शनिवार, 13 अप्रैल 2024

सीमेंट - 2024 की तैयारी।

Tudawali, rajasthan, india

प्रेरणा डायरी
कैसे करें सिमत 2024 कि तैयारी....?
सी मेट कि तैयारी करने वाले स्टूडेंट के लिए प्रेरणा दायी एडवाइज।

 अभी के आज के आर्टिकल में मैं आपको सिमट से संबंधित बेसिक, मौलिक और वह जानकारियां दे रहा हूं जो आपको सिमट की तैयारी के लिए प्रेरित करने  में बेसिक योगदान देगी। मैंने अपनी पिछले एक आर्टिकल में इस बात पर चर्चा की थी कि प्रबंधन की है और तकनीकी शिक्षा से संबंधित कोर्सों पर टेक्निकल आर्टिकल तो बहुत लिखे गए हैं लेकिन प्रेरित करने वाले आर्टिलों की कमी है आज कई आर्टिकल आपको सीमेंट 2024 की तैयारी के लिए प्रेरित करेगा ऐसी उम्मीद करता हूं और इस आर्टिकल में आपको बेसिक जानकारी दी जा रही है, जो बेसिक होने के साथ बहुत महत्वपूर्ण भी है।


 सीमेंट 2024 के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं सीमेंट आवेदन की अंतिम तिथि 18 अप्रैल 2024 है यह परीक्षा भारत में एमबीए के जैसे मैनेजमेंट प्रोग्राम में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। सीमेंट के आवेदन की अंतिम तिथि 18 अप्रैल 2024 है परीक्षा मई में आयोजित की जाएगी। आज के इस आर्टिकल को हम निम्न बिंदुओं के माध्यम से रीढ़ करेंगे --

सी मेट का पूरा नाम -

 सीमेंट अर्थात -"कॉमन मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट"
, यह सीमेंट का फुल फॉर्म है। अर्थात इस परीक्षा के माध्यम से भारत के प्रबंध प्रबंध संस्थानों में प्रवेश होता है जहां मैनेजमेंट की शिक्षा की प्राप्त की जाती है। इनमें बा जैसे कोर्स शामिल होते हैं। MBA = master of bussiness administration। अर्थात व्यवसाय प्रबंधन में मास्टर डिग्री। दोस्तों बड़ी-बड़ी नेशनल राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में प्रबंधक के पदों पर उनकी नियुक्ति होती है इसलिए यह एक बहुत बड़ा अवसर भी होता है और एक बड़ी परीक्षा भी है। इस कोर्स को करने वालों को राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में बड़े पद भी मिलते हैं।

 सीमेंट परीक्षा का बेसिक पैटर्न-

 18 अप्रैल 2024 को सीमेंट के आवेदन की अंतिम तिथि है और मैं में परीक्षा का आयोजन होगा। सीमेंट परीक्षा 2024 के पेपर में 100 सवाल पूछे जाएंगे यह सवाल एमसीक्यू फॉर्मेट में होंगे अर्थात बहुविकल्पीय प्रश्न यानी कि ऐसे प्रश्न जिसमें चार विकल्प दिए हुए होते हैं। आपको एक सही विकल्प का चयन करना होगा। सलवार सिलेबस को कर करते हुए पूछे जाएंगे, और कई क्षेत्र को कर करेंगे। इसमें होने वाले महत्वपूर्ण पेरो में डाटा इंटरप्रिटेशन, क्वानटेटिव टेक्निक, लॉजिकल रीजनिंग, लैंग्वेज कंप्रीहेंशन,  जर्नल अवेयरनेस,  और इन्नोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप  पेपर काफी महत्वपूर्ण और अहम् होते हैं।

 इस परीक्षा के लिए निर्धारित समय 180 मिनट अर्थात 3 घंटे का होगा जबकि परीक्षा एक शिफ्ट में आयोजित होगी।


 यह बातें ध्यान रखें -

 ध्यान रखें सीमेंट परीक्षा ऑनलाइन मोड में आयोजित की। जाती है और देश भर में अलग-अलग केदो पर आयोजित होने वाली परीक्षा में सफल होने के लिए सबसे पहले इसका पैटर्न समझ में आना जरूरी है। आप सीमेंट के अलावा अगर किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हैं तो सबसे पहले उसे परीक्षा का पैटर्न समझना जरूरी होता है यह फर्स्ट स्टेप भी होता है। क्योंकि पैटर्न समझ में आने के बाद ही सही दिशा में आपकी तैयारी शुरू होती है। यदि आप सीमेंट की परीक्षा में अलग-अलग क्षेत्र पर पूछे जाने वाले 100 सवालों को तभी हल कर पाएंगे जब उन क्षेत्र को समझ पाएंगे सीमेंट की तैयारी से जुड़ी कई बेसिक किताब में मार्केट में उपलब्ध है मैं किसी बुक का नाम नहीं लेना चाहूंगा लेकिन, लेकिन आपके ही भूखा का रिव्यू करके किसी एक अच्छी बुक से अपनी मदद ले सकते हैं इसके अतिरिक्त सीमेंट की ऑनलाइन तैयारी से जुड़ाव पदार्थ भी काफी मात्रा में उपलब्ध है आप इनकी मदद ले सकते हैं सीमेंट की तैयारी करवाने वाले अनेक ट्यूटोरियल वीडियो यूट्यूब पर डाले हुए हैं जो पूरा पैटर्न आपको समझे हुए हैं आप इन वीडियो की मदद लेकर इस पैटर्न को आराम से और बहुत अच्छे ढंग से समझ सकते हैं।

परीक्षा का तनाव और दबाव ना लें - 

आज न केवल  पढ़ाई  मैं स्टूडेंट बल्कि हर कार्य को करने वाला व्यक्ति कुछ नहीं कुछ समस्याओं को लेकर दबाव और तनाव में रहता है। यदि कुछ समय के लिए असफलताओं का सामना करना पड़ता है तो यह स्थिति और बढ़ जाती है। इससे लगातार सर में दर्द रहता है और नींद भी ठीक से नहीं आती है। तनाव से एक छात्र की ईश्वर शक्ति पर भी विपरीत असर पड़ता है इसलिए कभी भी किसी परीक्षा को देते वक्त तनाव मुक्त रहे। ताकि आपकी परीक्षा अच्छे से संपन्न हो। आप अपने मन को अपनी सफलता के लिए केंद्रित करें दोस्तों जीवन में सफलता के लिए लगातार लगे रहना पड़ता है। टिक टिक करती हुई घड़ी हमें यही बताती है कि जीवन चलने के लिए है रुकने के लिए नहीं। आप अपनी इस सीमेंट परीक्षा की तैयारी बिल्कुल तनाव मुक्त और दबाव मुक्त रहकर करिए और यह सोचे कि आपका पेपर अच्छा होगा आप इसमें सफलता प्राप्त करेंगे।

 कॉन्सेप्ट पर अधिक फोकस करें -
 
 रोजाना कम से कम 6 घंटे तैयारी के लिए जरूर निकले जिसे अपने हिसाब से मैनेज कर सकते हैं। जिन सेक्शंस कि आपकी अच्छी तैयारी है उन्हें थोड़ा कम समय दे सकते हैं जबकि जो क्षेत्र वीक है उसे पर अधिक फोकस करें। कई क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां कांसेप्ट को समझना जरूरी है ऐसी जगह पर रहते नहीं क्योंकि सवालों को कम समय और बेहतर तरीके से हल करने के लिए कांसेप्ट का क्लियर होना जरूरी होता है।



 यदि आपका कांसेप्ट क्लियर नहीं है तो आप उसे पोर्शन को अच्छे तरीके से सॉल्व नहीं कर सकते। इसलिए जहां कॉन्सेप्ट वाला मैटर हो वहां सबसे पहला कांसेप्ट को क्लियर करने पर ध्यान दें रखने पर बिल्कुल ध्यान नहीं दें। जो भी तैयारी होती जाए उसे हफ्ते में एक दिन रिवाइज जरूर करें ताकि परीक्षा से पहले के दिनों में रिवीजन के लिए अधिक समय ने देना पड़े और याद किया हुआ भूल नहीं। क्योंकि एक बार तैयार करने के बाद लंबे समय तक रिवीजन ने करने से वह चीज है मन से डिलीट हो जाती हैं। अधिक समय देना होता पड़ता है। जिन विषयों में मुश्किल आती है उनके लिए मैटर की मदद लें या ऑनलाइन मदद ले सकते हैं फार्मूला हमेशा लिखकर याद करें अपने स्टडी रूम में फॉर्मूलों की लिस्ट बनाकर उसे चिपका सकते हैं ताकि वह रोज रिवाइज होते रहे और कोई गलती ना हो इसके अलावा मन में नकारात्मक बातों को ने आने दे रोज 30 मिनट एक्सरसाइज या मेडिटेशन जरूर करें। आज मैं भी आपको एक अनोखा मेडिटेशन बताता हूं। जो आपकी लक्ष्य प्राप्ति में मदद करेगा --

