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गुरुवार, 21 मार्च 2024

कैसे हासिल करें सफलता ..?

तुडावली, rajasthan

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कैसे हासिल करें सफलता..?

प्रेरणा डायरी ( मोटिवेशन डायरी ) के एक और बेहतरीन आर्टिकल में आपका स्वागत है। अपनी जिंदगी में हर इंसान सफल होना चाहता है। क्योंकि बिना सफलता हासिल की जिंदगी सुनसान और वीरान नजर आती है। बिना सफलता प्राप्त किये जीवन जीने का आनंद नहीं आता। लेकिन आखिर वह कौन-कौन से तरीके हैं जिनसे हम सफलता नाम की इस अनमोल चीज को प्राप्त कर सकते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम इसी बात को समझने का प्रयास करेंगे। आज के इस आर्टिकल को आप निम्न पॉइंट में  रीढ़ करेंगे --

1. सफलता क्या है..?
2. लक्ष्य बनाये।
3. निरंतर अभ्यास करें।
4. वही कार्य करें जो आपको अच्छे लगते हैं।
5. धैर्यवान बनें।
6. जिद और कड़ी मेहनत।
7. योजनाओं पर अमल करें।
8. खुश मिजाज बनें।
9. आशावादी बने।
10. हर काम को फौरन करने की आदत डालें।
11. नकारात्मक असर से बचें।
12. निष्कर्ष।
13. महत्वपूर्ण प्रश्न -उत्तर।





सफलता क्या हैं...?

" सदा मुस्कुराना,गमों को भूल जाना।
 सबका प्यार पाना, सबको हंसाना।
 यारों के साथ मिलकर, खुशियों में डूब जाना।
 बच्चों का साथ देना सबका दुख बांट लेना।
 उम्मीदें जगाकर, मस्ती में झूम जाना।
 खूबियां तलाशना, आलोचना सह जाना।
 गमों को पी जाना, तराने खूब गाना।
 दुख में भी मुस्कुराना, सुख में भी मुस्कुराना।
 अपनों का साथ पाकर फूले ने समान।
 असफलता के दौर को धुएं में उड़ना।
 सफलता का राज मैंने ऐसे ही जाना।।

             --   केदार लाल ( K. S. Ligree )

दोस्तों सफलता अचानक से हासिल नहीं होती हैं। यह निजंतर प्रयासों का परिणाम होती है। सफलता एक सुहाने सफर की भांति है। हम एक लक्ष्य को पूरा करते हैं और दूसरे में जुट जाते हैं और यह सफर चलता रहता है। हर इंसान के लिए सफलता के मायने अलग-अलग होते हैं। जैसे -- एक छात्र अच्छे अंक प्राप्त करके अपने आप को सफल मानता है। कोई नौकरी लगकर अपने को सफल समझता है। किसी के लिए दौलत,शोहरत कमाना सफलता है। एक किसान अच्छी फसल पैदा करके अपने को सफल मानता है। एक वैज्ञानिक नए अनुसंधान को अपनी सफलता के रूप में देखाता है. कोई अच्छी सेहत और खुशी को हासिल करना अपनी सफलता मानता है। कई लोग अपने परिवार और बीवी बच्चों की खुशहाली को अपनी सफलता मानते हैं। मैं एक राइटर हूं और अच्छा लिखने के प्रयासों को अपनी सफलता मानता हूं। इसका मतलब यह हुआ की सफलता एक निजी एहसास है, हर आदमी अपने हिसाब से अपनी सफलता के माप दंड  तय करता है, फिर भी सफलता को अच्छे ढंग से परिभाषित करना हो तो कुछ यूं कर सकते हैं--

"मूल्यवान लक्ष्य की प्राप्ति का नाम ही सफलता है।"

 असली सफलता किसी काम को अच्छी तरह से करने और अपने लक्ष्य को हासिल करने के एहसास से मापी जाती है। सफलता इस बात से नहीं मापी जाती कि, हमने जिंदगी में कौन सा ओहदा या कौन सा पद प्राप्त किया है, बल्कि इस बात से मापी जाती है कि हमने वह मुकाम कितनी रूकावटों को दर करके हासिल किया है।अर्थात सफलता संघर्षों की कहानी है। सफल लोग अपने आप से मुकाबला करते हैं वह अपना खुद का रिकॉर्ड बेहतर बनाने और उसमें लगातार सुधार लाते रहते हैं।
 सफलता इस बात से नहीं मापी जाती कि हमने जिंदगी में कितनी ऊंचाई हासिल की है, बल्कि इस बात से मापी जाती है कि हम कितनी बार गिरकर उठे हैं। सफलता का आकलन गिरकर उठने की क्षमता से ही किया जाता है। आपको दुनिया की एक मशहूर हस्ती की कहानी सुनाता हूं--

