ तक कि आदमी की निजी औ व्यवसायिक ज़िंदगी पर भी। क्या कोई आदमी अच्छे नज़रिए के बिना  अच्छा इंसान बन सकता है ? क्या कोई छात्र (student) अच्छे नज़रिए के बिना अच्छा बन सकता है? क्या माँ-बाप, शिक्षक, सेल्समैन, मालिक या कर्मचारी अच्छे नजरिये के बगैर अपना किरदार (role) अच्छी तरह निभा सकते हैं? हमारा क्षेत्र चाहे जो हो, क़ामयाबी की बुनियाद तो नज़रिया ही है। अगर क़ामयाब होने के लिए नज़रिए की इतनी अहमियत है तो क्या हमे जिन्दगी के बारे में अपने नज़रिए की जाँच-परख नहीं करनी चाहिए और क्य ख़ुद से यह सवाल नहीं करना चाहिए कि हमारा नज़रिया हमारे मक़सद प असर डाल सकता है । 


     Motivation कि आधार सिला.... सकारात्मक नजरिया


मेरा तो शुरू से यही मानना है कि जैसा आप सोचते हैं। वैसा ही आप बन जाते हैं। जैसा आप अपने बारे में सोचते हैं, किसी भी चीज के बारे में सोचते हैं वैसा ही आपको नजर आता है। यहां हम नजरिए के बारे में बात करेंगे। 

कहते हैं कि नजरिया, यानी एक ही चीज को दो लोग अलग अलग तरह से देखते हैं। यह भी कहा जाता है कि नजरिया बदलो तो नजारे बदल जाते हैं। यानी जैसा आप सोचते हैं वैसे ही आप बन जाते हैं। जैसी एनर्जी, जैसा चिंतन, जैसी सोचने की प्रक्रियाआपके दिमाग में होती हैं। वैसा ही माहौल आपके चारों तरफ बनना शुरू हो जाता है और एक-एक चीजें आपको अपने नजरिए के हिसाब से पहले दिखाई देने लगती हैं, फिर वैसी ही बन जाती हैं।

हमें आगे की योजना बनाने की ही ज़रूरत है और अगर हम अपने 'आज' का भरपूर इस्तेमाल खुशहाली के लिए कर हैं, तो हम ख़ुद-ब-ख़ुद आने वाले बेहतर कल के लिए बीज बो रहे हैं। क्या हम मानते हैं? 

अगर हम अपने नज़रिए को सकारात्मक बनाना चाहते हैं, तो टालमटोल की आदत छोड़ें, और तुरंत काम करो पर अमल करना सीखें। जिंदगी में सबसे दुख भरे शब्द हैं 

"ऐसा हो सकता था।

 “मुझे ऐसा करना चाहिए था ।”

“मैं यह कर सकता था ।” 

“काश ! मैंने ऐसा किया होता ।” 

“अगर मैं थोड़ी और कोशिश करता, तो यह काम हो सकता था ।” 

ये बेहद दुखद शब्द है l आप आज ही एनेह अपनी जिन्दगी के शब्द कोस से बाहर का रास्ता दिखा दे l जो काम आप आज कर सकते हैं, उसे कभी भी कल पर न टालें। आपकी सोच और नजरिया सकारात्मक बनगे l 

दोस्तों अच्छा नजरिया और सकारात्मक सोच motivate जिन्दगी के लिए अहम भूमिका अदा करते है l  अतः अपने जीवन मै इनको इस्थाN दें ल


ब्लॉग  -- प्रेरणा डायरी। 

Website -- prernadayari.blogspot.com

राइटर -- kedar lal