 Example- विजुलाइजेशन मेडिटेशन

 दोस्तों यह एक ऐसा योग है जिसे करने से आप जो चाहते हैं उसे हासिल कर सकते हैं, जी हां लेकिन आप लंबे समय तक लगातार इसका अभ्यास करती रहिए इसमें केवल कुछ मिनट का ही समय लगता है आप इसे 15 से 20 मिनट तक कर सकते हैं प्रारंभ के समय में 5 मिनट तक का टाइम ही काफी होता है। आपका जो भी लक्ष्य है उसकी इमेज आपको अपने दिमाग में बनानी है और उसे संबंधित बातों पर ही गौर करना है इन सब की एक इमेज एक पिक्चर बनाकर अपने मस्तिष्क में घुमानी है। इसीलिए इसी व्यायाम का नाम विजुलाइजेशन मेडिटेशन है। इसके माध्यम से छात्र अपने मस्तिष्क को लक्ष्य के प्रति जागृत करता है। रोज ऐसा करने से मानव की मस्तिष्क में उसके लक्ष्य के प्रति सकारात्मक विचार उत्पन्न हो जाते हैं और उसका आत्मविश्वास बढ़ाने लग जाता है।

 कैसे करें - सबसे पहले यह ध्यान रखें कि जब भी इस मैडिटेशन को करें तो तन और मन दोनों रिलैक्स होने चाहिए शांत जगह होनी चाहिए। ऐसा स्थान आपको उपलब्ध है वहां पर आप शांत मन से आंखें बंद करके बैठ जाइए। अपने भटक रहे मन को एक जगह रोकर अपनी सांसों पर केंद्रित करने का प्रयास करें। जब आपका सांसों और आपके मन पर नियंत्रण होने लगे तो धीरे-धीरे अपने लक्ष्य पर विचार केंद्रित करें उसके लिए आपको प्रयास करना है पूरा पूरा प्लान आपके दिमाग में होना चाहिए, इस बात पर विचार करें की चुनौतियों से कैसे निपटा जाए। इस तरह आप विजुलाइजेशन मेडिटेशन का अभ्यास करके अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का एक सफल प्रयास कर सकते हैं।

 सदी हुई रणनीति अपनाएं -


 अपनी परीक्षा के लिए एक सही रणनीति बनाएं और रणनीति को अपने हिसाब से बनाएं क्योंकि, अपनी क्षमताओं के बारे में सबसे अधिक आप स्वयं जानते हैं। किसी और की हेल्प लेकर या किसी और की मदद से बनाए गए पैटर्न को अपनाकर आप अच्छा परिणाम हासिल कर सकें इस बात की 100% गारंटी नहीं होती है। इसलिए अपनी स्वयं की क्षमताओं का आकलन करते हुए अपनी परिस्थितियों को भागते हुए इस इसकी रणनीति तैयार करें। रणनीति के साथ ही यह बात भी ध्यान रखें की परीक्षा का आयोजन में में होगा। तारीख फिलहाल जारी नहीं की गई है इसलिए सुनिश्चित करने की माई के पहले हफ्ते तक पूरा सिलेबस कर हो जाए रोजाना तैयारी में 500 क्षेत्र को बराबरी से शामिल कर दे ताकि हर क्षेत्र को समझ पाएं हर क्षेत्र का अभ्यास करें। हर सक्शन को समय दें।



 ब्लॉग - प्रेरणा डायरी।
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सोमवार, 8 अप्रैल 2024

विदेश में शिक्षा -- कौन कौन से देशों में उपलब्ध हैं, बेहतर शिक्षा।


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Tudawali, rajasthan, India
28 मार्च 2024


 दोस्तों प्रेरणा डायरी कि आज की पोस्ट में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है। आज मैं आपके साथ एक नये विषय पर चर्चा करना चाहता हूं। आज हम बात करेंगे एब्रॉड एजुकेशन पर। हर साल भारत से सैकड़ो छात्र शिक्षा हासिल करने के लिए विदेश का रुख करते हैं। ऐसे में विदेश में पढ़ाई की चाहत रखने वाले हर छात्र के मन में यह सवाल आता है कि आखिर कौन सा देश पढ़ाई के लिए अच्छा है..?  उन्हें शिक्षा प्राप्त करने के लिए किस देश में जाना चाहिए...?  वहां रहना - खाना कैसा हैं??  बजट कितना  रहेगा....?   कई छोटे देश भी ऐसे हैं जो बेहतर कोर्स करवाते हैं। साथ ही बजट भी काफी कम होता है। विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के लिए बजट एक महत्वपूर्ण फैक्टर होता है क्योंकि हर छात्र अधिक खर्चीली पढ़ाई, महँगी फीस, और और खर्चों को वहन नहीं कर पाता। आईये आज की पोस्ट में हम इसी बात को जानने का प्रयास करते हैं,  कि कौन-कौन से देश आपकी शिक्षा के लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं। मैं इसमें बेहतर विकल्प के रूप में जिन देशों को शामिल कर रहा हूं वह कुछ इस प्रकार हैं --
लिए.
1. ताइवान।
2. जर्मनी।
3. फ्रांस।
4. मेक्सिको।
5. फिनलैंड।
6. साउथ अफ्रीका।
7. न्यू जिलैंड
8. पोलैंड।


1. ताइवान --

 ताइवान एशिया महाद्वीप का एक छोटा सा देश है। यह देश एक उभरता हुआ एजुकेशन का हब बन गया हैं। इस देश में अनेक यूनिवर्सिटीज है जो कम पैसों में अच्छे कोर्स ऑफर करती हैं। यहां की 40 से ज्यादा यूनिवर्सिटीज 120 से अधिक कोर्सेज उपलब्ध करवाते हैं। विदेशी छात्रों के लिए यहां जो फेमस कोर्स है उनमें इन्नोवेशन एंड मैनेजमेंट बिजनेस मैनेजमेंट इंटरनेशनल बिजनेस आदि लोकप्रिय कोर्स है। ताइवान की सरकार भी देसी और विदेशी छात्रों को अनेक सुविधाएं ऑफर करती है। एशिया महाद्वीप के छात्रों के लिए यह देश पहली पसंद बनता जा रहा है।


2. जर्मनी --

 जर्मनी यूरोप महाद्वीप का एक छोटा लेकिन विकसित और धनाढ्य देश है। यहां पर विदेशी छात्रों के लिए कम पैसों में अच्छी कोर्स उपलब्ध है। यहां की ज्यादातर पब्लिक यूनिवर्सिटीज में ग्रेजुएशन और पीएचडी कोर्सों के लिए तो कोई फीस तक नहीं ली जाती है, केवल एनरोलमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन जैसे छोटे-छोटे चार्ज ही लगाए जाते हैं। यही नहीं यहां स्टूडेंट की परेशानी और बजट संबंधी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उन्हें फुली फंडेड स्कॉलरशिप तक ऑफर की जाती हैं।

3. फ्रांस --


 फ्रांस यूरोप महाद्वीप और दुनिया का एक ताकतवर तथा संपन्न देश है। यहां पूरी दुनिया में सबसे बेहतरीन बिजनेस और मैनेजमेंट के कोर्स उपलब्ध है। फ्रांस ही वह देश है जिसमें दुनिया के शीर्ष बिजनेस स्कूल है। इसीलिए दुनिया के ऐसे छात्र जिन्हें मैनेजमेंट की शिक्षा प्राप्त करनी होती है वह फ्रांस को प्राथमिकता देते हैं। मैं आपके साथ एक छोटा सा आंकड़ा शेयर करता हूं -- सन 2021-22 के शैक्षणिक सत्र में फ्रांस में पढ़ने वाले भारतीयों की संख्या लगभग 6000 थी। इनमें भी 80 फ़ीसदी छात्रों को थे जो मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहे थे। वर्तमान दौर में मैनेजमेंट की पढ़ाई का पूरे विश्व में अलग ही महत्व है। दुनिया भर में फैली हुई बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अच्छे मैनेजर की डिमांड हमेशा रहती है। यदि आपका सपना भी किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी में मैनेजर के रूप में कार्य करने का है और इस क्षेत्र में आप जाने की इच्छुक हैं, इसके लिए आप बेहतरीन अध्ययन करना चाहते हैं तो फ्रांस आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

4. मेक्सिको --

 यहां अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करने के लिए अंग्रेजी भाषा के अच्छे कोर्सेज ऑफर किया जा रहे हैं। यहां की सार्वजनिक संस्थानों में कम लागत में अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध है लेकिन निजी यूनिवर्सिटीज में फीस काफी अधिक है। लेकिन फिर भी अमेरिका और अन्य पड़ोसी देशों की तुलना में यहां की शिक्षा बजट फ्रेंडली है।

5. फिनलैंड --


 यहां पढ़ाई सस्ती है और कई उच्च स्तर के कोर्सेज मौजूद है फिनलैंड के शिक्षा संस्थान विदेशी छात्रों को कई तरह की स्कॉलरशिप भी देते हैं। इस देश की खास बात यह है कि यह पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों को नौकरी करने की सुविधा भी देता है ऐसे में भारतीय छात्र यहां पढ़ाई करना पसंद करते हैं।

6. साउथ अफ्रीका --



 अफ्रीका महाद्वीप के सबसे दक्षिणी में स्थित देश साउथ अफ्रीका की यूनिवर्सिटीज की औसत फीस करीब ₹200000 सालाना है। लेकिन यहां रहना काफी महंगा हो जाता है लेकिन स्कॉलरशिप मिल जाने पर यह भी आसान हो जाता है।

7. न्यूजीलैंड --

 न्यू में पढ़ाई अच्छी और सस्ती है यहां ट्यूशन फीस कम ली जाती है साथी स्टूडेंट की ट्यूशन फीस के लिए फंडिंग प्रोग्राम भी चलाए जाते हैं। इससे यहां पर कई बार तो पूरी की पूरी फीस ही माफ हो जाती है इससे स्टूडेंट को आर्थिक संबल मिलता है, यहां पढ़ना भारतीय छात्रों के लिए बेहतर है।