"एक आदमी की जिंदगी की कहानी बड़ी मशहूर हैं। यह आदमी 21 साल की उम्र में व्यापार में नाकामयाब हो। गया 22 साल की उम्र में वह चुनाव हार गया। 24 साल की उम्र में उसे व्यापार में फिर असफलता मिली। 26 साल की उम्र में उसकी पत्नी मर गई।27 साल की उम्र में उसका मानसिक संतुलन बिगड़। गया 34 साल की उम्र में वह कांग्रेस का चुनाव हार गया। फिर 45 साल की आयु में उसने सीनेट के चुनाव में हर का सामना किया। 47 साल की उम्र में वह उपराष्ट्रपति बनने में सफल रहा। लेकिन 49 साल की आयु में वह फिर से  चुनाव हार गया और वही आदमी 52 साल की उम्र में अमेरिका का राष्ट्रपति चुना गया और वह इंसान था इब्राहिम लिंकन।”
 अब आप लिंकन को असफल मानेंगे..? अगर लिंकन चाहते तो सर झुका कर मैदान से हट सकते थे और अपना समय निकाल सकते थे लेकिन उन्होंने संघर्ष करके सफलता हासिल करने का रास्ता चुना। और यही सच्ची सफलता है।
 एक और शख्सियत का उदाहरण में आपके सामने रखना चाहता हूं
" वाल्ट डिजनी जब युवक थे तो कई अखबारों के संपादकों ने उन्हें यह कहकर भगा दिया कि उनमें टैलेंट है ही नहीं। एक दिन एक चर्च के पादरी ने उन्हें कुछ कार्टून बनाने का काम दिया डिज्नी चर्च में जिस शेड के नीचे काम कर रहे थे वहां चूहे उछल कूद मचा रहे थे, एक चूहे को देखकर उनके मन में एक कार्टून बनाने का ख्याल आया और वहीं से मिकी माउस का जन्म हुआ। दोस्तों इन उदाहरण के माध्यम से मैं आपको यह समझना चाहता हूं कि सफल लोग महान काम नहीं करते बल्कि वह छोटे-छोटे कामों को महान ढंग से करते हैं। जीतने वाले कोई अलग काम नहीं करते बल्कि वह हर काम अलग ढंग से करते हैं
और यही सच्ची सफलता का राज हैं।
प्रेरणा डायरी के इस प्रेरणा दायक आर्टिकल में, मैं आपको सफलता प्राप्त करने के कुछ सूत्र (टिप्स ) बताने जा रहा हूँ --


1. लक्ष्य बनाये --

 लक्ष्य हमें जीवन जीने की दिशा दिखाता है। हमारा लक्ष्य ही वह चीज होती है जो हमें सफलता तक लेकर जाती है। बिना लक्ष्य के इंसान सिर्फ अंधेरे में तीर चलता है। जीवन के रास्ते में चलते हुए नजरे हमेशा अपने लक्ष्य पर रहनी चाहिए। मैं आगे बढ़ने से पहले आपको एक छोटी सी कहानी सुनाता हूं -- " प्राचीन भारत में एक ऋषि अपने शिष्यों को तीरंदाजी की कला सीखा रहे थे। उन्होंने लक्ष्य के रूप में एक लकड़ी की चिड़िया रखी और अपने शिष्यों से उस चिड़िया की आंख पर निशाना लगाने को कहा। उन्होंने पहले शिष्य  से पूछा "तुम्हे क्या दिख रहा है...? शिष्य ने कहा, मैं पेड़, पेड़ की टहनिया, आकाश, चिड़िया और उसकी आंख देख रहा हूं।  ऋषि ने उसे शिष्य को इंतजार करने को कहा। तब उन्होंने दूसरे शिष्य से वही सवाल किया तो दूसरे से उसने जवाब दिया "मुझे सिर्फ चिड़िया की आंख दिखाई दे रही है।" तब ऋषि ने कहा,  "बहुत अच्छा अब तीर चलाओ।" और फिर तीर सीधा जाकर चिड़िया की आंख में लगा। मतलब साफ है कि शिष्य का लक्ष्य तय था "चिड़िया की आंख" इसीलिए तीन निशाने पर जाकर लगा और उसे सफलता प्राप्त हुई। अगर हम  अपना लक्ष्य तय नहीं करेंगे और अपने मकसद पर ध्यान नहीं लगाएंगे तो सफलता हासिल नहीं कर पाएंगे अपने मकसद पर ध्यान लगाना एक मुश्किल काम है,  मगर यह एक कला है जिसे सीखा जा सकता है।