8. पोलैंड --

 यहां की खास बातें है कि इस देश में पढ़ने के लिए आपको स्टूडेंट विजा आसानी से मिल जाता है।  यहां भी फीस माफ कर दी जाती है,  यहां की भाषा सीख लेने पर स्टूडेंट को दूसरे फायदे भी ऑफर किए जाते हैं। लेकिन यार रहना जरुर थोड़ा खर्चीला साबित होता है।


 विदेश में शिक्षा -- विकास और करियर के अवसर।

 विदेश में शिक्षा पाना व्यक्तित्व विकास और बेहतरीन नौकरी प्राप्त करने का एक अच्छा अवसर होता है। साथ ही इससे एक अच्छे करियर की राह भी खुलताी। है एक स्टूडेंट के रूप में विदेश जाने की तैयारी कर रहे स्टूडेंट को चाहिए कि वे इस मौके को अपने सर्वांगीण विकास के लिए भुनाएं। विदेश में पढ़ाई करना स्टूडेंट को नई अवसर देता है, साथ ही उन्हें एक नए देश की संस्कृति कम बोलचाल रहन-सहन और खानपान जैसी विभिन्न तौर तरीकों से रूबरू करवाता है। बतौर स्टूडेंट अगर आप विदेश जाने की योजना बना रहे हैं तो यह सोच लें कि आप खुद को एक विस्तृत संसार में ले जा रहे हैं इससे आपको जीने की कल आएगी और नए अनुभव प्राप्त होंगे।

 वैचारिक मजबूती-

 स्टूडेंट के लिए अच्छी शिक्षा पाना ठीक वैसे ही है जैसे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए उचित आहार किसी देश यूनिवर्सिटी या कॉलेज का चयन करते समय यह रिसर्च कर लें कि आप वहां क्या-क्या सीखना चाहते हैं। इससे आप अकादमिक और वैचारिक रूप से मजबूत बनते हैं। 

 नई संस्कृति से तालमेल -

 दूसरे देश का खानपान,  रहन-सहन,  सामाजिक प्रथाएं, आम जीवन, आम बोलचाल, उत्सव- त्यौहार, के साथ और वह सभी आयोजन जो उनकी संस्कृति का हिस्सा है वह आप एक एस्पायरेंट के तौर पर सीखते हैं, इससे आप एक वैश्विक नागरिक के रूप में विकसित होते हैं।

 नई रुचिया -
 दूसरे देश में अध्ययन के दौरान आप वहां अपने अंदर नई रुचिया पैदा होता हुआ महसूस करेंगे। जब आप वहां के लोकल और ग्लोबल स्टूडेंट से मिलते हैं, तो रुचिया उत्पन्न होना तय है।

 भाषा कौशल में निखार -

 एक भारतीय स्टूडेंट के रूप में हम वैसे तो कई बोलियों भाषाओं को जानते हैं, लेकिन किसी अन्य देश में रहकर उसके भाषाई माहौल में ढालना अपने आप में नए अनुभव देता है। अतः पुरे धम - ख़म से वहां की बालियां और भाषाओं को सीखने के अवसर का लाभ लेना चाहिए। 

 करियर के नए अवसर -

 इसमें कोई संदेह नहीं की विदेश में पढ़ाई करना आपके करियर के अवसर को कई गुना बढ़ा देता है, जॉब या बिजनेस के रूप में आप कहीं भी बेहतर मुकाम प्राप्त करने के लिए तैयार हो जाते हैं।

 नए मित्र - नई पहचान -
 अन्य देश के स्थानीय स्टूडेंट और फैकल्टी के साथ ही आपको आपकी तरह दूसरे देशों से आए स्टूडेंट से मिलने के मौके भी मिलते हैं। वे आपके अच्छे दोस्त हो सकते हैं जो भविष्य में आपको बेहतर परिणाम दे सकता है आपकी नई पहचान बना भी निश्चित हो जाता है।


ब्लॉग - प्रेरणा डायरी।
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शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024

क्यों मनाया जाता है अप्रैल फूल डे..? कैसे बनाये दोस्तों को मूर्ख।

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प्रेरणा डायरी।

 दोस्तों प्रेरणा डायरी कि आज की पोस्ट में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। आज 1 अप्रैल है, और आज का दिन दुनिया के लिए बेहद खास दिन है, क्योंकि वर्ष में केवल आज का  दिन ही एक ऐसा दिन हैं जब हम अपने अजीज दोस्तों और रिश्तेदारों को मूर्ख बनाते हैं और उनके साथ जमकर हंसी मजाक भी करते हैं। अप्रेल फूल डे पर हम  नए दोस्त भी बनाते हैं। हंसते हंसते और दोस्तों को मूर्ख बनाने तथा उनके साथ मस्ती करने के लिए वर्ष में एक दिन ही होता है और वह दिन है 1st अप्रैल। ऐसे मजेदार दिन के बारे में हमें जानकारी होनी चाहिए कि आखिर इतना अच्छा दिन क्यों और कैसे मनाया जाता है आज की प्रेरणा डायरी के आर्टिकल में हम अप्रैल फूल डे पर ही कुछ जानकारियां प्राप्त करेंगे--




भूमिका --

April Fool's Day: 

"अप्रैल फूल बनाया, बड़ा मजा आया"

... एक अप्रैल यानी कि अप्रैल फूल वाले दिन सभी एक दूसरे को बेवकूफ बनाकर माजक करते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है और अप्रैल फूल डे मनाना कब से शुरू हुआ? इसके पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है.


 प्रतिवर्ष 1 अप्रैल को पूरी दुनिया में अप्रैल फूल डे यानी "मूर्खता दिवस"  मनाया जाता है। जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट होता है कि इस दिन लोग एक दूसरे को बेवकूफ बनाने की कोशिश करते हैं, और बेवकूफ बनाने की कोशिश में सफल हो जाते हैं तो अपनी इस कोशिश पर जमकर हंसते हैं। एक दूसरे को बेवकूफ बनाकर हंसने हंसाने का दिन ही अप्रैल फूल होता है।
 अप्रैल फूल डे की सारी कहानी वही है जो शायद सदियों से हंसने हंसाने की एक आदिम कोशिश है। इस दिन लोग अपने दोस्तों,  करीबियों,  रिश्तेदारों, सहकर्मियों से फ्रैंक यानी मजाक करते हैं। इसके बाद आपस में एक दूसरे को जमकर हंसाया जाता हैं।


क्यों मनाया जाता हैं, अप्रेल फूल डे --
32 मार्च से भी जुड़ी है अप्रैल फूल की कहानी--


 अगर अप्रैल फूल डे के इतिहास पर नजर डालें, तो यूं तो इससे जुड़ी कई कहानियां मिलती हैं,  लेकिन कुछ कहानियां सर्वाधिक प्रचलित है। जैसे एक कहानी बड़ी लोकप्रिय है इसके मुताबिक अप्रैल फूल मनाने की शुरुआत सन 1381 में हुई जब इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी की सगाई का ऐलान हुआ था।  यह सगाई 32 मार्च को तय की गई। राजा और लोगों ने शुरू में इस पर ध्यान नहीं दिया और सगाई की बात सुनते ही जश्न शुरू हो गया। लेकिन जब 31 मार्च आ गया तब लोगों को पता चला कि अरे.. 32 मार्च तो कोई तारीख ही नहीं होती। जो लोग अभी तक राजा की सगाई का जश्न मना रहे थे अब उन्हें समझ में आया कि वह तो मूर्ख बन गए। कहते हैं तभी से अप्रैल फूल डे मनाया जा रहा है।


जब ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया गया तो नया साल जनवरी से शुरू होने लगा. लेकिन जिन लोगों को कैलेंडर बदलने की जानकारी देरी से पहुंची, वे मार्च के आखिरी हफ्ते से 1 अप्रैल तक नववर्ष मनाते रहे और इस वजह से उन पर खूब चुटकुले बने. तब से 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाया जाने लगा.1 Apr 2023

दुनियाँ में मूर्खता दिवस का प्रचलन --

 दोस्तों कुछ देशों में 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे मनाया जाता है भारत में यह 1 अप्रैल को ही मनाया जाता है। डेनमार्क देश में 1 में को मूर्खता दिवस मनाया जाता है और वहां इसे जमकत के नाम से जाना जाता है। जबकि स्पेन में 28 दिसंबर के दिन अप्रैल फूल डे मनाया जाता है, और वहां इस मूर्ख दिवस कहने के बजाय  डे ऑफ होली इनोसेंट  कहते हैं। ईरानी लोग फारसी नव वर्ष के 13 दिन मूर्खता दिवस मनाते हैं, जो कि आमतौर पर एक या दो अप्रैल को ही पड़ता है। कई देशों में यह पूरे दिन मनाया जाता है,  तो कई देशों में मूर्ख दिवस मनाने का प्रचलन सिर्फ दिन के 12:00 तक होता है। मसलन ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, और कुछ अफ्रीकी देशों में अप्रैल फूल डे दिन के 12:00 तक ही मनाया जाता है जबकि कनाडा, अमेरिका, रूस और बाकी यूरोपीय देशों में यह पूरे दिन मनाया जाता है।  अपने भारत में भी इसे सुबह से लेकर शाम तक मनाए जाने की परंपरा है।

 कई देशों में इस दिन दोस्तों के साथ पार्टी करने और उन्हें गिफ्ट में फूल देने तथा दोस्ती की शुरुआत करने के रूप में भी मनाया जाता है। कई देशों यह दिन दोस्त बनाने का सबसे खास दिन माना जाता है। बेल्जियम और इटली जैसे यूरोप के देशों में  इस दिन,  जिसके साथ दोस्ती करनी होती है, उसकी पीठ में चुपके से कागज की मछली बनाकर चिपका देते हैं। और यह माना जाता है की मछली चिपकाने वाला शख्स उसे व्यक्ति से दोस्ती का इच्छुक है जिसकी पीठ में उसने मछली चिपकाई है इस तरह 1 अप्रैल सिर्फ मूर्खता का दिन ही नहीं है दोस्ती प्यार और जीवन के कई नए अध्याय शुरू करने का दिन भी है।

ऐसे ले अप्रेल फूल डे का आनंद ---


लोग 1 अप्रैल को एक-दूसरे को मूर्ख बनाने के लिए मजाक करते हैं, और यह एक मजेदार और हंसी-मजाक का दिन होता है. आइए जानते हैं दोस्तों और रिश्तेदारों को मुर्ख बनाने के तरीके क्या हैं.


1. अप्रैल फूल बनाने के लिए आप किसी के जूते को छुपा सकते हैं और फिर जब वह ढूंढे तो आप उनके मजे ले सकते हैं.

2. आप किसी से अनजान बनकर फोन पर बात कर उन्हें मूर्ख बना सकते हैं.

3.आप किसी को फेक न्यूज़ बना कर भी भेज सकते हैं.

4. आप केक बनाने के लिए टूथपेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं, और इस केक को अपने किसी खास इंसान को दे सकते हैं.

ऐसे ही कुछ मस्ती मजाक कर आप दोस्तों परिवार वालों को हसा सकते हैं और उन्हें अप्रैल फूल बना सकते हैं.

कुछ और तरीके -

सॉक्स प्रैंक: अप्रैल फूल डे बनाने के लिए आप सबसे पहले अपने परिवार के किसी सदस्‍य या दोस्‍त के मोजे को चुपके से लें और उसे उसी कलर के धागे से बीच में सिल दें. ऐसे में जब वह अपने पैर को मोजे में डालने की कोशिश करेंगे तो उनके पैर में यह सॉक्स नहीं आएगा और वह बड़ी आसानी से मूर्ख बन जाएंगे.

2. रिश्तेदार आ रहे हैं:  अप्रैल फूल डे पर किए जाने वाला यह बहुत पुराना मजाक है. आप अपने किसी करीबी को बताएं कि आपका रिश्तेदार आ रहा है, जिसे वो आसानी से मान लेते हैं और मूर्ख बन जाते हैं.

 आज एक अप्रैल को अप्रैल फूल डे जिसे हम मूर्ख दिवस के रुप में भी मनाते हैं. अप्रैल फूल दिवस के मौके पर दोस्तों और परिवार वालों को मूर्ख बनाने का मौका शायद ही कोई गंवाता है लेकिन प्रैंक के कुछ आइडियाज काफी पुराने हो चुके हैं जिनसे उल्लू बनाना थोड़ा मुश्किल है, तो कुछ नया ट्राय करें

 मूर्ख बनाने के लिए टूथपेस्ट और बिस्किट का इस्तेमाल करना

यदि आप अपनों को मूर्ख बनाने के लिए बिस्किट में क्रीम की जगह टूथपेस्ट लगाकर उन्हें चाय के साथ सर्व करें, तो यह आइडिया किसी को भी आसानी से उल्लू बना सकता है. इस आइडिया को आप 1 अप्रैल को जरूर दोस्तों पर अपनाएं.

 खाली डब्बा गिफ्ट करें--

अप्रैल फूल बनाने के लिए आप अपने दोस्तों को एक खाली डब्बे को गिफ्ट भी कर सकते हैं. ऐसे में जैसे ही आप उन्हें वो खाली डिब्बा पैक करके गिफ्ट करें. आप उन्हें तुरंत उस डिब्बे को खोलने के लिए कहें. खाली डिब्बा देखकर हो सकता है उसे गुस्सा आए. ऐसे में आप उन्हें एक प्यार भरी झप्पी देकर अप्रैल फूल विश करें. ऐसा करके आप अपने दोस्तों के साथ जमकर हंस सकेंगे।

 कार्डबोर्ड से बनाएं पिज़्ज़ा --


कार्डबोर्ड के एक टुकड़े को काट लें और इसके ऊपर कुछ सॉस डालें। हरी मिर्च गोभी प्याज आदि के टुकड़े ऊपर से डाल दे ताकि यह पिज्जा की तरह दिखे। दोस्त को आजकल बच्चे हो या बड़े सबको पिज़्ज़ा बेहद पसंद है। अब यह दिखने में बिल्कुल पीछे जैसा लग रहा है। अब इसे अपने दोस्तों के सामने ले जाएं और खाने के लिए कहें। जैसे ही वह इसे खाने और तोड़ने का प्रयास करेंगे और जब उन्हें इसके बारे में हकीकत पता चलेगी तो आप सब कहां संस्कार पेट दर्द होने लगेगा। आपको काफी आनंद आएगा। हां इतना अवश्य ध्यान रखना कि आप जो पिज़्ज़ा तैयार करें, क्योंकि एक गेट का बना हुआ होगा इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आपका दोस्त से निकले नहीं। 

 फोटो रिप्लेसमेंट --

अपने घर की गैलरी में सेलेब्स के साथ कुछ पारिवारिक तस्वीरें बदलें. इसमें थोड़ा और मजा जोड़ने के लिए, आप कोशिश कर सकते हैं और अपने मम्मी और डैड के साथ एक सेलेब की तस्वीर को मॉर्फ कर सकते हैं.

 ट्रेकिंग भोपू से बनाएं अप्रैल फूल --

अप्रैल फूल बनाने का सबसे अच्छा तरीका यह भी है कि आप ऑफिस में या कार की सीट के नीचे एक प्रेसिंग भौंपू रख दें. जैसे ही आपका दोस्त या कोई करीबी उसके ऊपर बैठेगा तो जोर की आवाज सुनकर वो डर जाएगा और उसके डरते ही आप तुरंत उसे अप्रैल फूल विश कर दें.

 अप्रैल फूल का इतिहास -

मीडिल यूरोप में 25 मार्च को नए साल का उत्सव मनाया जाता है. हालांकि 1852 में पोप ग्रेगरी अष्ठ ने ग्रेगेरियन कैलेंडर की घोषणा की थी. जिसके बाद जनवरी से नए वर्ष की शुरुआत होनी लगी. फ्रांस ने सबसे पहले इस कैलेंडर को स्वीकार किया. लेकिन यूरोप के कई देशों ने इस कैलेंडर को स्वीकार नहीं किया. जिसके कारण नए कैलेंडर के आधार पर न्यू ईयर मनाने वाले लोग पुराने तरीके से अप्रैल में नववर्ष मनाने वाले लोगों को मूर्ख समझने लगे और तब से अप्रैल फूल मनाया जाने लगा।

 प्रश्न -उत्तर।


 क्वेश्चन 1.  अप्रैल फूल डे क्यों मनाया जाता है..?

 उत्तर --  अप्रैल फूल डे यानी मूर्खता दिवस भारत समेत पश्चिमी के सभी देशों में 1 अप्रैल को मनाया जाता है। इसे मनाने के पीछे कई कारण बताए जाते हैं तथा कुछ कहानियां प्रचलित हैं जिनमें से दो कहानियों के बारे में मैं आपको बताता हूं--

1.  पहली कहानी के मुताबिक बताया जाता है कि जब नया ग्रेगोरियन कैलेंडर आया तो 1 जनवरी को लोग नया साल मानने लगे… जबकि जिन लोगों को जानकारी नहीं थी वह पुराने कैलेंडर के हिसाब से मार्च के अंत में और अप्रैल के पहले दिन जब लोगों को इस बात का पता चला तो उन्होंने 1 अप्रैल को नया साल मनाने वाले लोगों की मजाक उड़ना प्रारंभ कर दिया और तभी से अप्रैल फूल मनाएं जाना शुरू हुआ।

2. एक दूसरी कहानी के मुताबिक इंग्लैंड के राजा और रानी की सगाई से संबंधित है। कहा जाता है कि दोनों की सगाई से हुई और विवाह की तारीख 32 मार्च फिक्स कर दी गई और लोग अत्यधिक जश्न के कारण इस बात पर ध्यान नहीं दे पाए और जश्न में डूब गए। धीरे-धीरे समय बिता और जब 30 मार्च आ गया तब पता चला कि 32 मार्च तो कुछ नहीं होता..!  जश्न मना रहे लोगों को ऐसा लगा कि उनके साथ कुछ अच्छा मजाक करके उन्हें मूर्ख बना दिया गया है। इसके बाद से ही एक अप्रैल को अप्रैल फूल डे मनाने की शुरुआत होती चली गई।

क्वेश्चन 2. अप्रैल फूल का मतलब क्या होता है..?

उत्तर --   प्रतिवर्ष 1 अप्रैल को दुनिया भर में अप्रैल फूल डे मनाया जाता है इसे हिंदी में मूर्खता दिवस के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग अपने दोस्तों एवं रिश्तेदारों के साथ हंसी मजाक के तौर पर उन्हें प्लानिंग के साथ झूठ बोलकर मूर्ख बनाते हैं और बाद में जमकर हंसी मजाक करते हैं। 

क्या होता है आत्मविस्वास..?. ..इसे कैसे बढ़ाया जा सकता है...?