 4 जुलाई 1952 को फ्लोरेंस चैडविक कैटरीना चैनल और इंग्लिश चैनल को तैरकर पार करने वाली पहली महिला बनने वाली थी। वह इंग्लिश चैनल को पहले ही पार कर चुकी थी। सारी दुनिया की निगाह उन पर टिकी हुई थी। चैड़वीक ने घने कोहरे और हड्डियों को कपाने  वाली ठंड तथा कई सार्क मछलियों का मुकाबला किया। वह किनारे पर पहुंचने का प्रयास कर रही थी, लेकिन उसने अपने चश्मे से जब  देखा उन्हें घना कोहरा दिखाई दिया। किनारा ना दिखाई देने की वजह से उन्होंने हार मान ली। चैडविक को सदमा तब लगा जब उन्हें पता चला कि वह किनारे से सिर्फ आधा मील दूर रह गई थी। उन्होंने हार इसलिए नहीं मानी थी कि बधाओं ने उनकी हिम्मत तोड़ दी,  बल्कि इसलिए हार मानी थी क्योंकि उन्हें अपना लक्ष्य कहीं नजर नहीं आ रहा था। वह किसी बाधा की वजह से नहीं रुकी। उन्होंने कहा "मैं बहाने नहीं बना रही हूँ , अगर मैने  किनारा देखा होता तो मैं जरूर कामयाब हो जाती।"  2 महीने बाद वह फिर वापस गई, और उन्होंने कैटलीना चैनल को पार कर लिया।  इस बार खराब मौसम के बावजूद उसने अपने लक्ष्य पर निगाह रखी और वह न केवल सफल रही बल्कि उसने पुरुषों के रिकॉर्ड को भी 2 घंटे के समय से तोड़ा।

 एक बार एक यात्री चौराहे पर रुका। उसने एक बुजुर्ग से पूछा "यह सड़क मुझे कहां ले जाएगी..? बुजुर्ग ने पलट कर पूछा आप कहां जाना चाहते हो..? उसे यात्री ने कहा "मैं नहीं जानता कि मुझे कहां जाना है। बुजुर्ग ने कहा - "तब कोई भी सड़क पकड़ लो, क्या फर्क पड़ता है।" जब तुम जानते ही नहीं हो कि तुम्हें कहां जाना है तो कोई भी सड़क तुम्हें वहां ले जाएगी। इन छोटे -छोटे उदाहरनो के माध्यम से आप भली भांति यह समझ गए होंगे की सफलता प्राप्त करने के लिए लक्ष्य की क्या अहमियत है। आता है पहली सीढ़ी यही है कि आप अपना एक मूल्यवान लक्ष्य निर्धारित करें। 
 
2. निरंतर अभ्यास --

निरंतर प्रयास व अभ्यास वह प्रक्रिया है जो बेहद महत्वपूर्ण है। आप और हम कई उदाहरण देखते हैं जिनमें कक्षा में साधारण और औसत दिखने वाले छात्र कठिन परीक्षाओं में अव्वल स्थान हासिल कर लेते हैं और क्लास में अव्वल रहने वाले स्टूडेंट असफल हो जाते हैं। कई साधारण व्यक्ति ऐसा धारण सफलता हासिल कर लेते हैं। यह सब निरंतर अभ्यास का ही परिणाम है। एक कहावत का उदाहरण देकर में इस बात को आपके सामने और अधिक स्पष्ट कर देना चाहता हूं हिंदी जगत में एक बेहद लोकप्रिय कहावत है जो अभ्यास की महिमा को उजागर करती है वह कहावत इस प्रकार है--

 करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान।
 रस्सी आवत जात से सी पर परत निशान।।

 इस कहावत का अर्थ है कि बार-बार अभ्यास करने से जड़ बुद्धि अर्थात मूर्ख व्यक्ति भी चतुर और होशियार बन जाता है। निरंतर अभ्यास से एक मुलायम और धागों से बनी हुई रस्सी भी कठोर चट्टान पर निशाना बना देती है। अभ्यास वह गुण है जो हमें उपलब्धि दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। अंग्रेजी में भी एक लोकप्रिय कहावत है  "प्रेक्टिस मेक ए मैन परफेक्ट" अर्थात अभ्यास एक व्यक्ति में संपूर्णता लाता आता है। निरंतर प्रयास और अभ्यास की स्किल को डेवलप करके आप अचीवमेंट हासिल कर सकते हैं।
 एक और उदाहरण देकर मैं इस बात को स्पष्ट करता हूं -- लेखक जॉन इरविन को प्रतिभाशाली लेखक माना जाता है लेकिन उन्हें डिस्लेक्सिया रोग हो गया था। उन्हें छोटी-मोटी चीज याद करने में भी बड़ी कठिनाई होती थी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और उन्होंने अपने काम में अभ्यास का समय बढ़ा दिया। वह चीजों का बार-बार अभ्यास करते, लिखी हुई बातों को बार-बार रिवाइज करने लगे। धीरे-धीरे उन्होंने ने केवल डिस्लेक्सिया को पराजित किया बल्कि धैर्य और कड़ी मेहनत से सफलता अर्जित की।
 महान वायलिन वादक फ्रेतज क्रिसलर से किसी ने पूछा कि "आप इतनी अच्छी वायलिन कैसे बजाते हैं...? क्या यह भाग्य कि देन हैं...? उन्होंने जवाब दिया--" यह अभ्यास का नतीजा है।अगर मैं एक महीने तक अभ्यास ना करूं तो मेरे वायलिन बजाने में आए फर्क को मेरे श्रोता महसूस कर लेते हैं।  अगर मैं एक सप्ताह तक अभ्यास नहीं करूं तो मेरी पत्नी फर्क को बता देती है। और अगर मैं एक दिन अभ्यास ना करूं तो मैं खुद फर्क को महसूस कर लेता हूं। 

2.  वही कार्य करें जो आपको अच्छा लगता है --


 मां को अच्छा लगने वाला कार्य करने से शीघ्र सफलता मिलती है, यह कार्य करके आप बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकते हैं। एक ब्रिटिश पत्रकार 'हेस्टर' ने दुनिया भर के सैकड़ो सफल लोगों के साक्षात्कार लिए और उनका मूल्यांकन किया। इस मूल्यांकन में यह निष्कर्ष निकल के सामने आया कि अधिकांश सफल लोग वही कार्य कर रहे थे जो उन्हें अच्छा लगता था। अच्छा लगने वाला कार्य व्यक्ति दिल और मन से करता है। लगन और रुचि के साथ करता है। और मां और लगन से किया हुआ कार्य कभी निराश नहीं करता कभी असफलता नहीं दिलाता।

4. धैर्यवान बने --

 दुनिया के सभी सफल लोगों में एक बात समान होती है और वह है उनका धैर्यवान होना। धैर्य जुनून और दृढ़ता का संयोजन है यानी किसी कार्य में असफल होने पर वह उसे छोड़ने नहीं बल्कि धैर्य के साथ पुन प्रयास करते हैं और लक्ष्य प्राप्ति तक डटे रहते हैं।  धैर्यवान व्यक्ति को अपना लक्ष्य जरूर हमेशा याद रहता है और उन्हें पता होता है कि अंत में कहां पहुंचना है सफल लोग अपने जीवन को धैर्यवान बनाकर मैराथन दौड़ की तरह जीते हैं ने की 100 मीटर फर्राटा रेस की भांति।