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  Date 26/05/2023

 Rajasthan (India) 

 आत्मविस्वास क्या होता है...? इसे कैसे बढ़ाया जा सकता हैं....? ( what is self--confidence and how can increase it)

दोस्तो, नमस्कार। 

    "उम्मीदों की उडान"


 "प्रेरणा डायरी" (मोटिवेशन डायरी ) 

नमस्कार, आज मेरी " प्रेरणा डायरी "  डायरी के पन्नों पर स्थित post, आपके लिए खासी महत्वपूर्ण होने वाली है । हम सब " Self -- confidence " के बारे में अधिक से अधिक जानकारी चाहते है। आज की पोस्ट "आत्मविस्वास" को लेकर हमारे मन की सभी शंकाओ और आशंकाओं को शांत करेगी ।ऐसा मेरा विश्वास है। 

  • आज के इस आर्टिकल में हम निम्न बिंदुओं को समझने का प्रयास करेंगे..                 
  • आत्मविस्वास को कैसे बढ़ाये ।
  • आत्मविस्वास में वृद्धि के उपाय । 
  • निष्कर्ष। 
  • प्रश्न। Question। 
 भूमिका --
 
दोस्तो जीवन का छेत्र अत्यंत व्यापक है। अत्यधिक विशाल है, इंसान अपने जीवन मे अनेक उपाय और साधनों के द्वारा आगे बढ़ने का प्रयास करता है। हम मे से जो प्रतिभाशाली होते है, वो अवसरों के अनुकूल साधनों का निर्माण कर लेते है।अपना स्वय का नया मार्ग बनाते है । वो बनी बनाई और तैयार राहो पर चलना नापसन्द करते है। कहा भी गया है कि "लीक छोड़ तीनों चले - सायर, सिंह, सपूत। अर्थात् ये तीनो सायर, सिंह और सपूत हमेशा लीक (रास्तो) से हटकर अपने नये रास्तो पर चलना उचित् समझते है । प्राचीन काल से ही आत्मविस्वास अध्ययन का विषय रहा है। हमारे धर्म ग्रंथों में अपने आप को पहचान्ना।अपने बल को  पहचान्ना । और अपने सामर्थ को जानना ही आत्मविस्वास कहलाया । 


 आत्मविश्वास का अर्थ और परिभाषा:-------

आत्मविश्वास को मनोबल भी कहा जाता है। आत्मविश्वास का सीधा और सरल अर्थ होता है -- हमारा स्वयं पर भरोसा। हमारा अपने आप पर कितना यकीन हैं। किसी कार्य को करते वक़्त हम अपने आप पर कितना विश्वास करते है, यही आत्मविस्वास के रूप मे तोला जाता है। आप अपनी अंदर की शक्तियों पर कितना यकीन करते है, यही जानना आत्मविश्वास है। 

आत्मविश्वास वह ऊर्जा है जो, सफ़लता की राह में आने वाली कठिनाइयों, परेशानियों, और अड़चनों से मुकाबला करने के लिए हमें साहस प्रदान करती है । आत्मविस्वास एक प्रकार की अध्यात्मिक और मानसिक शक्ति है। और अपनी सक्तियो पर भरोसा आत्मविस्वास है । आत्मविस्वास की शक्ति के द्वारा ही हम अपने महान कार्यो का संपादन करते है । आत्मविस्वास से भरा हुआ इंसान शंका और संदेहो की दुनिया से बहुत दूर होता है।  बिना आत्मविस्वास का व्यक्ति जीवन में सफल नहीं हो सकता। आत्मविस्वास  में अपार शक्ति होती हैं । आत्मविश्वास  से हमारे कार्य करने की  क्षमता बहुत बढ़ जाती है । तो दोस्तो आपको समझ में आ गया होगा की सेल्फ कॉन्फिडेंस क्या होता है। अब हम बात करते है कि हमारे कुछ ऐसे दोस्तो की जो ये सवाल करते है की "क्या आत्मविस्वास बढाया जा सकता हैं...?
 
जी हाँ, हम चाहें तो अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकते है । 

अपनी लाइफ स्टाइल, जीवन शैली, आदतों, और कमियों में सुधार कर अपनी आत्म शक्ति, आत्मविस्वास को इंक्रिज़ कर सकते है।


 आत्मविश्वास बढ़ाने के उपाय :---- 


दोस्तो हम सभी अपने जीवन में  सफल होना चाहतें हैं ।लेकिन इस सफ़लता के लिए आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है। आप अपने किसी कार्य को करना चाहते है। अपना  लक्ष्य पाना चाहते है तो सबसे पहले खुद पर भरोसा करना सीखो  । अगर ऐसा है ,आपको अपने आप पर विस्वास है तो  कार्य आरम्भ से पहले ही आपका मन आपका  माइंड आपको संकेत देगा और आप तुरंत बोल उठेंगे  yes I can do it "हाँ मे यह कर सकता हु । ये आपके आत्मबल की आवाज है। 

आप ये उपाय और तरीके अपनाकर निश्चित रूप से अपना सेल्फ कॉन्फिडेंस बढा सकते है। 


1.अपना कम्फर्ट जॉन छोड़े--


कॉम्फर्ट जोन से तात्पर्य है कि, हम अपने आपको, अपने कार्यो को एक सीमित दायरे में समेट लेते है। अपने लिए एक आरामदायक कार्य छेत्र चुन कर उसमे बंध जाते है ।कॉम्फर्ट जोन मै कार्य करने वाले व्यक्ति को जैसे ही कोई नये काम मिलेगे, तो वह होंसला नहीं जुटा पाएगा । उसे डर लगेगा। वह घबरा जायेगा। क्योकि वह तो  कंफर्ट जोन का आदि हो चुका है । आनंद दायक जीवन शैली इंसान का दायर सीमित कर देती है।  ऐसा व्यक्ति नये कार्य और नई चुनोतियों को स्वीकार  नहीं कर सकता। जबकि आत्मविश्वास से भरा हुआ इंसान चुनोतियों का स्वागत करता हैं । उन्हे सवीकार करता हैं । आपके ऐसे कार्य करते ही आपका आत्मविस्वास भड़ने लगेगा। हमेसा पॉजिटिव रहे।  ख़ुद भी खुश रहें और दूसरों को भी खुश रखने का प्रयाश करें। 


2. आत्मविश्वासी लोगों का साथ चुनें। 


दोस्तो आज के समय मे हमारे आस पास, रिस्तेदार, दोस्त, परिजन, सगे संबन्धी,....अधिकतर लोग ऐसे होगे, जो किसी ना किसी प्रकार आपका कॉन्फिडेंस डाउन करेंगे । आप कुछ भी करेंगे.. तो कमिया गिनाने बैठ जायेंगे। आपको गिराने का प्रयास भी कर सकते हैं । ऐसे व्यक्ति दूसरो को सुखी और सफल नहीं देख सकते । इसीलिए वो हमेसा दुखी रहते हैं।  ऐसे लोगों से दूर रहे । आत्मविश्वासी लोगों के साथ चले। जो खुद भी कामयाब होते है ,और दूसरो को भी उत्साहित करते है। हमेसा आत्मविस्वासी और मोटिवेट  लोगों के संपर्क मे रहे। ऐसा करने से आपका विश्वास बड़ेगा। दोस्तों एक पुरानी कहावत खूब प्रसिद्ध है कि "जैसा रखोगे संग वैसा चड़ेगा रंग"। 


3. अपनी खूबियों को पहचाने। 



कोई व्यक्ति अपने आप में संपूर्ण नहीं होता । और जो सम्पूर्ण है वो इंसान नहीं हो सकता -- क्युकी सम्पूर्ण तो ईस्वर् ही होता है। हर मनुष्य के अंदर कुछ गुण होते हैं और कुछ अवगुण । हमे अपनी खूबियों, रुचियों पर ध्यान देना है। आज ही एक लिस्ट बनाओ/उसमे अपनी खूबियों को लिखो उन्मसे कोई एक, दो पर वर्क करो।आप अपनी रुचि के काम करने से खुश तो रहंगे ही , साथ ही आप अपना करियर भी बना सकते है l जैसे--- आप अच्छा लिखते हैं, तो आप अपनी एक डायरी बनाकर उसमे लिखे । सारी बाते लिखे ।अपने विचारों को  व्यक्त करे इस से दो लाभ होंगे, एक तो नया कार्य करने से आपका आत्मविस्वास बढ़ेगा दूसरा रोज लिखने के अभ्यास से आपकी प्रतिभा निखर कर आने से आप बहुत अच्छे लेखक बन सकते हैं। आप कि अगर पेंटिग मै रुचि है तो पेंटिग करे, आपका आत्मविस्वास बड़ेगा, मोटिवेट रहेंगे, और हो सकता है आगे चलकर आप एक अच्छे पेंटर ही बन जाए ।अतः अपनी रुचियों और खूबियों को पहचान कर उन पर थोड़ी मेहनत करे। 


4. दूसरों से तुलना ना करें। 


हर व्यक्ति की अलग अलग तरह की  छमता, और विशेष ता होती है! इसलिए कभी अपनी तुलना दूसरो से ना करे! ऐसा करने से आप अपना विश्वास खो देंगे! आज बच्चो का आत्मविस्वास इसलिए भी कमजोर हो रहा है क्योकि पेरेंट्स बच्चो से बहुत अधिक अपेक्सा पाल लेते है, अन्य स्टूडेंट्स से तुलना की जाती है! तुलना मै हमेसा उसे कमजोर बताया जाता है इस से  धीरे धीरे बच्चों का विश्वास दग्मगाने लगता है, । हमे अपनी तुलना किसी से नहीं करनi  हम अपने आप मै सर्वश्रेष्ठ है! । 