5.  जिद और कड़ी मेहनत --

 सफलता हासिल करने में जीत और कड़ी मेहनत बड़ा एम फैक्टर है।
" जिद करो दुनिया बदलो "। अगर आप अपनी दुनिया बदलना चाहते हैं सफलता और उपलब्धि हासिल करना चाहते हैं तो आपको अपने अंदर एक जिद पालनी होगी - सफलता हासिल करने की ज़िद। प्रसिद्ध विद्वान चार्ल्स डार्विन लिखते हैं की बुद्धिमत्ता के लिहाज से लोगों के बीच ज्यादा अंतर नहीं होता, अंतर होता है केवल जिद और कठिन परिश्रम का। यह एक महत्वपूर्ण अंतर है जो लोगों को सफल या असफल बनाता हैं। दोस्तों मैं आपसे सवाल पूछता हूं कि क्या कोई इंसान किसी पहाड़ को तोड़ सकता है...? तो आपका जवाब होगा - नामुमकिन है। पर अनेक उदाहरण है जिसमें लोगों ने अपनी जिद की जरिए इस तरह के संभव कामों को भी संभव किया है जिनमें एक उदाहरण है दशरथ मांझी का। दशरथ मांझी नाम के एक साधारण आदमी ने केवल छेनी और हथौड़ी की मदद से एक बड़ा पहाड़ तोड़कर सड़क बना डाली जिन पर "माउंटेन मैन " नामक सफल फिल्म भी बनी है। और वह खुद भी माउंटेन मैन के नाम से फेमस हूए। दशरथ मांझी ने अपनी जिद और कड़ी मेहनत से यह उपलब्धि हासिल की जो हर किसी को प्रेरणा देती है।

6.  योजनाओं पर अमल करें --

 योजना बनाना आसान है पर उन पर अमल करना अलग बात है। आपने सफलता हासिल करने के लिए जो प्लानिंग तैयार की है उस पर तुरंत एक्शन लें। क्योंकि समय निकालने के बाद सिर्फ पछतावा ही हाथ लगता है। आपका यह साल भी पिछले साल की भांति गुजर जाएगा क्योंकि वक्त का पहिया बड़ी तेजी से घूमता है इसलिए एक अच्छी प्लानिंग तैयार कर उस पर अमल करें। योजना बंद तरीके से आगे बढ़े। अच्छी योजना सफलता और उन्नति का रास्ता तैयार करते हैं प्लानिंग हमें आत्म अनुशासन के लिए तैयार करती है योजना आपके लक्ष्य को साधने में मदद देती है। अपनी मानसिक और शारीरिक ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देते हुए सारी शक्ति अपने जीवन को बेहतर बनाने में लगाए। बीच-बीच में अपनी योजनाओं को आंकते  रहें। और हर दिन का मोल समझे।  समय का सदुपयोग करते हुए अपनी योजना पर अमल करें। सफलता को तय करने वाला यह एक अहम फैक्टर है।

 7. खुशमिजाज बने --

 कुछ लोग खुशमिजाजी की किस्म के होते हैं। आप भी हंसने हंसाने की आदत डालिए इससे आप में अपनी कमियों पर भी हंसने की ताकत आ जाएगी। हंसने हंसाने की आदत इंसान को आकर्षक बना देती है। हंसी हमें गिरकर उठने की शक्ति प्रदान करती है। हंसी दुनिया में हर दर्द की कुदरतती दवा है। खुशमिजाजी और सफलता का गहरा संबंध है खुश मिसाज इंसान के सफल होने के चांस बढ़ जाते हैं।

8. आशावादी बनिए --

 आप आशावादी कैसे बन सकते हैं...? आईये मैं आपको बताता हूं--
" इतने मजबूत बनिए की आपके मन की शांति को कोई भंग नहीं कर सके हर मिलने वाले आदमी से सेहत खुशहाली और समृद्धि के बारे में बातें करे। अपने सभी दोस्तों को एहसास कराये कि आप उनकी खूबियों की कद्र करते हैं। हर चीज के केवल उजले पहलू को देखे। केवल अच्छी से अच्छी बातें सोचें और अच्छे से अच्छे नतीजे के लिए कम करें। बीते दिनों की गलतियों को भूल जाए और आने वाले दिनों में ज्यादा बड़ी कामयाबी हासिल करने के लिए आगे बढ़े। हर आदमी का मुस्कुरा कर स्वागत करें।  अपने को बेहतर बनाने में इतना वक्त लगाए कि दूसरों की आलोचना करने के लिए वक्त ही ना बचे इतने बड़े-बड़े की चिंता छू न सके, और इतने अच्छे बने की गुस्सा आए ही नहीं।