5. अच्छा नेचर् बनाये। 


अपने मानो भाव अच्छे रखे छमा सील बने ताकि आपमे विनम्रता का गुण विकसित हो। आपके अछे nature से आपके विचार और द्रस्टि kon सकारात्मक होंगे। अच्छे nature के लिए हंसना, मुस्कुराना जरूरी है! खुश रहने से अच्छा neture विकसित होता है । जितना हो सके खुश रहे और जीवन का आनंद ले  ।।


7. सकरात्मक रहे। 


नकारात्मक विचारों को मै पहले ही "" नरक " की संज्ञा दे चुका हुँ। क्योकि मैने लोगों की जिंदगी पर नकारात्मक विचारों का कुप्रभाव देखा है। एक नकारात्मक व्यक्ति खुद के साथ, दूसरो का जीवन भी नरक बना देता है । जैसे हमारे विचार होते है हम वैसा ही बन जाते है  जैसा हम सोचते है वैसा ही हमारे जीवन मै घटित होने लगता है।बुरे विचार हमारे मन और मतिस्क् को दूसित कर देते हैं। ऐसी एस्तिथि मै हम कदापि आत्मविस्वासि नहीं बन सकते अथ अच्छी सोच रखे/हमेसा अच्छा ही सोचें। अच्छा करे। अच्छा सुनें। अच्छा खाये ।अच्छा देखें। और आत्मविस्वास के साथ जिये। 


इसके अतिरिक्त निम्न कार्यो को भी अपनाये


8. अच्छे पलों का जस्न मनाये। 

9. अपने आप की सराहना करे। 

10. खुशी देने वाले काम करें। 

11. लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें। 

12. शीघ्र फैंसले लें। 

दोस्तो इन नियमो और सिधांतों को अपनाकर आप अपने आत्मविस्वास मै वृधि कर सकते है।।

 

Conclusion:-------


आत्मविस्वास का अर्थ अलग अलग संदर्भो मै भिन् भिन्न हो सकता है; पर वास्तव में एसका तात्पर्य "" खुद पर विश्वास'"" से है/ आत्म विश्वास हमे महान कार्यो को करने के लिए प्रेरित करता है/ बिना आत्मविस्वास के जीवन के किसी भी छेत्र मै सफ़लता मिलना मुश्किल कार्य है/ आत्म विश्वास हमे खुद पर भरोसा करना सिखाता है/ मै अंत मै एतना ही कहूंगा की -- ""आत्मविस्वास" जीवन का आधार है/

दोस्तो आप को मेरे लिखे हुए आर्टिकल कैसे लग रहे है कंमेंट करके बताये,  आपके सुझाओ का सुवा गत है / ब्लॉग पर भरोसा रखे/ 

धन्यवाद/

K. S. Ligree 

ब्लॉग - प्रेरणा डायरी।

वेबसाइट - prernadayari.blogspot.com


खुशी एक दवा हैं...। सीखिए खुश रहने के आसान उपाय।


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खुशी एक दवा है...। सीखिए ख़ुश रहने के उपाय।




प्रेरणा डायरी
के इस आर्टिकल में आपका बहुत-बहुत स्वागत है। प्रसन्नता यानी खुशी और स्वास्थ्य दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। मन और शरीर का एक दूसरे पर गहरा प्रभाव होता है। शारीरिक तनाव का असर मन पर, और मन के तनाव का असर तन पर पड़ता है। शरीर के सभी अंग हमारे ब्रेन के एक भाग जिसे तंत्रिका तंत्र या ऑटोनॉमस नर्वस सिस्टम कहते हैं, उसे नियंत्रित करते हैं। इसके दो भाग होते हैं जिसमें से एक को सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम या सहानुभूति तंत्रिका तंत्र कहा जाता है। यह शरीर और मन को शांत रखता है तथा शरीर को किसी भी संभावित खतरे के दौरान लड़ने की प्रतिक्रिया के लिए तैयार करता है।


 खुशी एक ऐसा तत्व है जो हमारे शरीर और मन दोनों के लिए प्राकृतिक दवा का कार्य करता है, एक ऐसी दवा जिसका डोज जितना बढ़ाएंगे वह उतना ही मन और शरीर को स्वस्थ रखेगी। लेकिन तनाव से भरी दिनचर्या में लोग इस दवा को लेना भूल जाते हैं। इस दवा को अगर हम अपने रूटीन का हिस्सा बना ले, खुशी के लिए भारी कारकों पर निर्भर नहीं रहे, तो जिंदगी का आनंद बदल सकता है। हमेशा सकारात्मक रहते हुए स्थाई खुशी प्राप्त करने का प्रयास करें। संतुष्टि एक ऐसी चीज है, जो स्थाई खुशी का स्रोत हैं। खुशी प्रदान करने वाले आंतरिक स्रोतों पर अधिक ध्यान दें ऐसे काम करें जिसे खुशी महसूस हो और जो हैप्पी हारमोंस को बढ़ाएं।
 खुशी से जिंदगी जीना एक कला है। आप भी इस कला से परिचित हो सके इसके लिए मैं आज के आर्टिकल में खुशी प्राप्त करने के दो पहलुओं पर चर्चा करूंगा। एक पहलू है जो हमारे हारमोंस से जुड़ा हुआ है जब का दूसरा पहलू हमारी आदतों से जुड़ा हुआ है।
 दोस्तों हमारे शरीर में अनेक ऐसे हार्मोन स्रावित होते हैं जो हमें मानसिक तौर पर खुशी प्रदान करते हैं। लिए सबसे पहले हम यही जानते हैं कि कौन से ऐसे हार्मोन हैं जो हमें खुशी प्रदान करने में सहायक सिद्ध होते हैं, इसलिए इन्हें हैप्पी हारमोंस के नाम से जाना जाता है, यह कुछ इस प्रकार है  ---


 
 हैप्पीनेस हार्मोन --

1. कादल हार्मोन यानी ऑक्सीटोसिन --

 यह हार्मोन विश्वास की भावना को बढ़ाता है और रिश्तो को बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। जब इसकी कमी उत्पन्न होती है उस समय अकेला महसूस करना, प्रेरणा (motivation ) की कमी आना, ऊर्जा कि कमी या थकान महसूस करना, रिश्तो में अलगाव, और बेचैनी  जैसे लक्षण प्रकट होते हैं।
 इसकी कमी को दूर करने के लिए बच्चों के साथ खेले परिवार जनों या दोस्तों के साथ समय बताएं अपने पेट को दुलार करें संगीत सुनें।

2. पेन किलर हारमोंस यानी इंडोर्फिन --

इंदौर पिन का स्त्राव एक प्राकृतिक दर्द निवारक के रूप में कार्य करता है। कॉल पीड़ा के एहसास को कम करने का काम करता है। इस हार्मोन की कमी के कारण चिंता अवसाद मिजाज बदलने दर्द एवं पीड़ा होना आवेश पूर्ण व्यवहार करना आकर्मकता आना जैसे लक्षण प्रकट होते हैं।

क्या करें --
-- लाफटर थेरेपी ले।
-- मनोरंजक फिल्में देखें।
--- रोचक किताबें पढ़ें।
--- योग और कसरत करें।
--- डार्क चॉकलेट खाएं, मसाज थेरेपी ले।

3.  फील गुड हार्मोन यानी डोपामिन --

 यह हार्मोन  सीखने में सक्षम बनाता है लक्षण इच्छाओं और जरूरत को पूरा करने का दृढ़ संकल्प देता है। जब शरीर में इस हार्मोन की कमी उत्पन्न होती है तो आदमी तलम टूल करने लगता है आत्म सम्मान में कमी आ जाती है और प्रेरणा तथा उत्साह में अचानक कमी देखने को मिलती है। व्यक्ति निराशा महसूस करने लग जाता है। इसको मेंटेन करने के लिए निम्न कदम उठाये --

-- टास्क समय पर पूरे करें।
-- सेल्फ केयर एक्टिविटी करें ।
-- अच्छा पोस्टिक भोजन करें।
-- अपनी छोटी छोटी जीत को सेलिब्रेट करें।

4.  मूड बूस्टिंग हार्मोन यानी सेरोटोनिन --

 यह बेहद खास हार्मोन है। सेरोटोनिन अच्छी भावना को जागृत करने वाला हार्मोन। यह उत्कृष्टा  हासिल करने और आदमी को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।

 दोस्तों इस आर्टिकल के पहले भाग में आपने हमारे शरीर और दिमाग में प्रवाहित होने वाले हैप्पीनेस हारमोंस के बारे में जाना। यह हारमोंस इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें खुश रखने में मददगार साबित होते हैं। आई अब हम यह जानने का प्रयास करते हैं कि वह कौन सी छोटी-छोटी बातें हैं,  वह कौन से छोटे-छोटे उपाय हैं, जिन्हें अपना कर हम अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं। 7 अप्रैल को पूरी दुनिया विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाती है। इसका उद्देश्य लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना। विश्व स्वास्थ्य दिवस पर आप यह तय करें कि अब मुझे जीवन में हमेशा खुश रहना है। चाहे मेरी जिंदगी का खराब दौर चल रहा हो.. या अच्छा दौर..! 