9. हर काम को फौरन करने की आदत डालें --

"वह चांदनी रातों मे सोया
उसने सुनहरी धूप का मजा उठाया
कुछ करने कि तैयारी में जिंदगी गुजारकऱ
वह गुजर गया कुछ न कर हारकर।।
                               
                          --  जेम्स अल्बरी।

 हम सभी जिंदगी में कभी ना कभी ढीला डाला और तलम टोल वाला रवैया अपनाते हैं ऐसा मैंने भी किया है जिसके लिए मुझे बाद में बहुत पछताना पड़ा तलम टोल की आदत की वजह से हमारा नजरिया नकारात्मक बन जाता है किसी काम को करने से अधिक थकान उसे काम को ने करने के लिए की जाने वाली तलम टोल की वजह से होती है कोई भी काम पूरा होने पर खुशहाली आती है और हौसला बुलंद होता है जबकि आधा अधूरा काम हमारी हिम्मत को वैसे ही खत्म कर देता है जैसे पानी के टैंक में हुआ कोई छेद टैंक को खाली कर देता है। यह वैसी ही बात है जैसे कि एक छोटा बच्चा कहता है कि मैं बड़ा होने पर फला काम करूंगा जिससे मुझे खुशी और सफलता मिलेगी। जब वह बड़ा हो जाता है तो कहता है कि कॉलेज की पढ़ाई समाप्त होने के बाद में यह काम करूंगा तुम मुझे खुशी मिलेगी।  कॉलेज की पढ़ाई समाप्त होने के बाद वह कहता है कि  नौकरी लगने के बाद मुझे खुशी मिलेगी। नौकरी लगने के बाद वह कहता है कि उसे शादी के बाद खुशी मिलेगी। शादी के बाद वह कहने लगता है कि बच्चे स्कूल जाने के बाद उसे सच्ची खुशी मिलेगी। जब बच्चे स्कूल की पढ़ाई पूरी कर लेते हैं तो वह कहता है कि मुझे खुशियां रिटायर होने के बाद मिलेंगी, और रिटायर होने के बाद में   वह क्या देखा है...?  कि उसकी आंखों के सामने ही पूरी जिंदगी गुजर चुकी है। काम को टालते रहने कि आदत हमें असफल बनाती हैं। "बाद में कर लूंगा"-- इस वाक्य को आज ही अपनी जिंदगी से निकाल कर बाहर कर दीजिये। वरना काम को टालने की आदत एक बीमारी बनाकर आपको जिंदगी भर सताएगी। आपने जो भी लक्ष्य निर्धारित किए हैं उन पर तुरंत एक्शन लीजिए, और हर काम को फौरन करने की आदत डालिए। यह सफलता का एक सूत्र है।

10. नकारात्मक असर से बचें --


 हमारे सामने मौजूद किसी भी तथ्य से ज्यादा महत्वपूर्ण उस तथ्य के बारे में हमारा नजरिया होता है क्योंकि हमारी सफलता या असफलता उसी से तय होती है। आप अच्छी चीजों की खोजकर्ता बनिए। अपनी जिंदगी के सकारात्मक पहलू पर ध्यान देना शुरू कीजिए किसी इंसान या किसी हालत के बुरे पहलू के बजाय उसके अच्छे पहलू पर गौर करना शुरू करें हम में से ज्यादातर लोगों को अपनी ही सोच का माहौल इस ढंग से डाल देता है कि हम गलतियों और कमियों को ढूंढने के आदी हो चुके होते हैं और इसीलिए तस्वीर का अच्छा पहलू हमसे अनदेखा रह जाता है।  ओलिवर बेंदहाल होम्स कहते हैं कि "हमारी जिंदगी का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह है कि ज्यादातर लोग मन में कुछ करने की इच्छा लिए ही कब्र में चले जाते हैं। हम अपनी दूरदर्शिता की कमी की वजह से सफलता हासिल नहीं कर पाते।" नकारात्मक असर किस कदर हमारी जिंदगी को प्रभावित कर सकता है इसके लिए मैं आपको एक कहानी सुनाता हूं -- एक चील का अंडा किसी तरह एक  मुर्गी के घोसले में गिर गया। और बाकी अंडों के साथ मिल गया। समय आने पर वह अंडा फूटा और चील का बच्चा यह सोचता हुआ बड़ा हुआ कि वह मुर्गी है। वह उन्हीं कामों को करता था जिन्हें मुर्गी करती थी। वह जमीन खोदकर अनाज के दाने चुगता और मुर्गी की तरह ही कुड़कुडाता था। वह कुछ फिट से अधिक उड़ान नहीं भर पता था क्योंकि मुर्गी भी ऐसा ही करती थी। एक दिन उसने आकाश में एक चील को बड़ी शान से उड़ते हुए देखा उसने मुर्गी से पूछा-- "उस सुंदर चिड़िया का क्या नाम है...?  मुर्गी ने जवाब दिया वह चील है। वह एक शानदार चिड़िया है लेकिन तुम उसकी तरह उड़ान नहीं भर सकते क्योंकि तुम तो मुर्गी हो। चील के बच्चे ने बिना सोचे विचारे मुर्गी की बात को मान लिया। वह मुर्गी की जिंदगी जीता हुआ ही मर गया। सोचने की क्षमता न होने के कारण वह अपनी विरासत को खो बैठा। उसका कितना बड़ा नुकसान हुआ। वह जीतने के लिए पैदा हुआ था पर वह दिमागी तौर पर हार गया।
 अगर आप चील की तरह आकाश की बुलंदियों को छूना चाहते हैं तो आपको चील के तौर तरीकों को सिखाना होगा, अगर हम खुद को कामयाब लोगों के साथ जोड़ेंगे तो हम भी कामयाब हो जाएंगे, अगर हम नकारात्मक सोच वाले लोगों के साथ रहेंगे,  तो हम भी वैसे ही बन जाएंगे।