खुशी हासिल करने के आसान उपाय --

 हम अपने जीवन में जो कुछ करते हैं वह खुशी हासिल करने के लिए करते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से हमारी स्वयं की आदतों के कारण खुश रहना काफी मुश्किल भरा कार्य लगता है। हमारी सोच कुछ इस तरह की बन चुकी है की  "खुश रहने के लिए हालात अच्छे होने चाहिए, तभी हम खुश रह सकते हैं।" परंतु ऐसा नहीं है..!  मैंने ऐसे लोगों को भी बहुत खुश रहते हुए देखा है जिनके हालत खराब है। जिनके जीवन में परेशानियां अधिक है। 

1. दूसरों से तुलना करना छोड़ दें --

 हमारा अपने जीवन में दुखी रहने का सबसे बड़ा कारण है दूसरों के साथ अपनी तुलना करना। एक बड़ी समस्या है। ज्यादातर लोग इसलिए दुखी नहीं होते कि उनके पास किसी चीज की कमी है बल्कि वह इसलिए दुखी होते हैं क्योंकि वह खुद की तुलना दूसरों से करते हैं। मैं खुद लंबे समय तक इस तुलना करने वाली बीमारी से पीड़ित रहा हूं और दुखी रहा हूं।
 मैंने धीरे-धीरे प्रयास करके इस तुलना करने वाली बीमारी से अपना पीछा छुड़ाया इसके बाद मुझे सुख शांति प्राप्त हुई। मैं बाइक चलाता हूं तो फोर व्हीलर चलाते हुए अपने साथियों को देखकर दुखी हो जाता हूं। ठीक इसी तरह गरीब आदमी अमीर आदमियों को देखकर दुखी है। झोपड़ी वाला महलों वालों को देखकर दुखी है। साइकिल चलाने वाला बाइक चलाने वाले को देखकर दुखी है। क्योंकि इनकी तुलना में हम अपने आप को छोटा समझने लग जाते हैं और हमारा मन दुखी हो जाता है। यह एक मूर्खतापूर्ण खेल है जो हमारी जिंदगी में चलता रहता है और जब तक यह चलता रहता है तब तक हम दुखी और उदास रहते हैं, क्योंकि यह तुलना हमें दूसरों की अपेक्षा कमजोर और असहाय बना देती है। जो लोग अपनी जिंदगी में खुश रहने के लिए बाहरी हालात पर निर्भर रहते हैं वह जीवन में सच्ची खुशी महसूस नहीं कर सकते। हमें स्वयं अपने अंदर झांक कर देखना होगा और यह सूचना होगा कि हम किस तरह खुश रह सकते हैं। जब तक हम हमारे अंतर मन में बदलाव नहीं करेंगे तब तक खुश नहीं रह सकते। इसके लिए आप अपने जीवन शैली में कोई बनावटीपन मत लाइए आप अपने आप को सहज रखें आप जैसे हैं वैसे ही अपने को रखते हैं तो आप खुशी महसूस कर सकते हैं। ऐसा करने से आप कुदरती तौर पर खुश रहते हैं दूसरों से तुलना एक ऐसी बीमारी है जो आपको पूरी तरह रोग ग्रस्त बना देती है इसे आज ही छोड़ दें आपके दोस्तों के पास कर बांग्ला प्रॉपर्टी जो है अच्छी बात है पर आप उसमें खुश रहें जो आपके पास है। सच्ची खुशी प्राप्त करने का यह एक रामबाण फार्मूला है।

2. जिंदगी के हर रंग का मज़ा लें --

 अगर आप  मुस्करा कर, खिलखिला कर, अपना जीवन बिताना चाहते हैं, तू जिंदगी क्या हर पल का आनंद उठाइए। चाहे आपके सामने परिस्थितियों कैसी भी हो बिजनेस में घाटा हुआ हो, दुकान अच्छी नहीं चल रही हो जॉब नहीं मिल रहा हो। या आपके पास खूब सारा पैसा हो, आपकी हालत अच्छे हों, हमेशा मुस्कुराते हुए अपनी जिंदगी को मस्त होकर जिए। कोई  भी अपने आप में परफेक्ट नहीं होता, हर किसी में कुछ ना कुछ कमियां जरूर होती हैं। आपके अंदर भी कुछ कमियां जरूर होगी, मेरे अंदर भी कुछ कमियां हैं, लेकिन जो कमियां हैं उन्हें रहने दें। उन पर अपना ध्यान फोकस ना करें। अच्छा होगा कि आप कर्मियों के बजाय अपनी खूबियों पर ध्यान केंद्रित करें। उन चीजों पर फोकस करें जो आपकी व्यक्तित्व को निखारती हैं। मस्त मौला बने और जिंदगी के हर अच्छे बुरे पाल को मस्ती के साथ बितायेँ।

3. बुरे अतीत से पीछा छुड़ाएं --

 दोस्तों आपके साथ अतीत में यदि कुछ बुरा हुआ है और आप आज भी उन बातों को याद करके दुखी हैं तो यह बहुत गलत है। अतीत की बुरी बातें हमेशा हमें दुखी करती हैं और उदास कर देती है इसलिए अतीत की बुरी बातों से पीछा छुड़ाएं खुद की देखभाल करें। भविष्य में अच्छे से अच्छा करने की सोचें वर्तमान को अच्छे से जिए। थोड़ा समय अपने लिए जरूर निकले अपनी खूबसूरती बढ़ाने पर ध्यान दें। कभी-कभी अपने परिजनों और दोस्तों के साथ गप्पे लगे उनके साथ हंसी मजाक करें। तो कभी-कभी अकेले शाम गुजरे प्रकृति के बीच जाएं योग ध्यान माइंडफूलनेस का भी अभ्यास करें। अतीत की बुरी बातों को याद करके अपने वर्तमान की खुशियों को कुर्बान ना करें। अगर आप खुशी हासिल करना चाहते हैं तो अपने वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करें उसे उसे अच्छी तरीके से जिए। 

4.  खुद को माफ करना सीखें --

 खुद को माफ करना आना चाहिए यह कहना छोड़ दें कि मेरी वजह से ऐसा हो गया। मेरी वजह से गलत काम हो गया। यदि आपसे कोई गलती हो भी गई है तो यह सोच कर आकर बड़े की गलती हर इंसान से होती है उसे भूल जाना चाहिए। ऐसा करने से आपका मन एकदम हल्का रहेगा और मन पर कोई भी प्रेशर नहीं बढ़ेगा।

5.  सबके लिए अच्छा बनना ठीक नहीं --

 अक्सर हमारी ऐसी आदत होती है कि हम खुद कष्ट सहन कर लेते हैं लेकिन दूसरों को कोई कष्ट देना नहीं चाहते उनकी नजरों में अच्छे बने रहना चाहते हैं। सबके लिए अच्छे बनने की कोशिश में लगे रहने से आप अपने लिए बेहतर करना छोड़ देते हैं। आप केवल इस बात पर ध्यान दें कि अपना जीवन सरलता और सादगी के साथ जिए ऐसा करने से आपके तन और मन दोनों फिट रहेंगे आप खुशियां हासिल कर सकेंगे।

6.  अपने भीतर के बच्चे को जिंदा रखें --

 आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम अपनी खुशियों को भूल जाते हैं, हम यह भी भूल जाते हैं कि खुश कैसे रहें। आप जब कभी भी थकान महसूस करें, अपने भीतर के बच्चे को जिंदा कर ले, और कुछ देर बच्चों की तरह खिलखिला कर मस्ती करते हुए, घुड़ - दोड़ करते हुए हंसें और खेलें। किडले टिकी महत्व को समझ की डेटिंग यानी थोड़ी देर के लिए बच्चों की तरह बनकर मस्ती करना होता है यह आपको खुश रहना सिखा देगा। अतः अपने अंदर के बच्चे को कभी-कभी जिंदा रखना जरूरी होता है।

7.  मुस्कुराए --

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 अगर आप खुश रहना चाहते हैं तो एक चीज को हमेशा के लिए अपना लें और वह है -- मुस्कुराना। सुबह जवाब उठाते हैं तो सबसे पहले काम यह करें कि आप मुस्कुराए। दोस्तों आपके साथ जो लाखों करोड़ों लोग सोए थे उनमें से सभी नहीं उठ पाए। आप खुश नसीब हैं कि आप कि आप सही सलामत उठे हैं आते हैं सबसे पहले मुस्कुरा कर ईश्वर का धन्यवाद करें। यह कोई छोटी बात नहीं है, यदि आपके आसपास कोई है तो उसे देखकर मुस्कुराई बहुत से लोगों को यह बड़ा अजीब लग सकता है मगर इसका महत्व आपको तब पता चलेगा जब आपका कोई प्रिया जान रात को सोएगा पर सुबह उठ नहीं पाएगा। यह सबसे कीमती चीज है कि आप जीवित हैं, और जो भी आपके प्रिय जान आपके साथ सोए वह भी जीवित हैं यह एक शानदार चीज है।  इसके महत्व को समझें और मुस्कुराए।  लोगों से प्यार करना सीखें,  ऐसा करके आप खुशी महसूस कर सकते हैं।

8. खुश रहना अपनी जिम्मेदारी समझे --

 किसी भी इंसान की पहली जिम्मेदारी है एक - खुशमिजाज इंसान बनना। यह जीवन का बुनियादी पहलू है। अगर आप खुश नहीं है, तो अपने जीवन में क्या कर सकते हैं..? आप एक बार खुश होना सीखे, तभी जीवन में दूसरी संभावनाएं खुलती हैं। अगर आप अपने आपके लिए, अपने परिवार के लिए, और समाज व देश के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं तो सबसे पहला कार्य है कि आप खुद को एक खुश मिजाज व्यक्ति बनाएं।

9.  दूसरों की मदद करें --

 दूसरों के लिए कुछ करने या कुछ देने की भावना आपको खुशी देती है और भावनात्मक संतुष्टि प्रदान करती है जरूरी नहीं है कि यह खुशी कोई बहुत बड़ा कार्य करके हासिल की जाए यह छोटे-छोटे काम करके भी प्राप्त की जा सकती है। दूसरों की मदद करके सच्ची खुशी प्राप्त होती है जितना हो सके दूसरों की मदद करें माफ करना सीखें गलतियों को सुधारना सीखें यह छोटे-छोटे नुस्खे आपको खुशी का एहसास दिलाएंगे।

सोमवार, 1 अप्रैल 2024

"जीवन चुनें... मौत नहीं, विश्व तम्बाकू निसेध दिवस पर युवाओं को प्रेरणा ( मोटीवेशनल - motivation)











 Date 29/05/2023


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दोस्तों, 31 may 2023 को  "विश्व तम्बाकू निषेध दिवस"  के रूप मै, पूरी दुनिया में मनाया जायेगा।  भारत ही नहीं पुरी दुनिया तम्बाकू रूपी दानव के सिकंजे मै जकड़ी हुई हैं।  सबसे चिंतित करने वाली बात ये है कि हमारी युवा पीढ़ी इसका ज्यादा खामियाजा भुगत रही हैं। तम्बाकू मौत और बर्बादी की और जाने वाला रास्ता है। तंबाकू में पाए जाने वाले अनेक विषैले तत्व, हमें शारीरिक और मानसिक दोनों तरीके से कमजोर करते हैं। विश्व तम्बाकू निसेध दिवस की सार्थकता तभी है, जब हम तम्बाकू मुक्त होकर कुशहाल जीवन जिये।  जिन्दगी चुनें तम्बाकू नहीं। प्रेरणा डायरी कि आज कि पोस्ट इसी मुद्दे पर आधारित हैं। सबसे पहले मैं आपको तंबाकू के दुष्प्रभाव के बारे में बताना चाहूंगा, ऐसा इसलिए नहीं है कि आपको डराया जाए,  बल्कि ऐसा इसलिए ताकि आप अवेयर हो सके। इसके क्या नुकसान हैं..! ये बात जानेn..! क्योंकि दुष्प्रभाव कि सही जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में लोग इसे तौबा कर देते हैं। 


तम्बाकू के दुष्प्रभाव:---


तम्बाकू,बीडी, सीगरेट, गुटका, खैनी, जरदा ये सब मीठा और धीमा जहर है। मैंने भी तम्बाकू का सेवन किया हैं। व्यक्ति धीरे धीरे इसका शिकार होता है, और फिर धीरे धीरे ही दर्दनाक मृत्यु आती है। इसलिए कहा भी गया है की "" पहले हम तम्बाकू को खाते है, फिर तम्बाकू हमे खाती है "l इस के सेवन  सेंकडो शारीरिक और मानसिक बीमारियां, हमारे शरीर मे प्रवेश कर जाती है। तम्बाकू से हमारी युवा पीढ़ी का हुनर दम तोड़ रहा है। तम्बाकू हमारे मन, मतिस्क्, और सरीर तीनों को कमजोर करती है! जब एक युवा की ये तीनों आनमोल चीज छीन जायेगी, तो फिर क्या बचेगा...??? आप  समझ सकते है! इस जहर का प्रभाव! जो नोजवान रोज इसका  एस्ते माल करते है उनमे फफडो और हार्ट से जुड़ी बिमारियों का खतरा अन्य लोगों की तुलना मै 4 --5 गुना बढ़ जाता है। तम्बाकू हमारी सेहत के लिए कितना घातक हैं, और कितनी बिमारियों का जन्मदाता है, देखें --

1. मुह, गले,फेंफड़ो , गुर्दे, मसूड़े, आदि मै होने वाले घातक कैंसर का खतरा। 

2.  ब्लड प्रेशर का बड़ना। अर्थात तंबाकू का सेवन करने वाले नौजवान और व्यक्ति के शरीर में रक्तचाप उच्च रहता है अर्थात बीपी बढ़ जाता ह। उच्च रक्त चाप जिससे, ब्रेन हमरेज और लकवा जैसे रोगों का आगमन  शरीर में होता है। 

3. स्वसन से जुड़ी बीमारिया, जैसे -- आस्थमा, दमा, सांस लेने मे तकलीफ़, धूम्रपान करने वालों में अधिक देखी जाती है। 

4. हर्दयाघात (हार्ट अटैक) आना। तंबाकू और सिगरेट का सेवन करने वाले व्यक्तियों में हार्ट अटैक की संभावना अधिक देखी जाती है। 

 5. सांसों में बदबु  आना। 

6. कहते है की एक सिगरेट् जिंदगी के 11 मिनिट कम कर देता है। हम अंदाजा लगा सकते हैं कि कितना बड़ा नुकसान हैं।

7. तम्बाकू का सेवन करने वाले, अन्य लोगों की तुलना मै 30 प्रतिशत जादा बीमार होते है। 

8. पुरुष और महिलाओ की प्रजनन दर घट जाती है।  (नपुंसकता आती है) 

9. ऊर्जा और उत्साह की कमी। 

10. चेहरे पर ब्लैक स्पॉट, झुर्रिया और सावलाप नजर आना।

11. दिन भर कमजोरी, थकान महसूस होना।

12. कार्य क्षमता में गिरावट आना।

14. सेक्स के प्रति अरुचि उत्पन्न होना।

15. शरीर में शिथिलता का आना।

घातक निकोटिन :------

तम्बाकू, बीड़ी, सीगरेट, गुटका, जरदा, चाय आदि नशीले पदार्थो  में निकोटीन नामक तत्व पाया जाता है। इनका नियमित और अधिक सेवन करने पर,  धीरे धीरे हमारा शरीर और दिमाग इसके आदि हो जाते हैं, इनके शिकार  व्यक्ति को जब ये उपलब्ध नहीं होता है, तो उसे बैचेनी महसूस होती है। निकोटिन हमारे खून की नालियों को सिकोड देता है l फलस्वरूप , बी पी , हेमरेज, हिर्दय घात, जैसी जानलेवा बिमारियां हमें घेर लेतीं हैं। 

छात्रों पर हानिकारक प्रभाव : -------

तम्बाकू हर उम्र के व्यक्ति की प्रभावित करता है l तंबाकू एक बेड हैबिट है। एक स्टूडेंट्स जिसका मुख्य कार्य अध्ययन हैं,  उसके लिए तम्बाकू और भी घातक है l छात्रों को होने वाले नुकसान --- क्योंकि स्टूडेंट का संबंध अध्ययन से होता है और अध्ययन के लिए एकाग्रता और फ्रेस माइंड जरूरी होता है। तंबाकू छात्र की कार्य क्षमता को घटा देता है। तंबाकू का सेवन करने वाले छात्रों को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है वह कुछ इस प्रकार हैं 

1. स्मरण शक्ति  कमजोर हो जाती हैं।

2. एकाग्रता मै कमी आना। 

3. गुस्सा, चिड़चिडा पन महसूस होना। 

4. पढाई मै रूचि कम हो जाना।

5. आत्मविस्वास और प्रेरणा मै कमी आना। 

6. प्रजनन छमता में कमी, नपुंसकता l

7. टेंशन, तनाव, बेचेनी, घबराहट होना।

8. एकाग्रता में कमी आ जाती है। जबकि छात्रा के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है।

8. अच्छी उत्पादकता में गिरावट आ जाती है। अर्थात एक छात्र अच्छा आउटपुट प्रदान नहीं कर पता है।



  ऐसे छोड़ो तम्बाकू : ------

इसे छोड़ने का सबसे अच्छा उपाय है कि जब भी आपका खाने का मन हो, तो अपने आप से ये सवाल करे...... 

1. मै पैसे खर्च करके भी  मौत खरीद रहा हु....??

2. मुझे इससे क्या लाभ हो रहा हैं..?

2. कैन्सर्, हार्टअटैक, जैसी बिमारियों से अकाल मृत्यु होने पर मेरे परिवार व बच्चो का क्या होगा...?

 3.इस जहर के पैसों से मै अपने परिवार को खुशहाल रख सकता हुं। अपने बच्चों और पत्नी के लिए गिफ्ट खरीद सकता हूं अपने मां-बाप के लिए उपहार ले सकता हूं जिससे परिवार का माहौल खुशनुमा बनेगा। 

4.  यदि आप लंबे समय से तंबाकू का सेवन कर रहे हैं और आपको इसे छोड़ने में तकलीफ होती है तो अपने डॉक्टर या काउंसलर से डॉक्टर  मदद ले सकते है।

Conclusion :----- ( निष्कर्ष) 

किसी भी प्रकार के नशे की लत लगने पर उसे छोड़ पाना बड़ा मुश्किल हो जाता है।  पर नामुमकिन नहीं होता। आप दृढ़ संकल्प, और मजबूत इच्छा शक्ति के साथ तम्बाकू नाम के जहर से मुक्ति पा सकते है l अपनी हैल्थ के प्रति जागरूक रहे।  कम से कम हम  इतना तय करे,  की तम्बाकू मुक्त दिवस पर  अपने परिवार और खुद को तम्बाकू मुक्त करेंगे। तंबाकू का त्याग करके आप खुश और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

दोस्तों -- खुश हाल जीवन चुनो... तम्बाकू के रूप मै मौत नहीं l


K. S. Ligree ( पत्रकार) 

Blog URL-- prernadayari.blogspot.com

ब्लॉग - प्रेरणा डायरी।