निष्कर्ष --

 दोस्तों सफलता यूं ही नहीं मिलेगी.. सफलता के रास्ते में आपको कांटे भी मिलेंगे, तो ठोंकरें भी लगेंगी। लेकिन इन बातों से घबराना नहीं है बल्कि इन्हें अपनी  "प्रेरणा डायरी" ( मोटिवेशन डायरी )बनाना है। विनम्रता के साथ इन मुसीबत को स्वीकार करना है फिर आपको जो सफलता प्राप्त होगी वह सच्ची सफलता होगी वह उच्च किस्म की कामयाबी होगी।

-- हेनरी फोड़ने जब पहली कर बनाई तब उसमें रिवर्स गियर डालना भूल गए थे।
-- थॉमस एडिसन बिजली का बल्ब बनाने से पहले सैकड़ो बार
 असफल हुए थे।
--- हेनरी फोर्ड अपनी 40 साल की उम्र में ही दिवालिया हो गए थे।

 हर ठोकर लगने के बाद, असफलता मिलने के बाद हम स्वयं से पूछे कि हमने इन तजुर्बा से क्या सीखा है तभी हम इन असफलताओं से पार पाके, सच्ची सफलता और सच्ची कामयाबी की सीढ़ी चढ़ पाएंगे।


 प्रश्न उत्तर

Question 1. सफलता किसे कहते हैं..?

उत्तर -- सफलता किसी मूल्यवान उद्देश्य की प्राप्ति होती है। आप अपने जीवन में जो लक्ष्य निर्धारित करते हैं, उन  लक्ष्यो को प्राप्त कर लेना ही सफलता है।  जिंदगी में खुशी और समृद्धि हासिल करना सफलता है। कठिनाई और बधाओं को पार करके जीत हासिल करना सफलता है। सफलता की सारी कहानी संघर्षों और दृढ़ संकल्पओं पर टिकी हुई होती है। जिंदगी में कठिन परिश्रम से चुनौतीयों को पार करके  खुशहाली और समृद्धि हासिल करना सफलता है।

Question 2. किस व्यक्ति को सफल व्यक्ति माना जाएगा...?

उत्तर -- सफल व्यक्ति वह माना जाएगा जो अपने जीवन में पूर्व निर्धारित मूल्यवान लक्ष्यो को प्राप्त कर लेता है। एक सफल व्यक्ति का जीवन सुख, समृद्धि और खुशहाली से भरपूर होता है। सफल व्यक्ति अपने जीवन  को आनंद के साथ व्यतीत करता है। सफल लोग बेहद मेहंती, कठोर परिश्रमी, और जुनूनी होते हैं। सफल व्यक्ति संघर्षशील और दृढ़ संकल्प वान होते हैं।


ब्लॉग - प्रेरणा डायरी।
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